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गुवाहाटी । राज्य में आई प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में आकर लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों का दुख दर्द बांटने के लिए असम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत से सहयोग भरा हाथ बढ़ाया जा रहा है । इसी क्रम में मुंबई के जाने माने समाजसेवी मनोहर लाल सिंघानिया ने असम मे आई बाढ़ की विभीषिका को टीवी पर देखा तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाने हेतु कोरोना महामारी में मारवाड़ी सम्मेलन गुवाहाटी शाखा के सेवा कार्य को देखते हुए सम्मेलन से शीघ्रता से व्यवस्था लेने का अनुरोध किया। आपदा विपदा में सेवा भाव से कार्यरत्त सम्मेलन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए २४ घण्टों में व्यापक तैयारियां करते हुए आज कामरूप ग्रामीण जिले के विभिन्न इलाकों में करीब 500 परिवारों के मध्य सुखा राशन बांटा । इसके अलावा पशुओं के लिए 200 पैकेट चापड़ के भी उपलब्ध कराए गए । इससे पूर्व मारवाड़ी सम्मेलन, गुवाहाटी शाखा के बाढ़ राहत सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों को पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी सम्मेलन (पुप्रमास) के प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश खंडेलवाल ने महेश्वरी भवन के सामने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर खंडेलवाल ने कहा कि आपदा के समय मारवाड़ी सम्मेलन की गुवाहाटी शाखा हमेशा अग्रणी भूमिका निभाती रही है। कोरोना काल के समय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा किया गया कार्य आज भी समूचे राष्ट्र में उदाहरण स्वरूप देखा जाता है। इस मौके पर मारवाड़ी सम्मेलन गुवाहाटी शाखा के अध्यक्ष सुशील गोयल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप भुवालका, सचिव शंकर बिडला, कार्यक्रम संयोजक व उपाध्यक्ष रमेश चांडक व प्रभास पोद्दार संयुक्त सचिव विवेक सांगानेरिया, माखनलाल अग्रवाल, जनसंपर्क अधिकारी संजीत धूत, सलाहकार प्रमोद हरलालका, विनोद जिंदल, गौतम शर्मा, पवन साबू, विकास जैन, विजय चोपड़ा, महावीर चाण्डक , ब्रोजेन काकोती, सहित सम्मेलन के कई कार्यकर्ता मौजूद थे। बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच बांटी गई राहत सामग्री के किट में चावल, दाल, चिड़वा, मीठा तेल, सोयाबीन, मुड़ी, जूस, बोतल बंद पानी, मोमबत्ती, माचिस सहित जरूरत की अन्य सामग्री मौजूद थीं । स्थानीय ग्रामीणों ने मारवाड़ी सम्मेलन के इस मानव सेवा कार्य की खुले दिल से प्रशंसा करते हुए कहा कि आपदा के इस समय जो उन्होंने अपनापन दिखाया है,उसे वे लोग भविष्य में कभी भी नहीं भूल सकते। बाढ़ ग्रस्त इलाकों का भ्रमण करते हुए सभी सदस्य आत्मविभोर हो गये तथा आगे भी इस क्षेत्र में कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।