बुल्ली बाई ऐप : आरोपियों की जमानत का विरोध, पुलिस ने कहा- धार्मिक समूहों में पैदा करना चाहते थे दुश्मनी
थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाले ‘बुल्ली बाई’ ऐप से जुड़े एक मामले में पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को अदालत में हलफनामा पेश किया। अधिकारियों ने अदालत को बताया कि इस मामले में तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने समाज में शांति भंग करने और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल किया। शहर पुलिस के साइबर सेल ने मामले के तीन आरोपियों विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत द्वारा दायर जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए उपनगरीय बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना हलफनामा प्रस्तुत किया।
आरोपियों की जमानत का किया विरोध :
पुलिस ने सोमवार को अदालत से आरोपियों जमानत याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि आरोपी भाग सकते हैं या मामले में सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। साइबर सेल ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार किए गए नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील मामले में पकड़े गए आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को हिरासत में लेने के लिए एक पुलिस टीम को राष्ट्रीय राजधानी भेजा गया है।
सिख समुदाय के नामों का किया इस्तेमाल :
पुलिस के हलफनामे के मुताबिक विशाल झा, श्वेता सिंह और मयंका रावत कई सोशल मीडिया समूहों का हिस्सा थे जो एक खास मानसिकता से काम कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि आरोपी सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय थे और ऐसी सामग्री पोस्ट कर रहे थे जिससे समाज में शांति भंग हो सकती है। हलफनामे में कहा गया है कि इन आरोपियों ने अपने ट्विटर हैंडल में सिख समुदाय के नाम और शब्दों को गलत तरीके से शामिल किया और इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से दो धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से संदेश पोस्ट किया।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों की समय पर गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से बच गई। पुलिस अभी भी मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने सिखों के अनुयायी के रूप में बुल्ली बाई ऐप बनाया और इसके पीछे की मंशा जानने के लिे आगे की जांच जरूरी है।