वयस्क कोरोना रोगियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी, मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटा, ये हैं लक्षण और उपचार

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स ने वयस्क कोरोना रोगियों के प्रबंधन के लिए संशोधित नैदानिक मार्गदर्शन जारी किया है। इसमें कोरोना के हल्के लक्षणों (माइल्ड), मध्यम लक्षणों (मॉडरेट) और गंभीर लक्षणों और उपचार की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि होम आइसोलेशन में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। किन हालात में रोगियों को ऑक्सीजन दिया जाना चाहिए और मामला गंभीर होने पर किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए।

मरीजों को तीन वर्गों में बांटा गया :
नई गाइडलाइन में कोरोना पाजिटिव पाए गए वयस्कों को तीन वर्गों में बांटा गया है। इनमें हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणी के मरीज शामिल हैं। संशोधित गाइडलाइन में तीनों प्रकार के मरीजों के लक्षणों, एहतियात और उपचार के बारे में जानकारी दी गई है।

हल्के लक्षण व उपचार :
नई गाइडलाइन के मुताबिक, कोविड-19 के माइल्ड केस में उन्हें रखा जाएगा जिन्हें बिना सांस लेने में तकलीफ के साथ संक्रमण है। ऐसे रोगियों को घर पर आइसोलेशन का पालन करना होगा। टास्क फोर्स की ओर से ऐसे रोगियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने, हाथों की स्वच्छता के साथ घर में भी मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है। हल्के कोरोना से पीड़ित मरीजों को केवल सांस लेने में कठिनाई होने पर चिकित्सा सहायता लेने को कहा गया है। ऐसे मरीजों को तेज बुखार या पांच दिनों से अधिक समय तक गंभीर खांसी होने की स्थिति में चिकित्सा सहायता लेने को कहा गया है।

कोविड के मध्यम लक्षणों वाले संक्रमितों में उन्हें शामिल किया गया है जिनको सांस फूलने की शिकायत आ रही है या जिनका घर पर आक्सीजन लेवल 90-93 प्रतिशत के बीच है। ऐसे लोग कोविड उपचार के लाभ के लिए क्लिनिकल वार्ड में भर्ती हो सकते हैं। ऐसे मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट दिया जाना चाहिए। वहीं गंभीर मामलों में उनको शामिल किया गया है जिनका आक्सीजन लेवल 90 फीसदी से कम हैI इनकों आइसीयू में भर्ती कराया जाना चाहिए। ऐसे मरीजों को रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखने की सलाह दी गई है।

स्टेरॉयड जैसे इंजेक्शन को लेकर रहें सावधान :
संशोधित ‘क्लिनिकल गाइडेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ एडल्ट कोविड -19 मरीज’ में कहा गया है कि कोविड रोगियों को ऑक्सीजन सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं होने या डिस्चार्ज के बाद भी स्टेरॉयड जैसे शक्तिशाली या इम्यूनोमॉड्यूलेटरी थेरेपी देने, इसकी अधिक खुराक देने या लंबे समय तक इस्तेमाल से म्यूकोर्मिकोसिस जैसी बीमारी हो सकती है।

किस लक्षण में कौन का इंजेक्शन :
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इंजेक्शन मेथिलप्रेडनिसोलोन 0.5 से एक मिलीग्राम/किग्रा दो विभाजित खुराक में या डेक्सामेथासोन की एक समान खुराक, आमतौर पर मध्यम लक्षण वाले मामलों में पांच से 10 दिनों की अवधि के लिए दी जा सकती है। गंभीर मामलों में समान अवधि के लिए एक ही दवा को एक से दो मिलीग्राम/किलोग्राम की दो विभाजित खुराकों में दिया जा सकता है। यदि लक्षण (बुखार और/या खांसी) बीमारी की शुरुआत के पांच दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं पांच दिनों के लिए 800 एमसीजी बीडी की खुराक पर इनहेलेशनल बिडेसोनाइड (मीटर्ड डोज इनहेलर/ड्राई पाउडर इनहेलर के माध्यम से दिया जाता है) हल्के मामलों में दिया जा सकता है।