बनारस से असम तक क्रूज से होगा सफर, गंगा-ब्रह्मपुत्र की लहरों पर तय होगा 4,000 किलोमीटर का रास्‍ता

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्‍ली. सरकार जल्‍द बनारस से असम तक क्रूज शुरू करने वाली है. यह देश का सबसे लंबा वाटरवेज होगा, जो 4,000 किलोमीटर से ज्‍यादा का सफर तय करेगा. केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि प्रोजेक्‍ट पर तेजी से काम चल रहा है और अगले साल फरवरी तक काम पूरा कर लिया जाएगा.

पोर्ट एवं जलमार्ग मंत्रालय ने बताया कि गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के साथ भारत-बांग्‍लादेश प्रोटोकॉल रूट से जाने वाला मार्ग देश का सबसे लंबा जलमार्ग होगा. क्रूज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से असम के बोगीबील तक जाएगा. इसका इस्‍तेमाल के टूरिज्‍म, व्‍यापार और कार्गो ट्रांसपोर्ट को आसान बनाने में किया जा सकेगा. असम के डिब्रूगढ़ जिले स्थित बोगीबील ब्रिज के आसपास कई प्रोजेक्‍ट लांच किए जा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बोगीबील और गुइझन पर तैरते हुए घाट बनाए जाएंगे, जिसका शिलान्‍यास भी किया जा चुका है. क्रूज के यात्रियों के लिए बोगीबील रिवरफ्रंट पैसेंजर घाट भी बनेंगे, जिसका निर्माण नॉर्थईस्‍ट फ्रंटियर रेलवे करेगा और यह बोगीबील ब्रिज के पास ही बनाया जाएगा. सोनोवाल ने कहा, प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने के लिए देश में कई जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं, जिससे माल ढुलाई का खर्च घटाने में मदद मिलेगी. यह प्रोजेक्‍ट गतिशक्ति नेशनल मास्‍टर प्‍लान के तहत ही बनाए जा रहे हैं.

पूर्वोत्तर को बनाएंगे देश का ग्रोथ इंजन :
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, गति शक्ति प्‍लान का असल मकसद जलमार्ग यातायात को विकसित करना है और असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर नेशनल वाटरवेज 2 तैयार किया जाएगा. इससे जलमार्ग यातायात की क्षमता बढ़ेगी और पूर्वोत्तर तक सफर आसान हो जाएगा. यह प्रोजेक्‍ट आर्थिक अवसर भी बनाएगा, जो पूर्वोत्तर भारत को देश के विकास का इंजन बनाने में मददगार साबित होगा. सरकार ऐसे जलमार्गों के विकास पर जोर दे रही है जो रिवर क्रूज टूरिज्‍म के साथ माल ढुलाई में मददगार हो सकें.

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