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नई दिल्ली l देश भर के 86 से अधिक विश्वविद्यालयों के स्नातक कार्यक्रमों में दाखिले के लिए इस साल सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) 2022 आयोजित किया जा रहा है। पहली बार हो रही सीयूईटी यूजी परीक्षा करीब 15 लाख उम्मीदवार भाग ले रहे हैं।
सीयूईटी यूजी 2022 के लिए पहले चरण की परीक्षा शुक्रवार, 15 जुलाई से शुरू हो चुकी है। ऐसे में कई छात्रों की उत्सुकता है कि अगर सीयूईटी स्कोर में दो या दो से अधिक छात्रों को समान अंक मिलते हैं तो फिर विश्वविद्यालय या कॉलेज किस आधार पर दाखिला देंगे? तो बता दें कि ऐसी स्थिति में टाई ब्रेकर फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाएगा। तो आइए जानते हैं क्या होगी टाई ब्रेकर पॉलिसी?
CUET UG 2022 स्कोर में समान अंक मिले तो लागू होगी टाई ब्रेकर पॉलिसी :
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि अगर एक ही सीयूईटी स्कोर वाले दो छात्र एक ही कॉलेज और पाठ्यक्रम को पहली वरीयता के रूप में चुनते हैं तो इस मामले में टाई ब्रेकर पॉलिसी का इस्तेमाल किया जाएगा। टाई ब्रेकर पॉलिसी के तहत उम्मीदवार छात्रों को कक्षा 12वीं बोर्ड के अंकों के आधार पर वरीयता दी जाएगी।
इसके लिए तीन विषयों के सर्वश्रेष्ठ अंकों की तुलना की जाएगी। यदि सर्वश्रेष्ठ तीन भी समान हैं, तो सर्वश्रेष्ठ चार की तुलना की जाएगी और फिर सर्वश्रेष्ठ पांच की तुलना की जाएगी। यदि सर्वश्रेष्ठ पांच विषय भी समान आते हैं तो उस स्थिति में, अधिक उम्र वाले उम्मीदवार को सीट दी जाएगी।
CUET UG 2022 कॉलेज आवंटन से संतुष्ट नहीं, तो दूसरे दौर की प्रतीक्षा करें :
डीयू वीसी प्रो योगेश सिंह ने कहा कि प्रवेश के लिए हमारे पास एक केंद्रीय पोर्टल है, जिस पर छात्रों के अंकों के बारे में डाटा एनटीए द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा और फिर छात्र अपनी प्राथमिकताएं भरेंगे। हम फिर सीटें भरेंगे। अगर उन्हें अपनी पहली पसंद मिलती है तो वे अपनी सीट फ्रीज कर सकते हैं। यदि आवेदक कॉलेज आवंटन से संतुष्ट नहीं है, तो वे दूसरे दौर की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
CUET UG 2022 आरक्षित सीटों के भरने एवं दाखिलों के लिए विशेष प्रयास :
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने बताया कि आरक्षित सीटों के भरने एवं दाखिलों के लिए इस साल की शुरुआत में आठ सदस्यीय समिति का गठन भी किया था। उन्होंने कहा कि समिति ने सिफारिश की है कि आरक्षित वर्ग के तहत ज्यादा से ज्यादा दाखिले जल्द से जल्द किए जाएं।
कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया काफी लंबी है और आरक्षित वर्ग के छात्र डीयू कट ऑफ कम होने के कारण कई दिनों तक इंतजार करते हैं और फिर दूसरे कॉलेज में प्रवेश ले लेते हैं। हम इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे।