थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी. वरिष्ठ समाजसेवी प्रभु दयाल जालान का आज दोपहर निधन हो गया. उनकी अंतिम यात्रा कल यानी शुक्रवार को सुबह 11:00 बजे उनके फैंसी बाजार स्थित निवास स्थान से भूतनाथ मुक्तिधाम के लिए निकलेगी. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक स्वर्गीय जालान पिछले कुछ दिनों से वृद्धावस्था जनित बीमारियों से पीड़ित थे. आज दोपहर 1:20 पर उन्होंने अंतिम सांस ली.
प्रभु दयाल जालान का जन्म 23 जनवरी 1938 को हुआ था. वे अपने पीछे दो पुत्रों और तीन पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. प्रभु दयाल जालान एक सामाजिक व्यक्ति थे. श्री गौहाटी गौशाला, श्री मारवाड़ी दातव्य औषधालय, श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय, मारवाड़ी सम्मेलन, मारवाड़ी पंचायत सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं से वे सक्रिय रुप से जुड़े हुए थे. वे स्वभाव से विद्रोही थे. महानगर के मारवाड़ी समाज की संस्थाओं में व्याप्त अधिनायकवाद के खिलाफ उन्होंने जिंदगी भर आवाज उठाई. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी वे काफी मुखर रहते थे. उन्होंने कभी पद या यश लाभ के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. अपने विद्रोही तेवरों के चलते समाज के यथास्थितिवादियों से उनकी कभी नहीं पटी.
प्रभु दयाल जालान राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्ति थे. अपनी युवावस्था से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके अनुषंगिक संगठनों से जुड़े हुए थे. विश्व हिंदू परिषद और कल्याण आश्रम से उनका जुड़ाव ताउम्र रहा. राष्ट्रवादी विचारधारा के होने के चलते पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी में भी उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया.
प्रभु दयाल जालान ने एक अनुशासित जीवन जिया.अल सुबह उठकर मॉर्निंग वॉक करना उनकी दिनचर्या में शामिल था. इस दौरान वे पशु-पक्षियों व कीट- पतंगों को चारा और आहार भी डालते थे. उनके चले जाने से समाज में एक ऐसा शून्य पैदा हुआ है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है. अंग्रेजी दैनिक दी असम राइजिंग और वेब पोर्टल थर्ड आई न्यूज परिवार स्वर्गीय प्रभु दयाल जालान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.