कांग्रेस के विचार गांधी-नेहरू परिवार तक सीमित’, किताबों से हेडगेवार का पाठ हटाने पर बोले चंद्रशेखर

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नई दिल्ली l केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर पाठ हटाने संबंधी खबरों को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास पर पार्टी के विचार नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि जो लोग वंशवाद का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें हटाने के लिए देश के इतिहास को फिर से लिखने का इसका लंबा इतिहास रहा है।

स्कूली पाठ्य पुस्तकों में संशोधन किया जाएगा: मधु बंगारप्पा
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने गुरुवार को कहा था कि छात्रों के हित में इस साल ही स्कूली पाठ्य पुस्तकों में संशोधन किया जाएगा। बंगारप्पा ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए यह भी संकेत दिया था कि पाठ्यपुस्तक संशोधन का प्रस्ताव संभवत: अगली बैठक में मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि, जब उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया, जिनमें कहा गया है कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई पाठ्यपुस्तकों से कुछ पाठों को हटाने की योजना चल रही है, जिसमें आरएसएस के संस्थापक पर एक पाठ भी शामिल है, उन्होंने विस्तार में नहीं जाना चाहा।

‘इतिहास में जो कोई भी वंशवाद का हिस्सा नहीं..’
राज्यसभा सदस्य चंद्रशेखर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरा उन पर नियंत्रण नहीं है कि वे क्या करते हैं या कहते हैं, लेकिन यह (पाठ हटाने का कदम) बिल्कुल गलत है। यह उनके डीएनए में है। इतिहास में जो कोई भी वंशवाद का हिस्सा नहीं है, उनका उसे बाहर निकालने का इरादा है।’ उन्होंने कहा कि इतिहास को देखने का उनका नजरिया नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित है।

कांग्रेस को जवाब देगी जनता..
चंद्रशेखर ने हेडगेवार पर एक पाठ हटाने के कर्नाटक सरकार के कथित कदम को ‘भारत के युवाओं के खिलाफ अपराध’ बताया। उन्होंने कहा कि जनता छात्रों को भारत के बारे में सच्चाई से वंचित करने के लिए कांग्रेस को जवाब देगी।’ कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों को रद्द करेंगे। पार्टी ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को रद्द करने का भी वादा किया था।

मणिपुर में शांति लाना भाजपा की पहली प्राथमिकता, असम और अरुणाचल के रिश्ते बहुत पुराने रहे हैं-किरण रिजिजू

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नगांव से विकास दाधीच

भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने आज नगांव का दौरा किया। भाजपा के महा जनसंपर्क अभियान को जिले में उड़ान देने के क्रम से आए रिजिजु एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि मणिपुर हिंसा में प्रधानमंत्री खुद 4 दिनों तक स्थिति की समीक्षा कर रहे थे और भाजपा की यह पहली प्राथमिकता है कि मणिपुर में शांति लौटे I इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह कई दिनों तक मणिपुर में रुके और दोनों समुदायों से उन्होंने बातचीत करते हुए समस्या को और गंभीर नहीं करने की अपील की थी। कहा गया कि होम मिनिस्टर ने उग्रवादी संगठनों से भी यह अपील की थी कि वह लूटे गए हथियारों को लौटा दे जिसके बाद बहुत सारे हथियार सरेंडर किए गए थे। रिजिजु ने कहा कि मणिपुर में सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन का मतलब यह था कि सरेंडर किए गए उग्रवादी अपनी सीमा, समय सीमा,के अंदर रहे जिसके बावजूद उन्होंने गलत तरीके से अपने प्रतिबंधित हथियारों का उपयोग किया। उन्होंने आगे कहा कि कुकी और मैतई संप्रदाय से हमारी यह अपील है कि दोनों शांति बनाए रखें। अरुणाचल और असम सीमा विवाद और हाल ही के कुछ दिनों पहले हुई घटना पर आगे कहा कि हमने इलाके में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और इस कार्यवाही के दौरान हमने 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। उन्होंने कहा कि असम और अरुणाचल का नाता बहुत पुराना रहा है और यह रिश्ता डॉक्टर भूपेन हजारिका ने और भी मजबूत किया था। उन्होंने असम और अरुणाचल सीमा पर रहने वाले लोगों से अपील की है कि दोनों शांति बनाए रखें। पूछे जाने पर आगे कहा गया कि दिल्ली में असम और अरुणाचल के दोनों मुख्यमंत्रियों से बातचीत हुई थी जिसमें मैं भी शामिल था और सीमा विवाद के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उन्हें निपटा लिया गया था कुछ एक बातें रह गई है जिन पर जल्दी विचार करते हुए उन्हें भी सुलझा लिया जाएगा। इस पत्रकार सम्मेलन में नगांव सदर के विधायक रूपक शर्मा और अन्य भाजपा कर्मी उपस्थित थे।

मणिपुर में भीड़ ने मां-बेटे समेत 3 को जिंदा जलाया:हिंसा में गोली लगने के बाद एम्बुलेंस से अस्पताल जा रहे थे; 2000 लोगों ने वैन फूंकी

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इंफाल I मणिपुर की राजधानी इंफाल में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो रही है। इस बीच भीड़ ने मां-बेटे समेत दो महिलाओं को जिंदा जला दिया है। तीनों को इलाज के लिए एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था।

रास्ते में करीब 2000 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, बाद में राख से सिर्फ हड्डियां मिलीं। घटना रविवार की है, इसकी पूरी डिटेल दो दिन बाद सामने आई। मृतकों की पहचान 7 साल के टॉन्सिंग हैंगिंग, उनकी मां मीना हैंगिंग और उनकी रिश्तेदार लिडिया लौरेम्बम के रूप में की गई है।

मारे गए तीनों लोग 3 मई से असम राइफल्स कैंप में रह रहे थे। यह जगह इंफाल से लगभग 15 किमी दूर पश्चिम कांगचुप में है। एक अधिकारी के मुताबिक, इस कैंप में कई कुकी परिवारों ने शरण ली है। यहां कभी-कभार बाहर से फायरिंग होती है। आरोप है कि मैतेई समुदाय के लोग कैंप को निशाना बनाते हैं।

रविवार को ऐसे ही एक हमले में ये तीनों घायल हो गए थे। इसके बाद कैंप के अधिकारियों ने इंफाल पश्चिम के SP इबोम्चा सिंह से संपर्क किया और उनसे पीड़ितों को अस्पताल ले जाने की अपील की। शाम 5:16 मिनट पर SP की निगरानी में मरीजों और एक नर्स को लेकर एम्बुलेंस कैंप से रवाना हुई, लेकिन एम्बुलेंस के साथ सिक्योरिटी नहीं थी।

एम्बुलेंस आधे रास्ते ही पहुंची थी कि हिंसक भीड़ ने हमला किया और गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। असम राइफल्स के सूत्रों ने कहा कि उन्हें रविवार शाम को बाद में पता चला कि SP के सामने एम्बुलेंस में आग लगा दी गई। चालक और नर्स मौके से फरार हो गए।

राख में केवल कुछ हड्डियां ही मिलीं :
इस अग्निकांड में बेटे के साथ मारी गई महिला मैतेई समुदाय से थी, जिसने शादी एक कुकी के साथ की थी। मृतकों के एक रिश्तेदार पाओलेनलाल हैंगिंग ने कहा- हम 3 मई से मैतई समुदाय के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं, लेकिन रविवार की घटना सबसे बुरी थी। शव जले हुए थे। राख में केवल कुछ हड्डियां ही मिलीं।

पाओलेनलाल ने कहा कि वह एम्बुलेंस में तीनों के साथ नहीं गया था, क्योंकि वह कुकी था और वाहन को मैतेई बहुल इलाकों से गुजरना था। मीना और लीडिया ईसाई थीं, लेकिन वे मैतेई समुदाय से जुड़ी थीं, हमने सोचा कि उन पर हमला नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्हें भी नहीं बख्शा गया।

गृह मंत्री के दौरे के बाद भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं :
सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई है। कुछ लोगों ने हथियार सरेंडर किए हैं। अभी बहुत कुछ होना बाकी है।

एम्बुलेंस कांड में जान गंवाने वाले बच्चे के स्कूल प्रिंसिपल एल ओत्सी खोंगसाई कहते हैं कि सरकार शांति के इतने प्रयास कर रही है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। समुदायों के बीच अविश्वास और नफरत केवल बढ़ी है। मुझे नहीं पता कि हम किस ओर जा रहे हैं।

RBI के फैसले से पहले बाजार मजबूत, सेसेक्स 63 हजार के पार पहुंचा, निफ्टी 18700 के ऊपर

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नई दिल्ली l भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों पर मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा से पहले बुधवार को घरेलू शेयर बाजार मजबूत बढ़त के साथ बंद हुआ। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 63 हजार के पार पहुचने में सफल रहा है। यह 350.08 (0.56%) अंकों की बढ़त के साथ 63,142.96 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 127.40 (0.68%) अंक मजबूत होकर 18,726.40 अंकोंं के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान वोडफोन-आइडिया के शेयरों में 9 प्रतिशत जबकि अदाणी पावर के शेयरों में पांच प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। बुधवार को रुपया 6 पैसे की बढ़त के साथ 82.54 रुपये (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ I

Odisha Train Tragedy: एक-एक शव पर कई परिवारों का दावा, 101 लाशों की पहचान अब भी बाकी; शुरू की गई DNA सैंपलिंग

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भुवनेश्वर I ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 278 लोगों की मौत हुई है। इनमें में से 101 लाशों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। हावड़ा एडीएम जितिन यादव ने बताया कि लाशों की पहचान में हमें सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ शवों पर कई पक्ष दावे कर रहे हैं। हालांकि, भुवनेश्वर AIIMS का कहना है कि उन्होंने इस परेशानी से निपटने के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी है। 10 डीएनए सैंपल्स दावा कर रहे परिवारों से लिए गए हैं।

छह महीने तक सुरक्षित रहेंगे शव :
AIIMS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवास त्रिपाठी ने बताया कि 278 लाशों में से 177 लाशों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया है। हमें 123 शव मिले थे। इनमें से 64 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। अभी 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। शव खराब न हो इसलिए शवों को पांच अलग-अलग कंटेनर में रखे हैं, जिससे शव लंबे समय तक खराब नहीं होंगे। अब शव छह महीने तक सुरक्षित रहेंगे, इसलिए शवों के अंतिम संस्कार के जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है।

झारखंड के युवक ने लगाए आरोप :
झारखंड के एक युवक ने एम्स प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार को हमने उपेंद्र कुमार शर्मा के लाश की पहचान की थी। इसके बावजूद उन्होंने मंगलवार को शव किसी और को सौंप दिया। जब शव दूसरों को ही देना है तो डीएनए सौंपलिंग की आवश्यकता क्या है। मैंने टैटू के आधार पर उपेंद्र की पहचान की थी। इन आरोपों का जवाब देते हुए डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही शवों को सौंपा जा रहा है। हां, यह सच है कि एक शव पर कई परिवार दावे कर रहे हैं, इसलिए हम डीएनए सैंपलिंग कर रहे हैं। रिपोर्ट आने में करीब सात से आठ दिनों का समय लग जाएगा

इन राज्यों के हैं सबसे अधिक मृतक :
पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रशासन ने साथ मिलकर एम्स भुवनेश्वर में हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे। सीबीआई, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और जीआरपी ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। खुर्दा डीआरएम रिंकेश रॉय को आशंका है कि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिस वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया।

बालासोर हादसे में अबतक का अपडेट :
ओडिशा के बालासोर के शुक्रवार को बहनागा बाजार में ट्रेन हादसा हो गया था। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और अन्य घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालातों का जायजा लेने खुद ओडिशा पहुंचे थे। पीएम ने घायलों और मृतकों के परिजनों से बात की। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ओडिशा में ही मौजूद थे। विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा था कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, यहीं हूं। राजनीति न करें।

आखिर 3 रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया अचानक क्यों लौटे धरने से, सामने आई ये वजह?

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नई दिल्ली l ऐसा लगता है कि सिसासी दांव इस कदर दमदार और ताकतवर होते हैं कि उनके आगे किसी भी अंतरराष्ट्रीय चैंपियन पहलवान का दांव मामूली पड़ जाता है। तभी तो एक ही झटके में देश की राजधानी में पहलवानों के बीच मचा दंगल और सुर्खियों में छाए धरने की सारी हवा ही निकल गई। जो पहलवान अभी तक अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे थे वो सब के सब केंद्रीय गृहमंत्री के साथ हुई एक ही मीटिंग के बाद ताल ठोंकना छोड़कर अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौटने लगे हैं।

दंगल के पेच में फंस गया दांव :
अक्सर यही देखा जाता है कि कुश्ती के किसी भी मुकाबले में जब दांव बुरी तरह से फंस जाता है तो मुकाबले को बराबरी पर छुड़वा दिया जाता है…ऐसा ही कुछ यहां देखने को मिल रहा है जब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बनाम अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के बीच छिड़े दंगल का पेच किसी ऐसे दांव में फंस गया जिसके बाद इसे बराबरी पर ही छुड़ाया जा सकता था। यानी कुश्ती के पहलवानों का ये मुकाबला ड्रा घोषित कर दिया गया…सोमवार से पहले दोनों तरफ के पहलवान एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे थे लेकिन अब ऐसे लगता है कि दोनों अपने अपने पाले में बैठकर रेफरी के फैसले का इंतजार करेंगे।

नौकरी पर लौटे तीनों पहलवान :
असल में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहा अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का दंगल में ये मोड़ उस वक्त आया जब धरना दे रहे पहलवान साक्षी मलिक विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौटने का फैसला किया।

यौन उत्पीड़न का आरोप और सुर्खियां :
तीनों इंटरनेशनल पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और यौन उत्पीड़न के आरोप में बृजभूषण शरण को जेल भेजने की मांग को लेकर लगातार ताल ठोंक रहे थे। पिछले तीन महीने से चल रहा ये आंदोलन अचानक इंटरनेशनल सुर्खियों में छा गया था क्योंकि बात वर्ल्ड कुश्ती संघ (UWW) तक जा पहुँची थी। देखते ही देखते बात इस कदर हत्थे से उखड़ती जा रही थी कि और उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ एक्शन लेने की धमकी तक दे डाली थी।

गृहमंत्री की पहलवानों से मीटिंग :
ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। लेकिन अचानक इस पूरे मामले में शनिवार को उस वक़्त जबरदस्त मोड़ आया जब आंदोलन दे रहे पहलवानों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मुलाकात की। उस मुलाकात में क्या क्या बातें हुईं ये तो अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आ सका, अलबत्ता सोमवार को धरना देने वाले तीनों नामी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी को दोबारा ज्वाइन कर लिया।

भरोसा दिया जो होगा क़ानूनन होगा :
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई मीटिंग में धरना दे रहे पहलवानों को इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि इस मामले में जो कुछ भी होगा वो कानून के अनुसार होगा और किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में वो तमाम पहलवान मौजूद थे जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। और केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को इस बात के लिए भरोसा दिलाया है कि सरकार किसी भी सूरत में अपने अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का सिर और सम्मान नीचा नहीं होने देंगे। उनकी शिकायत पर गौर किया जा रहा है और कानून के मुताबिक जो भी उचित कार्रवाई होगी उसे उसके आखिरी अंजाम तक पहुँचा दिया जाएगा।

बात इसलिए फंस गई थी :
ये बात काबिले गौर है कि 28 मई को पुलिस ने पहलवानों से जंतर मंतर पर धरने वाली जगह खाली तक करा ली थी। और उसके बाद कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और तमाम लोगों ने इन पहलवानों के समर्थन में आने की ताल ठोंक दी थी। जिसको लेकर माना जा रहा था कि सरकार अब दबाव में आ जाएगी और उसे अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।

पहलवानों की मांग पड़ी कमजोर :
लेकिन सोमवार आते आते इस पूरे मामले में जबरदस्त ट्विस्ट उस वक्त आया जब सूत्रों से पता चला है कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपनी शिकायत वापस ले ली और धरना दे रहे पहलवानों की मांग कमजोर पड़ गई। हालांकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाली साक्षी मलिक ने दावा किया है कि पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने वाली खबर गलत है क्योंकि वो अपने सत्यागृह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हैं।

आंदोलन से पीछे न हटने की बात दोहराई :
असल में सोमवार की सुबह से ही ये खबर गर्म थी कि पहलवानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया और तीनों पहलवान आंदोलन से पीछे हटकर वापस नौकरी ज्वाइन कर ली। इस पर साक्षी मलिक का कहना है कि इंसाफ की लड़ाई में हममें से कोई पीछे नहीं हटेगा। इंसाफ मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने वाली बात को गलत बताया।

राहुल गांधी की भविष्यवाणी, कहा- अगले चार विधानसभा चुनावों में हो जाएगा बीजेपी का ‘सफाया’

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वाशिंगटन। अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने आज आगामी चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को भारतीय लोगों का विशाल समर्थन मिल रहा है और अगले तीन-चार विधानसभा चुनावों में भाजपा का ”सफाया” होने वाला है।

RSS और BJP का जीत का रथ अजेय नहीं :
अमेरिकी प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा- लोगों को यह मनाने की कोशिश की जा रही है कि आरएसएस और भाजपा का जीत का रथ अजेय है, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं भविष्यवाणी करता हूं कि अगले तीन या चार चुनाव में हम सीधे भाजपा के साथ लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे।

जो हाल कर्नाटक में किया, वैसा ही अब करेंगे :
राहुल ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए वास्तव में कठिन समय आने वाला है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के साथ हम वही करेंगे जो हमने कर्नाटक में किया है। बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल करते हुए भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

विधानसभा चुनावों से तय होगी 2024 की राह :
साल के अंत में पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे। राहुल ने कहा कि ये चुनाव 2024 में महत्वपूर्ण आम चुनावों के लिए मंच तैयार करेंगे। राहुल ने कहा कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हमारे पास बुनियादी मुद्दे हैं जो भाजपा को हराने के लिए आवश्यक हैं।

सांसदी जाने से हुआ फायदा :
राहुल इस बीच एक बार फिर कहा कि उनको सांसद के पद से निष्कासित करने से फायदा ही हुआ है। उन्होंने कहा कि अब मैं लोगों के बीच रह पाता हूं, समय बिता पाता हूं और उनकी समस्याओं को समझ पाता हूं। राहुल ने इसी के साथ कहा कि मैं लोगों के महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे उठाता रहूंगा।

मारवाड़ी युवा मंच,ग्रेटर के स्वास्थ्य शिविर का सैकड़ों ने उठाया लाभ,किया रक्त दान

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जोरहाट से नीरज खंडेलवाल

मारवाड़ी युवा मंच जोरहाट ग्रेटर द्वारा आयोजित मेगा स्वास्थ जांच शिविर एवं रक्त दान शिविर के प्रथम दिन कल 1 जून को लोटस मेडिकल जांच बस ने चार सौ से अधिक जरूरतमंदों को इस सुविधा का लाभ प्रदान किया। इसके साथ ही में मंच द्वारा आयोजित रक्त दान शिविर का भी सफल तरीके से समापन हुआ।

इस मौके पर प्रांत से आए हुए पदाधिकारी प्रांतीय संयुक्त मंत्री गौरव तिवाड़ी , प्रांतीय स्वच्छ भारत अभियान संयोजक गोपाल तोषनीवाल , प्रांतीय स्थाई प्रकल्प के वाइस चेयरमैन उमेश पारीक, मंडल–डी के समन्वयक निर्मल मलानी उपस्थित थे ।

मंच ग्रेटर के सभी सदस्यों के साथ सलाहकार और स्थाई आमंत्रित सदस्यों ने इस शिविर में अपना पूर्ण योगदान दिया।

स्वास्थ्य जांच शिविर की बस सेवा कार्यक्रम का उद्घाटन जोरहाट नगर भाजपा के अध्यक्ष हेमंत कलिता और सिंघी परिवार के अभिभावक जुगल सिंघी ने किया। पधारे हुए सभी अतिथिगण,समाजबंधुओ ने इस तरह के आयोजन की सराहना की।इस आशय की जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जन संपर्क सचिव खुश पींचा ने दी।

Rajasthan: आठ माह में 100 सीटें कवर चुके हैं पीएम मोदी, कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश

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अजमेर I कर्नाटक की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्य एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर हो गया है। पीएम ने अजमेर की रैली के जरिए कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री की इसी रैली के साथ ही भाजपा ने देशभर में चलाए जाने वाले महाजनसंपर्क अभियान के साथ ही राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की दी है। पीएम की अजमेर में सभा का असर प्रदेश की आठ लोकसभा क्षेत्रों की 64 में से 45 विधानसभा सीटों पर देखने को मिलेगा। इन 45 सीटों में से भाजपा के पास सिर्फ 20 सीटें हैं। बाकी की 25 सीटों में से 20 कांग्रेस, 2 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और 3 सीटें निर्दलीयों के कब्जे में हैं।

राजस्थान भाजपा के नेताओं का कहना है कि भाजपा इस अभियान के जरिए मोदी सरकार के कामों को जनता के बीच पहुंचा कर गहलोत सरकार की ‘फ्री बिजली’ और ‘चिरंजीवी’ जैसी योजनाओं से बने माहौल का असर को कम करने की कोशिश करेगी।

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पीएम मोदी का आठ माह में यह छठा राजस्थान दौरा है। मई की 10 तारीख को उन्होंने सिरोही के आबूरोड में सभा की थी। इस सभा के जरिए मोदी ने दक्षिणी राजस्थान के सिरोही, जालौर और पाली सहित आसपास के जिलों की 26 सीटों को साधा था। दक्षिण राजस्थान का यह इलाका भाजपा के लिए मजबूत माना जाता है। यहां की 26 में से पिछली बार भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके पहले 12 फरवरी को मोदी ने पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों दौसा, करौली, भरतपुर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, धौलपुर की 58 विधानसभा सीटों को साधने के लिए गुर्जर-मीणा बहुल दौसा में सभा की थी। पूर्वी राजस्थान में भाजपा की स्थिति कमजोर है। पिछले चुनाव में 58 में से उसे मात्र 11 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

पीएम ने 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में सभा की थी। यहां से उन्होंने गुर्जर समाज को साधने के लिए मालासेरी में स्थित देवनारायण भगवान के मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। जबकि पिछले साल एक नवंबर को मोदी ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में सभा करके आसपास की 19 सीटों को साधा था। इससे पहले 30 नवंबर को मोदी सिरोही के आबूरोड आए थे। उस समय प्रदेश भाजपा में चरम पर चल रही खींचतान को दूर करने के लिए उन्होंने सभी नेताओं को एक साथ मंच पर खड़ा करके एकजुटता का संदेश दिया था। पीएम मोदी के अब तक हुए दौरों पर गौर किया जाए, तो वे लगभग 100 विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं।

अभी तक के सभी दौरे जाति-समाजों को साधने के मकसद से ही हुए हैं। उनका फोकस आदिवासी, ओबीसी, गुर्जर-मीणा और एससी समुदाय रहा है। अब अजमेर में हो रही सभा में जिन 45 सीटों से भाजपा भीड़ जुटाने की तैयारी कर रही है, उनमें भी ज्यादातर सीटें ओबीसी और एससी बहुल सीटें हैं। पिछले चुनाव में भी पीएम ने चुनाव अभियान का आगाज अजमेर से ही किया था। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रदेशभर में निकाली गई गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर आए थे। यहीं से उन्होंने प्रदेश में चुनावी शंखनाद किया था। इस बार भी उनकी सभा को राजस्थान में भाजपा का चुनावी बिगुल बताया जा रहा है।

इसलिए भाजपा ने चुना अजमेर को :
भाजपा पीएम की इस रैली के जरिए इस क्षेत्र में अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी हुई है। अजमेर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की स्थिति मजबूत है। इसके अलावा गहलोत के करीबी माने जाने वाले रघु शर्मा की अजमेर में मजबूत पकड़ बताई जाती है। अजमेर में भाजपा कांग्रेस पर सीधा हमला कर पाए, लिहाजा पीएम की सभा अजमेर में करवाई जा रही है। अजमेर में सभी जातियों का अपना वर्चस्व है। लेकिन जाट और मुस्लिम यहां बड़ी संख्या में हैं। मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस को अपना वोट बैंक मानते हैं। ऐसे में इन वोटों में सेंध लगाने के लिए अजमेर में भाजपा की ओर से पीएम की सभा करवाई जा रही है।

मणिपुर में शांति बहाली की कोशिशें तेज; अमित शाह की अगुवाई में हिंसा प्रभावित लोगों के लिए काम कर रही सरकार

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इंफाल । मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी कुछ इलाकों में झड़पें देखने को मिल रही हैं। जिसके कारण केंद्र त्रिपक्षीय दृष्टिकोण पर काम कर रहा है ताकि युद्धरत मेइती और कुकी समुदायों को अशांत मणिपुर में स्थायी शांति के लिए एक मंच पर लाया जा सके।

केन्द्र सरकार त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर कर रही काम :
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि हिंसा को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए और पूर्वोत्तर राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल की जानी चाहिए। सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर काम कर रही है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इनमें प्रभावित लोगों से बातचीत, बढ़ी सुरक्षा के साथ अपना घर छोड़ने वालों का पुनर्वास और उग्रवादियों पर नियंत्रण शामिल है।

त्रिस्तरीय दृष्टिकोण:
प्रभावित लोगों से बातचीत
बढ़ी सुरक्षा के साथ अपना घर छोड़ने वालों का पुनर्वास
उग्रवादियों पर नियंत्रण
सूत्रों ने कहा, सरकार के सामने प्रमुख कार्य मैतेई और कुकी समुदायों के बीच विश्वास पैदा करना है। इसलिए, केंद्र मणिपुर में समाज के हर वर्ग तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है और स्थायी शांति के लिए उन्हें एक संकीर्ण आम जमीन में लाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस बात की चिंता है कि कई आतंकवादी अपने निर्धारित शिविरों से चले गए हैं और उन्हें वापस लाने के प्रयास जारी हैं।

सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बल सभी समुदायों के सदस्यों से कह रहे हैं कि अगर उनके पास हथियार हैं तो उन्हें सौंप दें। मेइती और कुकी दोनों समुदायों के प्रभावित लोगों में से कुछ, जिन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया था, वे अपने घर लौटना चाहते हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रशासन को निर्देश दिया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए ताकि वे अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर सकें।

मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: शाह
अमित शाह समाज के सभी वर्गों से बात कर रहे हैं और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।

तीन मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष के बाद से गृह मंत्री पहली बार मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। राज्य में तब से छिटपुट हिंसा देखी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, झड़पों में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को राज्य के पहाड़ी जिलों में “आदिवासी एकजुटता मार्च” आयोजित किए जाने के बाद पहली बार हिंसा भड़की थी।

आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर तनाव से पहले हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे।

भारतीय करेंसी में 500 रुपये का बोलबाला, एक साल में नोट छापने पर ही अरबों खर्च कर देता है आरबीआई

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नई दिल्ली। भारत में करेंसी बैंकनोट्स की वैल्यू और वॉल्यूम में वित्त वर्ष 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में 9.9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत था। मंगलवार को जारी हुई आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ।

बैंक नोट की वैल्यू के हिसाब से बात करें तो 31 मार्च, 2023 के अंत तक 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन 87.9 प्रतिशत था, जो कि एक साल पहले 87.1 प्रतिशत था।

500 और 10 रुपये के नोट सबसे ज्यादा चलन में :
31 मार्च, 2023 तक वॉल्यूम के हिसाब से देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन का 37.9 प्रतिशत 500 के नोट के रूप में है। इसके बाद 19.2 प्रतिशत के साथ 10 रुपये का नोट है।

देश में 500 रुपये के 5,16,338 लाख नोट चलन में हैं, जिनकी वैल्यू 25,81,690 करोड़ है, जबकि एक साल पहले मार्च, 2022 में 4,55,468 लाख नोट चलन में थे।

2000 के नोट वैल्यू के हिसाब से 31 मार्च, 2023 तक देश में कुल करेंसी सर्कुलेशन का 10.8 प्रतिशत है, जो कि एक साल पहले 13.8 प्रतिशत था।
भारत में कौन-कौन से नोट चलन में हैं?

मौजूदा समय में 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये का नोट चलन में हैं। इसके साथ 50 पैसे, 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के चल रहे हैं।

डिजिटल रुपये का सर्कुलेशन कितना है?
31 मार्च, 2023 तक देश में CBDC यानी ई-रुपया थोक और ई-रुपया खुदरा का सर्कुलेशन 10.69 करोड़ रुपये और 5.70 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में हैं।

RBI ने नोट छापने पर कितना किया खर्च?
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई की ओर से 4,682.80 करोड़ रुपये नोट छापने के लिए खर्च किए गए हैं, जो कि पिछले वित्त वर्ष 4,984.80 करोड़ रुपये था।

2022-23 में कितने नकली नोट पकड़े गए?
वित्त वर्ष 2022-23 में 20 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट में 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, 10 रुपये, 100 रुपये और 2000 रुपये के नकली नोट में 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

मणिपुर हिंसा: बदमाश हुए बैखोफ, सेना से ही हथियार और बारूद छीनने की कोशिश, जवानों पर हमलों को दे रहे अंजाम

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इंफाल I मणिपुर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जब लगता है कि माहौल में शांति आ रही है, तभी एक और डरावनी रिपोर्ट सामने आ जाती है। अब खबर आ रही है कि हिंसा वाले राज्य में बदमाशों बैखोफ हो गए हैं। वह हथियार और गोला-बारूद प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। हिंसक तत्व सेना को भी अपना निशाना बना रहे हैं।

फिर भड़की हिंसा, तो सामने आया ये सच :
सूत्रों के अनुसार, 27 और 28 मई की रात को एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद बदमाश सक्रिय हो गए है। तब से लोग इंफाल में सुरक्षा प्रतिष्ठानों से हथियार कब्जाने में लगे हुए है। इसी क्रम में, सोमवार को करीब 100 से अधिक लोग इंफाल पूर्व में 7वीं बटालियन मणिपुर राइफल्स के गेट पर एकत्र हुए। हालांकि, सेना ने इन लोगों को तितर-बितर कर दिया। वहीं, पोरोमपत पुलिस थाने में भी बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और हथियार लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे ये भीड़ नाकाम रही।

इतना ही नहीं, हिंसा के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने कई जगहों से हथियार भी बरामद किए हैं। साथ ही, इंफाल वेस्ट के इंगोरोक चिंगमंग में सोमवार दोपहर को भी गोलीबारी हुई, जो देर शाम तक जारी रही।

पुलिस ने 22 को दबोचा :
रिपोर्ट के अनुसार, सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कई हथियारबंद बदमाश इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, ग्वालताबी और शाबुनखोल में घरों को जलाने के लिए जा रहे हैं। सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाया और 22 लोगों को मौके पर दबोच लिया। अधिकारी ने कहा कि जब हथियार बरामद किए गए, तो ज्ञात हुआ कि इन बदमाशों पर अधिकतर सेना के हथियार थे। कोहिमा और इम्फाल के पीआरओ (रक्षा) के अनुसार, इन बदमाशों से पांच बारह बोर डबल बैरल राइफलें, तीन सिंगल बैरल राइफलें, डबल बोर के साथ एक देश में बने हथियार और एक थूथन लोडेड राइफल बरामद की गई है।

इसके अलावा, रविवार की रात न्यू चेकॉन से पकड़े गए तीन लोगों के पास से मैगजीन के साथ एक इंसास राइफल, 5.56 मिमी गोला बारूद के 60 राउंड, एक चीनी हथगोला और एक डेटोनेटर बरामद किया गया।

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई :
गौरतलब है, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बताया था कि करीब 40 कूकी आतंकवादी, जो लोगों को अपना निशाना बना रहे थे, सुरक्षा बलों द्वारा अब तक मारे जा चुके हैं। सीएम के ये बयान के एक दिन बाद आई रिपोर्ट से साफ है कि राज्य में हिंसा बढ़ती ही जा रही है। इस बीच, मणिपुर सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि अगर कोई गलत जानकारी और अफवाहें फैलाता पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Delhi Murder Case: ‘कातिल साहिल को हो फांसी’, मां ने बताई हत्या से कुछ घंटे पहले बेटी से क्या हुई थी बात

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नई दिल्ली l दिल्ली में सोमवार रात दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया है। शाहबाद डेरी थाना इलाके में एक युवक ने नाबालिग लड़की को चाकू से गोदने के बाद पत्थर से कुचलकर मार डाला। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। जिस किसी ने भी हत्या के इस फुटेज को देखा वो दहल उठा। इस बर्बरता से हर कोई बेचैन हो उठा है।

हालांकि पुलिस ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए नाबालिग की हत्या के आरोपी साहिल को बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद पहली बार बेटी की मां मीडिया के सामने आई और बातचीत की। मां ने बातचीत में बताया कि मेरी बेटी पढ़ने में बहुत अच्छी थी, अभी उसने 10वीं पास किया था। वो बीते 10 दिन से अपनी सहेली नीतू के घर पर रह रही थी। मुझे नहीं पता था कि साहिल उसे मार डालेगा।
जल्द घर आने वाली थी बेटी
मां ने बताया कि हत्या से पहले दिन में करीब डेढ बजे मेरी बात हुई थी। उसने कहा था की नीतू के दो छोटे बच्चे हैं जिनमें से एक का आज बर्थडे है तो उसका बर्थडे मनाना है। मैंने उसे घर आने को कहा तो उसने कहा कि नीतू के पति जेल में हैं जैसे ही वो छूटकर आ जाएंगे तो मैं आ जाऊंगी। मां ने बताया कि उसे साहिल के बारे में कुछ भी नहीं पता है। पीड़िता की मां ने कहा कि मैं चाहती हूं कि साहिल को फांसी की सजा हो।

पिता बोले- वकील बनना चाहती थी बेटी :
मृतका के परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है। उसके पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया मेरी बेटी पढ़ लिखकर वकील बनना चाहती थी। लेकिन साहिल ने मेरी बेटी को बेहरमी से मार डाला। उसे जल्द जल्द से फांसी पर चढ़ाया जाए।

दोनों के बीच पहले हुआ था झगड़ा :
पुलिस पड़ताल में आरोपी की पहचान साहिल पुत्र सरफराज के रूप में हुई। नाबालिग लड़की परिवार संग ई-36 जेजे कॉलोनी में रहने वाले थी। पुलिस ने बताया दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में आरोपी को बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया।

गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर आज गुवाहाटी पहुंचेंगे, कार्यक्रमों में होंगे शामिल

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गुवाहाटी I केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर असम आ रहे हैं। वे आज शाम को गुवाहाटी पहुंचेगे । इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री 24 मई की शाम को आएंगे। 25 मई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुवाहाटी में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां असम सरकार विभिन्न सरकारी विभागों के नए भर्ती उम्मीदवारों को लगभग 45,000 नियुक्ति पत्र वितरित करेंगी ।

हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, गुवाहाटी में कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की आधारशिला भी रखेंगे।

Sydney: PM मोदी ने फिर उठाया ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले का मुद्दा, कहा- स्वीकार्य नहीं कोई संबंधों को…

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सिडनी Iप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में हो रहे मंदिरों पर हमले और देश में खालिस्तानियों की बढ़ती गतिविधियों पर बात की। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए।

पहले भी हो चुकी है बात :
पीएम मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग को लेकर कहा कि यह क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और वैश्विक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि हम पहले भी ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों को लेकर बात कर चुके हैं। आज भी इन मुद्दों पर चर्चा की है। यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी अपने कार्यों या विचारधारा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए।

बताया जा रहा है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी फैसला किया है। इससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में काफी विस्तार होने की उम्मीद है। साथ ही दोनों पक्षों ने हरित हाइड्रोजन के क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्णय लिया है।

कार्रवाई के लिए अल्बानीज का धन्यवाद :
मोदी ने ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई पीएम का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अल्बानीज ने मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

मजाक के मूड में दिखे पीएम :
मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में यह हमारी यह छठी बैठक है। यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है। मजाकिया अंदाज में पीएम ने कहा कि अगर क्रिकेट की भाषा में कहे तो हमारे संबंध टी20 में प्रवेश कर चुका है।

नया महावाणिज्य दूतावास बेंगलुरु में होगा स्थापित :
इस मौके पर दोनों पक्षों ने खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग पर भी रचनात्मक चर्चा की। अल्बानीज ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरु में एक नया महावाणिज्य दूतावास स्थापित करेगा। वहीं, वार्ता से पहले मोदी को सिडनी में एडमिरल्टी हाउस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

ऑस्ट्रेलिया में बोले पीएम मोदी- भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी; क्रिकेट और मास्टरशेफ हमें जोड़ते हैं

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सिडनी I पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया के लोग इतने विशाल दिल वाले हैं। इतने सच्चे और अच्छे हैं कि भारत की इस विविधता को खुले दिल से स्वीकारते हैं। यही वजह है कि परमाता शहर में परमात्मा चौक बन जाता है। विग्रम स्ट्रीट भी विक्रम स्ट्रीट के तौर पर मशहूर हो जाती है और हैरिस पार्क क लोगों के लिए हरीश पार्क हो जाता है। हैरिस पार्क में जयपुर स्वीट्स की जलेबी, चाट, इसका तो कोई जवाब नहीं है। आप लोग मेरे मित्र अल्बानीज को भी कभी वहां ले जाइएगा। जब खाने की बात चली है, तो लखनऊ का नाम आना भी स्वाभाविक ही है। मैंने सुना है कि सिडनी में लखनऊ नाम की जगह है। मुझे पता नहीं वहां चाट मिलती है या नहीं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय नामों वाली कितनी ही गलियां आपको भारत से जोड़ती हैं। मुझे बताया गया कि अब तो ग्रेटर सिडनी में इंडिया परेड शुरू होने जा रही है।’

