अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा सिलचर ने किया संत गणिनाथ जयंती का आयोजन
थर्ड आई न्यूज

सिलचर से मदन सिंघल
अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा, बराक उपत्यका शाखा, बराक महिला समिति, बराक युवा समिति के द्वारा संत गणिनाथ जयंती समारोह का आयोजन किया गया। सुबह आयोजन समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज शाह के द्वारा ध्वजारोहण किया गया एवं सामूहिक रुप से अभ्युदय गीत गाया गया। इसके बाद बाबुल कानू और रुबि कानू के अगुवाई में संत गणिनाथ का पूजन किया गया।
अभिनन्दन समारोह में मंचासीन
संत गणिनाथ जयंती समारोह आयोजन समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज शाह, महामंत्री मनोज कानू, अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा बराक उपत्यका शाखा के अध्यक्ष बाबुल नारायण कानू, महामंत्री संजीव कानू,बराक महिला समिति की अध्यक्षा गायत्री कानू व महामंत्री रुमा कानू, बराक युवा समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश कानू और पंजाब नेशनल बैंक, सिलचर ब्रांच के मैनेजर पुरुषोत्तम कुमार थे.समारोह में वरिष्ठ महिला पार्वती कानू, सुकुमारी कानू, दुर्गा प्रसाद कानू ,विजय कानू, परशुराम कानू,सन्तोष कानू नेमचान्द कानू,बेचन कानू,राज नारायण कानू,श्यामा प्रसाद कानू,नन्दलाल बानिया,उदय प्रकाश कानू,अनीता कानू को सम्मानित किया गया।
संत गणिनाथ के जीवन चरित्र पर चर्चा और बराक में बसे समाज के बारे में विचार-विमर्श में चतुर्भूज शाह, बाबुल नारायण कानू,दुर्गा प्रसाद कानू,संजीव कानू,जय प्रकाश कानू, श्यामा प्रसाद कानू,सूरज कानू,बाबु कानू,रुमा कानू, गायत्री कानू ने भाग लिया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में उर्मिला रानी कानू, दुर्गा प्रसाद कानू, बन्दना कानू,पूर्णिमा कानू, अंकिता बानिया व नृत्य सांची पटवा ने गीत एवं मेघा कानू व देवांशी कानू ने नृत्य प्रस्तुत किए।
समारोह में समाज के 16 मेधावी विद्यार्थियों को सुकुमारी कानू और उनके परिवार के सौजन्य से “राधामोहन कानू स्मृति पुरस्कार” प्रदान किया गया।
समारोह में सर्व सम्मति से बराक के तीन वैली लोंगाई शाखा,भूवन वैली शाखा और चारगोला वैली शाखा की कार्यकारिणी समिति को कार्यकाल पूरा होने के चलते भंग कर दिया गया। आगामी सितम्बर महीने के भीतर वैली शाखा गठन हेतु आह्वायक कमेटी का गठन किया गया।
समारोह में बेचन कानू,सन्तोष कानू, त्रिभुवन कानू, मनोज कानू, रंजित कानू,रामु कानू, बलराम कानू,राहूल कानू कमलेश कानू, त्रिभुवन कानू,राजेश कानू और राजू बनिया और अन्य को गणिनाथ स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।इस समारोह में बराक घाटी के विभिन्न जगहों से समाज के लोग उपस्थित थे।