पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने छुए प्रधानमंत्री मोदी के पैर; पीएम ने गले लगाकर स्वीकार किया अभिवादन

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के बाद अब जापान से निकल चुके हैं। फिलहाल पीएम मोदी जापान से निकलकर हिंद प्रशांत महासागर के छोटे से देश पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद अहम है क्योंकि पापुआ न्यू गिनी हिंद प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है और अपनी लोकेशन की वजह से यह हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है।

पीएम नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी के पैर भी छुए। पीएम ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। यहां वे FIPIC शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

पापुआ न्यू गिनी क्यों है अहम :
हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के लिए पापुआ न्यू गिनी अहम देश है। यही वजह है कि अमेरिका की नजर भी पापुआ न्यू गिनी पर है और अमेरिका इस देश के साथ अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सोलोमन आइलैंड भी हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित एक द्वीपीय देश है और यहां चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ऐसे में चीन को काउंटर करने के लिए अमेरिका भी अब हिंद प्रशांत देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है।

पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी में मिलेगा खास सम्मान :
पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया जाएगा। खास बात ये है कि सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में सूरज ढलने के बाद पहुंचने वाले मेहमानों का पारंपरिक सम्मान नहीं किया जाता है लेकिन पीएम मोदी इस मामले में अपवाद हैं और उन्हें खुद पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री रिसीव करने एयरपोर्ट आएंगे।

हिरोशिमा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक के साथ बातचीत के दौरान भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में प्रगति सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। जी7 देशों के शिखर सम्मेलन से इतर सुनक से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर सहमति भी जताई।

चीन की चुनौती से निपटने में अहम :
चीन भारत के प्रभाव वाले हिंद महासागर में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। साथ ही हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत ने चीन को काउंटर करने के लिए हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा भी भारत की इन्हीं तैयारियों का हिस्सा है।