नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह बोले – मणिपुर में हिंसा करने वालों को बख्शेंगे नहीं

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर को लेकर बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री ने पहली बार कहा, मैं केद्र सरकार की ओर से प्रदेश के सभी लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सबके साथ न्याय होगा। हिंसा करने वालों को हम बख्शेंगे नहीं। उन्होंने कहा, पहले दोनों ग्रुप शांति बनाने का निर्णय करें। वे यहां कलाक्षेत्र में आयोजित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के उद्घाटन और असम पुलिस के असम सेवा एप लॉन्च के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। असम में हिमंत विश्व शर्मा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंत ने पिछले दो वर्ष का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया। इससे पहले असम पहुंचने पर मुख्यमंत्री और असम कैबिनेट के मंत्रियों ने गृहमंत्री अमित शाह का एयरपोर्ट में स्वागत किया।

गृहमंत्री ने कहा, मणिपुर में एक जजमेंट को लेकर कुछ क्लेसिस हुए। उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, हमारा काम शांति बनाए रखना है। आप व्यवस्था पर विश्वास कीजिए। दोनों ग्रुपों के लोग पहले शांति बनाने का निर्णय करें। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से विश्वास दिलाया कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। सबके साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा, हिंसा करने वालों को हम बख्शेंगे नहीं। इसका विश्वास आप नरेंद्र मोदी सरकार पर कीजिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी मिलकर एक बार पहले जैसे मणिपुर लिए काम करें। पिछले छह वर्षों से राज्य में शांति है। कहीं किसी तरह की घटना नहीं हुई। एक भी बंद नहीं हुआ, एक भी ब्लास्ट नहीं हुआ। और आज अदालत के निर्णय के कारण जो विवाद हुआ है, उसका हल बातचीत और शांति से इसका रास्ता निकालें। किसी के साथ अन्याय नहीं हो। यह नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है। उन्होंने बतााय कि वे खुद कुछ दिनों के बाद मणिपुर जाने वाले हैं और तीन दिन तक वहां रहेंगे। इस दौरान वे मणिपुर में शांति के लिए लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, प्रदेश में शांति तो वहां की जनता ही ला सकती है।

उन्होंने सभी से निवेदन किया कि अविश्वास की खाई को पाट करके शांति की प्रक्रिया में आगे बढ़ें। भारत सरकार और मणिपुर सरकार से वार्ता कीजिए। शांति का रास्ता खोजना पड़ता है, होता जरूर है। उन्होंने कहा, और मुझे विश्वास है, चर्चा से ही शांति की स्थापना हो सकती है।

एनएसएफयू ने किए हैं 170 अधिक देशों के साथ समझौते :
गृहमंत्री ने कहा, गुवाहाटी में नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी (एनएसएफयू) खुलने से न केवल पूर्वोत्तर बल्कि साउथ ईस्टर्न देशों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी (एनएसएफयू) ने 70 से अधिक देशों के पुलिस अधिकारियों और फॉरेंसिक वैज्ञनिकों की ट्रेनिंग की है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से 170 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर करके इसका निर्वहन कर रहे हैं। एनएसएफयू ने एशिया का एक मात्र बैलेस्टिक अनुसंधान केंद्र परीक्षण रेंज की भी स्थापित की है। डीएनए फॉरेंसिक साइंस में उत्कृष्ट केंद्र भी स्थापिक किए हैं। ड्रोन फॉरेंसिक केंद्र की भी स्थापना की है। मनोवैज्ञानिक फॉरेंसिक में भी उत्कृष्टता केंद्र स्थापना करने में सफलता प्राप्त की है। अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी फॉरेंसिक केंद्र की स्थापना भी एनएसएफयू ने की है। इसके लिए उन्होंने एनएसएफयू के कुलपति और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

असम सहित पूर्वोत्तर में शांति और विकास की बयार :
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि असम सहित पूर्वोत्तर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और कुशल विजन के कारण शांति और विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है। असम में आज शांति, विकास और सद्बाव की एक नई शुरुआत हुई है। भारत सरकार ने समग्र पूर्वोत्तर के अंदर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और कनेक्टिविटी से पूरे देश को जोड़ा। इन दोनों पर बड़ा बल दिया है। इसके साथ-साथ जितने भी हथियाबंद ग्रुप थे, सबसे बातचीत की। और एक-एक करके सबको मैन स्ट्रीम में लाने का काम किया। इसका सबसे बड़ा उदाहहण असम है। यहां के तीन बड़े हथियार बंद ग्रुपों (कार्बी, बोडो और दिमासा) को सरेंडर करवा कर पूर्वोत्तर में 8000 युवाओं को मुख्य धारा में शामिल कराने का काम भाजपा की केंद्र और उत्तर पूर्व की सरकारों ने किया है।