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नई दिल्ली l महाराष्ट्र के अमरावती में एक केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की जांच मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने हत्या के आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज कर लिया है। केंद्र सरकार ने शनिवार को केमिस्ट की हत्या की जांच एनआईए से कराने का फैसला लिया है। केंद्र ने यह फैसला इस आशंका के मद्देनजर लिया है कि केमिस्ट की हत्या बीजेपी से निलंबित नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट का परिमाण हो सकती है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने एमएचए के आदेश के बाद और महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ की ओर से दायर रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज करने का निर्णय लिया। उदयपुर और अमरावती दोनों बर्बर हत्याओं की निगरानी एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता व्यक्तिगत रूप से कर रहे हैं।
शुक्रवार को अमरावती गई थी एनआईए टीम :
एनआईए ने शुक्रवार को अमरावती में अपनी एक टीम भेजी थी और इस नतीजे पर पहुंची है कि नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए कोल्हे की हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि मुख्य अपराधी अभी फरार है जबकि इस अपराध में सहयोगी दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या की यह घटना उदयपुर में हुई दर्जी की हत्या से पांच दिन पहले की है। जब घटना हुई थी तब राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार थी लेकिन, अब स्थिति बदल गई है।
जांच रिपोर्ट में मिला है संकेत :
आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही राज्य के डीजीपी से गुरुवार को एक रिपोर्ट मिली थी जिसमें संकेत दिया गया था कि बीजेपी की निलंबित नेता शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी का समर्थन करने के लिए फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतार दिया गया था।
पुलिस ने पांच लोगों को किया है गिरफ्तार :
महाराष्ट्र पुलिस ने अब तक अमरावती हत्याकांड के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और इरफान खान नामक एक व्यक्ति की तलाश जारी है, जो एक एनजीओ चलाता है और इस मामले का मुख्य आरोपी है। कोल्हे की हत्या को उस समय अंजाम दिया गया जब वह रात 10 बजे से 10.30 बजे के बीच अपनी दुकान को बंद कर दोपहिया वाहन से घर लौट रहा था।