भारत को पहला रजत पदक दिलाने वाले संकेत के पिता चलाते हैं पान की दुकान

थर्ड आई न्यूज

बर्मिंघम I संकेत महादेव सरगर ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला रजत पदक दिला दिया है। महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाली इस 21 वर्षीय भरोत्तोलक ने 55 किग्रा भारवर्ग में इतिहास रच दिया। क्लीन एंड जर्क के दूसरे राउंड में चोटिल होने के बावजूद सरगर ने स्वर्ण के लिए प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन और पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में रजत जीतने वाले संकेत स्वभाव से शर्मीले हैं और मुकाबलों के दौरान अपनी टीम के सपोर्ट स्टाफ के अलावा किसी से बात नहीं करते हैं।

संकेत महाराष्ट्र के सांगली में पिता की पान की दुकान और खाने की दुकान में मदद करते हैं। वह अपने पिता को अब आराम करते हुए देखना चाहते हैं। संकेत ने इस साल फरवरी में सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल में 256 किग्रा (स्नैच में 113 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 143 किग्रा) उठाकर कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

पिता की करना चाहते हैं मदद :
संकेत ने हाल ही में कहा था, ”अगर वह अगर मैं स्वर्ण जीत लेता हूं तो अपने पिता की मदद करूंगा। उन्होंने मेरे लिए काफी दुख उठाए हैं। मैं उन्हें अब खुशियां देना चाहता हूं।” संकेत अब पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण जीतना चाहते हैं। संकेत के रजत जीतने के बाद उनके पिता महादेव सरगर ने कहा, ”मेरे बेटे ने भारत को पहला पदक दिया है इससे हम बहुत खुश हैं।”

2020 में जीते थे दो स्वर्ण :
संकेत सरगर को पिछले साल अक्तूबर में एनआईएस पटियाला में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। वह कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र हैं। संकेत ने खेलों इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में स्वर्ण पदक जीता था।

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