असम सरकार और 8 जनजातीय समूहों के बीच हुआ समझौता, अमित शाह ने बताया मील का पत्थर

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार और 8 जनजातीय समूहों के प्रतिनिधियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए. अमित शाह ने कहा कि असम और पूरे उत्तर पूर्व के लिए आज का दिन बहुत महत्तवपूर्ण है. एक लंबी प्रक्रिया के बाद नार्थ ईस्ट को शांत और समृद्ध बनाने का काम पूरा हुआ है.

अमित शाह ने कहा कि विकास को गति देकर नार्थ ईस्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है. सरकार का सबसे बड़ा एजेंडा नार्थ ईस्ट में शांति बहाल करना है. उन्होंने कहा कि अरासु से युवकों ने हथियार डालकर अपने आप को मुख्यधारा में जोड़ा है. सरकार हर विवाद को 2024 तक खत्म करना चाहती है.

आदिवासी जनजाति को मिलेगा सामाजिक न्याय :
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उत्तर पूर्व को शांत और विकसित बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम किए गए. इसमें आज एक बड़ा मील का पत्थर हम पार कर आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का मानना है कि इस समझौते से आदिवासी जनजाति के लोगों को सामाजिक न्याय मिलेगा, आर्थिक विकास का एक बहुत बड़ा मौका मिलेगा और साथ ही राजनीतिक अधिकार भी मिलेगा.

इन आदिवासी संगठनों के साथ हुआ करार :
सरकार ने जिन आदिवासी संगठनों के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए वे हैं- बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), असम की आदिवासी कोबरा मिलिट्री (ACMA), ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA), संथाली टाइगर फोर्स (STF), एएएनएलए-एफजी (AANLA-FG), बीसीएफ-बीटी (BCF-BT), एसीएमए-एफजी (ACMA-FG).

%d bloggers like this: