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गुवाहाटी । नशे के खिलाफ समाज को खड़ा होना होगा और जिस दिन समाज खड़ा हो जाएगा, सामाजिक संस्थाएं खड़ी हो जाएगी, ड्रग्स सहित अन्य मादक पदार्थों को हम खत्म करने में कामयाब हो जाएंगे। यह बातें असम के राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी ने मंगलवार को कहीं। माछखोवा स्थित प्रागज्योति आईटीए सेंटर में ब्यतिक्रम मासदो के तत्वावधान में आयोजित 60 दिवसीय एंटी ड्रग, टोबाको एंड लिक्वीर जागरूकता अभियान के 53वें दिन स्कूली विद्यार्थियों के लिए व्यख्यान सत्र को संबोधित करने के लिए बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी उपस्थित थें । उन्होंने कहा कि तेजी से फैल रहे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकने तथा इसके सेवन पर रोक लगाने के लिए सामाजिक संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकती है।राज्यपाल प्रो. मुखी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को मादक पदार्थ के सेवन से दूर रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उद्योगपति तथा युवा समाज सेवी डॉ. घनश्याम धानुका, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हीरेन चंद्र नाथ, असम स्किल डेवलपमेंट मिशन के मिशन डायरेक्टर अंकुर जैन, पूर्व विधायक शिलादित्य दे सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस मौके पर डॉ. धानुका ने अपने अजस्वी संबोधन में विद्यार्थियों से कहा कि बचपन में हमारे माता-पिता हमसे कहते थे कि आग को मत छुओ क्योंकि इससे हमारी उंगलियां जल जाएंगी। लेकिन फिर भी अगर कोई बच्चा आग को छूता है, तो वह अपनी उंगली जला बैठता था और बाद में उसे आग को छूने से होने वाले हानिकारक प्रभाव की समझ आती थी। मादक पदार्थ भी उसी तरह है, जिससे सभी को दूर रहना है। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में बहुत सी चीजों की उपयोगिता है लेकिन जब इसका दुरुपयोग किया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम होते हैं। उसी तरह, अल्कोहल हम अपने कारखाने में हैंड सैनिटाइजर के निर्माण में उपयोग करते हैं, यह कोविड महामारी के दौरान एक उद्धारकर्ता साबित हुआ है, मगर जब इसका सेवन किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।
डॉ. धानुका ने कहा कि इंडिया टुडे द्वारा 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अकेले 2017 में ड्रग्स ने वैश्विक स्तर पर लगभग 7.5 लाख लोगों की जान ली है। मेरा मानना है कि यह कोविड से भी ज्यादा खतरनाक है। यदि हम सब एक साथ आएं और इस नेक कार्य की ओर एक कदम बढ़ाएं, तो हम असम को एक नशा, तंबाकू और शराब मुक्त राज्य बना सकते हैं। इस नेक कार्य के लिए राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी तथा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा के आदर्शों और मूल्यों का समर्थन कर उनकी मूहिम को सार्थक की जा सकती है।
उन्होंने डॉ सौमेन भारतीय व ब्यतिक्रम मासदो की पूरी टीम को धन्यवाद दिया, जिन्होंने 60 दिनों के जागरूकता अभियान का आयोजन करके युवाओं को प्रतिबंधित दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में शिक्षित करने की दिशा में नेक पहल की है। ये व्यसन एक व्यक्ति के जीवन को उसके परिवार, दोस्तों और समाज सहित नष्ट कर देते हैं। चूंकि शिक्षा किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए स्वस्थ देश के निर्माण के लिए इस तरह की पहलों को बढ़ाया जाना चाहिए।
डॉ. धनुका ने आह्वान किया कि हम सब मिलकर मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता फैलाएं और एक स्वस्थ असम सहित पूर्वोत्तर के निर्माण का संकल्प लें। कार्यक्रम में मौजूद अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार रखें।