नीतीश को झटका: दमन और दीव में जदयू की पूरी इकाई का भाजपा में विलय, 15 पंचायत सदस्य बीजेपी में शामिल

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद से वह नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को लगातार झटके दे रही है। नीतीश कुमार की विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम के बीच भाजपा ने उन्हें एक और बड़ा झटका दिया है। जदयू की दमन और दीव इकाई का सोमवार को भाजपा में विलय हो गया। पहले मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं इस घटनाक्रम पर भाजपा नेता विजया राहतकर ने कहा है कि यहां से जदयू का वजूद पूरी तरह से खत्म हो गया क्योंकि उनकी राज्य इकाई का पूरी तरह से भाजपा में विलय हो गया। जदयू की विश्वासघात की राजनीति और ‘बाहुबलियों’ से हाथ मिलाने का फैसला यहां के लोगों को रास नहीं आया।

जदयू की पूरी इकाई भाजपा में शामिल :
दमन और दीव के जदयू के 17 जिला पंचायत सदस्यों में से 15 और राज्य जदयू की पूरी इकाई सोमवार को भाजपा में शामिल हो गई। भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा बिहार में विकास को गति देने वाली भाजपा का साथ छोड़कर बाहुबली, भ्रष्ट व परिवारवादी पार्टी का साथ देने के विरोध में दमन दीव के जेडीयू के 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्य एवं प्रदेश जेडीयू की पूरी ईकाई भाजपा में शामिल हुई।

बता दें कि कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। इसके अलावा हाल ही में मणिपुर के जदयू के 7 में से 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। जनता दल (यूनाइटेड) के पांच विधायकों का पिछले सप्ताह भाजपा पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में सत्तारूढ़ दल भाजपा में विलय हो गया था।

नीतीश की मुहिम, सोनिया गांधी से भी मिलेंगे :
नीतीश कुमार ने पिछले दिनों दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ओमप्रकाश चौटाला, एचडी देवेगौड़ा जैसे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। उनका कहना है कि एक बार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी देश लौट आएंगी तो मैं उनसे मिलने फिर दिल्ली जाऊंगा। इस हालिया दिल्ली दौरे के दौरान मैंने कई विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें की हैं। सभी लोगों से धीरे-धीरे मुलाकात होगी। सभी जब एक तरफ सहमत होंगे उसके बाद बैठक करेंगे और राज्यों और देश के विकास के लिए क्या करना है, वो सब तय करेंगे।

दिल्ली प्रवास के दौरान ही उन्होंने कहा था कि वह न तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं और न ही इसके इच्छुक हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात के बाद कुमार ने कहा था कि उनका ध्यान सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने पर है। नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह समय वाम दलों, कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों के लिए एकजुट विपक्ष बनाने का है।

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