थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l देश के 15वें राष्ट्रपति के नाम का इंतजार अब से कुछ देर में खत्म हो जाएगा। संसद के कमरा नंबर 63 में बैलेट बॉक्स खुलने लगा है, जहां वोटों की गिनती की जा रही है। NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच कहने को तो सीधा मुकाबला है, लेकिन द्रौपदी मुर्मु की जीत लगभग तय है।
मुर्मू को NDA दलों के साथ ही शिवसेना, BJD और YSR कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। वहीं यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, TMC, NCP और SP का समर्थन मिला है।
मुर्मू की जीत को लेकर आश्वस्त भाजपा नतीजे आने के बाद दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी। ऐसा पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुआई करेंगे। वहीं भाषण देंगे। पहली बार आदिवासी महिला के राष्ट्रपति चुने जाने का श्रेय पीएम मोदी को देंगे। हालांकि, जुलूस में मुर्मू शामिल नहीं होंगी।
द्रौपदी की जीत से राजनीतिक मैसेज देने की तैयारी :
द्रौपदी मुर्मू की जीत की घोषणा होते ही देशभर में जश्न शुरू हो जाएगा। द्रौपदी की जीत से बीजेपी आदिवासी समुदाय सहित पूरे देश और खासतौर पर महिलाएं में खास संदेश देना चाहती है। जिससे मुख्य धारा से कटे इस समुदाय में राजनीतिक मैसेज जाए कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी ही ऐसी पार्टी है जो सत्ता के लिए नहीं बल्कि देश के वंचित तबकों और वर्गों के लिए काम करते हैं।
कार्यकर्ताओं को जीत के बाद पोस्टर में द्रौपदी मुर्मू के साथ किसी और नेता की तस्वीर न लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव से ही 2024 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी में जुट गई है।
इसलिए मुर्मू की जीत तय मानी जा रही :
भाजपा ने 21 जून को मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था, तब NDA के खाते में 5 लाख 63 हजार 825, यानी 52% वोट थे। 24 विपक्षी दलों के साथ होने पर सिन्हा के साथ 4 लाख 80 हजार 748 यानी 44% वोट माने जा रहे थे। बीते 27 दिन में कई गैर NDA दल समर्थन में आने से मुर्मू को निर्णायक बढ़त मिल गई। सभी 10 लाख 86 हजार 431 वोट पड़ते हैं तो मुर्मू को 6.67 लाख (61%) से अधिक वोट मिलेंगे। सिन्हा के वोट घटकर 4.19 लाख रह गए। जीत के लिए 5 लाख 40 हजार 065 वोट चाहिए।