लवलीना के ट्वीट से हड़कंप, खेल मंत्री मामले पर रख रहे नजर, कोच गुरुंग ने कही ये बात

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर लवलीना बोरगोहाईं के ट्वीट ने देश में हड़कंप मचा कर रखा दिया है। दरअसल, रविवार की रात मुख्य खेल गांव कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम (सीजीबी) के वेलकम सेंटर में आयरलैंड से पहुंची पूरी भारतीय बॉक्सिंग टीम को मान्यता कार्ड जारी कर दिए गए, लेकिन लवलीना की कोच संध्या गुरुंग का कार्ड नहीं बना। नतीजन उन्हें नजदीक के ही एक होटल में ठहराना पड़ा। सोमवार की सुबह लवलीना को तैयारी कराने के लिए संध्या खेल गांव के मुख्य द्वार पर पहुंचीं, लेकिन उनके पास मान्यता कार्ड नहीं होने के चलते उन्हें सिक्योरिटी गार्ड ने खेल गांव में नहीं घुसने दिया।

इसके बाद लवलीना ने ट्वीट कर बताया इसकी शिकायत कि उनके कोच को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खेल गांव में एंट्री नहीं दी जा रही है, जबकि आठ दिन बाद राष्ट्रमंडल खेलों में उनका मुकाबला है। ऐसे में लवलीना की तैयारी बाधित हो रही है। लवलीना के इस ट्वीट ने मैनेजमेंट पर सवाल खड़े कर दिए।

इसके बाद भारतीय खेल मंत्रालय ने एक्शन लेते हुए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) से बातचीत की है। खेल मंत्रालय ने आईओए को मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय ने आईओए से आग्रह किया है कि लवलीना की निजी कोच संध्या गुरुंग को मान्यता दी जाए, ताकि मुक्केबाज अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण ले सके। मंत्रालय ने आईओए को कॉमनवेल्थ फेडरेशन से तत्काल बात करने के भी निर्देश दिए हैं I

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खुद लवलीना के मामले को देख रहे हैं। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के संपर्क में रहने और जल्द से जल्द इस मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया है।

वहीं, इस मामले में पर लवलीना की कोच संध्या गुरुंग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। संध्या ने कहा- हम उम्मीद करते हैं कि हमारे सभी मुक्केबाज पदक लाएंगे। खिलाड़ी हमेशा चाहते हैं कि उनके कोच उनके साथ रहें। मैं लवलीना को प्रशिक्षित नहीं कर पा रही हूं, क्योंकि मुझे खेल गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। मुझे उम्मीद है कि आज यह समस्या हल हो जाएगी, वरना मैं उसे ट्रेनिंग नहीं दे पाऊंगी।

वहीं, भारतीय महिला बॉक्सिंग टीम के कोच भास्कर भट्ट ने कहा है कि लवलीना की कोच अब टीम के साथ हैं और सभी समस्या का समाधान बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) और आईओए (IOA) ने कर लिया है। हमारे सभी मुक्केबाज आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे सभी खिलाड़ी देश के लिए पदक लाएंगे।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस साल मार्च में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय शिविरों में गुरुंग और लवलीना के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच के नाम बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) द्वारा शामिल नहीं किए गए थे। बीएफआई ही नेशनल कैंप्स के लिए एथलीट्स, कोच और सपोर्टिंग स्टाफ के नामों की सिफारिश करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में संध्या का नाम बीएफआई ने बर्मिंघम जाने वाली सूची में शामिल नहीं किया था
हालांकि, मार्च के अंतिम सप्ताह में लवलीना द्वारा किए गए व्यक्तिगत अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए साई ने हस्तक्षेप किया था और बीएफआई से बातचीत की थी। साथ ही कैंप में गुरुंग और लवलीना के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच को शामिल करने के लिए कहा था। इसके बाद ये दोनों चार अप्रैल को नेशनल कैंप में शामिल हुए थे। लवलीना के कोच का नाम साई और खेल मंत्रालय द्वारा की गई एक विशेष सिफारिश के आधार पर कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए फाइनल लिस्ट में शामिल किया गया था यानी संध्या का नाम बर्मिंघम जाने वाले दल में डाल दिया गया।

भारत के 12 बॉक्सर इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें आठ पुरुष और चार महिला बॉक्सर हैं। पहले के नियम के मुताबिक, 12 बॉक्सर्स के साथ सिर्फ चार सपोर्ट स्टाफ को खेल गांव में जाने की इजाजत थी। इसके बाद बीएफआई ने आईओए की मदद से खिलाड़ियों की मदद के लिए इसे चार से आठ करवाया था। यानी 12 भारतीय बॉक्सर्स के लिए आठ सपोर्ट स्टाफ को खेल गांव में एंट्री की इजाजत दे दी गई थी। इनमें संध्या का नाम भी शामिल है।

सभी के मान्यता कार्ड पहले ही बन गए थे, लेकिन संध्या का नहीं बना था। उनसे कहा गया कि जब आयरलैंड से वह बर्मिंघम जाएंगी तो वहां उनका कार्ड बन जाएगी। जिसके चलते उन्हें आयरलैंड से ही टीम के साथ बर्मिंघम भेज दिया गया, लेकिन पहले से आवेदन नहीं होने के कारण वेलकम सेंटर में उनका मान्यता कार्ड नहीं बनाया गया।

इसके चलते संध्या को पहले वेलकम सेंटर में प्रताड़ित होना पड़ा, लेकिन सबसे ज्यादा प्रताड़ना उन्हें सोमवार को उठानी पड़ी, जब सुरक्षा कर्मी ने उन्हें उनका हाथ पकड़कर बाहर जाने के लिए कहा। लवलीना ने सोमवार को अकेले अभ्यास किया।

संध्या से कहा गया है कि उनका कार्ड बनाने की कोशिश की जा रही है, जब तक उनका कार्ड नहीं बनेगा तब तक न तो वह लवलीना को ट्रेनिंग दे पाएंगी और न ही खेल गांव में प्रवेश कर पाएंगी। उन्हें बाहर होटल में ही रहना पड़ेगा।

इस मामले पर अब प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। असम ओलंपिक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी लक्ष्य कुंवार ने कहा कि मैंने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी से बातचीत की है। इसके बाद मुझे पता चला कि लवलीना के कोच का नाम लिस्ट में था ही नहीं। राष्ट्रमंडल खेलों में सिर्फ 33 प्रतिशत सपोर्ट स्टाफ को खेल गांव में जाने की इजाजत है।

लक्ष्य ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय खेल मंत्रालय भी यह मामला कॉमनवेल्थ फेडरेशन के सामने उठा रहा है। उम्मीद है कि यह जल्द सुलझ जाएगा।
वहीं, लवलीना के पिता टिकेन बोरगोहाईं ने भी बयान दिया। टिकेन ने कहा- लवलीना ने अपने कोच को लेकर ट्वीट किया है और कहा है कि कोच को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के खेल गांव में घुसने की इजाजत नहीं दी गई है। मैंने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से बात की है और वह जल्द से जल्द कोच को खेल गांव में एंट्री के लिए परमिशन दिलवाने में जुट गए हैं।

टिकेन ने कहा- यह एक दुखद घटना है, लेकिन मैं चाहता हूं कि लवलीना अपने आने वाले मैच पर फोकस करें और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करें। हम चाहते हैं कि वह देश के लिए पदक जीता।

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