अरुणाचल के साथ सीमा विवाद: असम ने समिति को 31 अगस्त तक दौरा समाप्त करने का सुझाव दिया

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I असम ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव दिया कि अंतरराज्यीय सीमा को लेकर मतभेदों को सुलझाने के लिए असम और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों द्वारा गठित क्षेत्रीय समितियों को अगस्त के अंत तक विवादित क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण पूरा करना चाहिए।

असम क्षेत्रीय समिति ने यहां एक बैठक में फैसला किया कि इसके बाद समितियां 15 सितंबर तक अपनी-अपनी सरकारों को रिपोर्ट सौंपेंगी। बैठक में मौजूद असम के कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि निर्णयों के बारे में अरुणाचल प्रदेश में संबंधित समिति को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस महीने के अंत तक संयुक्त निरीक्षण पूरा करना चाहते हैं और फिर 15 सितंबर तक संबंधित सरकारों को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं। हम पड़ोसी राज्य के अपने समकक्षों के साथ इस पर आगे चर्चा करेंगे और कार्यक्रम को अंतिम रूप देंगे।’’

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और अरुणाचल प्रदेश के उनके समकक्ष पेमा खांडू के बीच 15 जुलाई को चर्चा के बाद समितियों का गठन किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप ‘नामसाई घोषणापत्र’ पर हस्ताक्षर किए गए थे।

पूर्वोत्तर के दोनों पड़ोसी राज्यों ने ‘विवादित गांवों’ की संख्या को पूर्व के 123 के बजाय 86 तक सीमित करने का फैसला किया है, और बाकी मुद्दों को 15 सितंबर तक हल करने का प्रयास किया जाएगा। बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय समिति की बैठक की अध्यक्षता राज्य सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के मंत्री अतुल बोरा ने की। कई अन्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि दोनों राज्य 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। वर्ष 1972 में केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए अरुणाचल प्रदेश की शिकायत यह है कि मैदानी इलाकों में कई वन क्षेत्र जो परंपरागत रूप से पर्वतीय आदिवासी प्रमुखों और समुदायों के थे, उन्हें एकतरफा तरीके से असम में स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिलने के बाद एक त्रिपक्षीय समिति गठित की गई जिसने सिफारिश की थी कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया जाए। असम ने इसका विरोध किया और मामला उच्चतम न्यायालय में है।

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