‘क्रिकेट और मास्टर शेफ हमें जोड़ते हैं’ :
‘हमारे क्रिकेट के रिश्तों को भी 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। क्रिकेट के मैदान पर हमारा मुकाबला जितना कड़ा होता है, उतनी ही गहरी हमारी दोस्ती है। इस बार तो ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटर भी भारत में आईपीएल खेलने आई हैं। ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ सुख के ही साथी हैं। अच्छा दोस्त सुख का तो साथी होता है, दुख का भी साथी होता है। पिछले साल जब महान शेन वॉर्न का निधन हुआ तो ऑस्ट्रेलिया के साथ कोटि-कोटि भारतीयों ने भी शोक मनाया। यह ऐसा था जैसे हमने अपना कोई खो दिया है। साथियों आप सभी यहां ऑस्ट्रेलिया में हैं। यहां विकास को देख रहे हैं। आप सभी का एक सपना रहा है कि हमारा भारत भी विकसित राष्ट्र बने। यह हमारे सभी साथियों का भी सपना है। भारत के पास सामर्थ्य की कमी नहीं है। संसाधनों की कमी भी नहीं है। आज दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री, जिस देश में है, वह है भारत।’

ब्रिस्बेन में खोला जाएगा भारत का कॉन्सुलेट :
पीएम मोदी ने कहा कि ‘पहले ऑस्ट्रेलिया के संबंध कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी से डिफाइन किए जाते थे। इसके बाद हमारे संबंध डेमोक्रेसी, डायस्पोरा और दोस्ती से डिफाइन किए गए और अब हमारे संबंध एनर्जी, इकॉनोमी और एजुकेशन से डिफाइन किए जाते हैं लेकिन हमारे संबंध इससे कहीं ज्यादा हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिस्बेन में भारत का नया कॉन्सुलेट खोला जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी, जिसके बाद यह फैसला किया गया है।’

भारत में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं :
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में क्षमताओं या संसाधनों की कोई कमी नहीं है। आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री है। आईएमएफ भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को सबसे अहम मानता है। भारत का बैंकिंग सिस्टम भी मजबूत है। भारत ने बीते साल रिकॉर्ड निर्यात किया और हमारा विदेशी मुद्रा भंडार भी रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत में फिनटेक क्षेत्र में क्रांति आई हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारत की सबसे बड़ी ताकत यहां रहने वाले भारतीय हैं।

पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने छुए प्रधानमंत्री मोदी के पैर; पीएम ने गले लगाकर स्वीकार किया अभिवादन

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नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के बाद अब जापान से निकल चुके हैं। फिलहाल पीएम मोदी जापान से निकलकर हिंद प्रशांत महासागर के छोटे से देश पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद अहम है क्योंकि पापुआ न्यू गिनी हिंद प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है और अपनी लोकेशन की वजह से यह हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है।

पीएम नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी के पैर भी छुए। पीएम ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। यहां वे FIPIC शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

पापुआ न्यू गिनी क्यों है अहम :
हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के लिए पापुआ न्यू गिनी अहम देश है। यही वजह है कि अमेरिका की नजर भी पापुआ न्यू गिनी पर है और अमेरिका इस देश के साथ अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सोलोमन आइलैंड भी हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित एक द्वीपीय देश है और यहां चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ऐसे में चीन को काउंटर करने के लिए अमेरिका भी अब हिंद प्रशांत देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है।

पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी में मिलेगा खास सम्मान :
पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया जाएगा। खास बात ये है कि सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में सूरज ढलने के बाद पहुंचने वाले मेहमानों का पारंपरिक सम्मान नहीं किया जाता है लेकिन पीएम मोदी इस मामले में अपवाद हैं और उन्हें खुद पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री रिसीव करने एयरपोर्ट आएंगे।

हिरोशिमा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक के साथ बातचीत के दौरान भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में प्रगति सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। जी7 देशों के शिखर सम्मेलन से इतर सुनक से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर सहमति भी जताई।

चीन की चुनौती से निपटने में अहम :
चीन भारत के प्रभाव वाले हिंद महासागर में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। साथ ही हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत ने चीन को काउंटर करने के लिए हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा भी भारत की इन्हीं तैयारियों का हिस्सा है।

विदेश दौरे पर पीएम मोदी को मिलेगा ‘दुर्लभ’ सम्मान, कुछ ही नेताओं को मिली है ऐसी इज्जत

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नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर गए हुए हैं। जिसमें उन्होंने पहले जापान में जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसके बाद वह हिंद प्रशांत महासागर स्थित देश पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया जाएंगे। इन विदेश दौरों पर प्रधानमंत्री मोदी को खूब सम्मान मिल रहा है लेकिन पापुआ न्यू गिनी जाने पर प्रधानमंत्री मोदी को एक दुर्लभ सम्मान मिलेगा, जो कुछ ही नेताओं को मिला है।

पीएम मोदी को मिलेगा खास सम्मान :
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हिंद प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। पापुआ न्यू गिनी का यह पीएम मोदी का पहला और भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। इस वजह से भी यह दौरा बेहद खास है। सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में शाम ढलने के बाद राष्ट्रध्यक्षों को पारंपरिक स्वागत नहीं किया जाता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मामले में पापुआ न्यू गिनी अपनी परंपरा को बदलने जा रहा है। पीएम मोदी के पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ पारंपरिक स्वागत किया जाएगा। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री खुद एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचेंगे।

चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी :
चीन हिंद और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। अब भारत ने भी चीन को उसके पड़ोस में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत भारत हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। इसी के तहत पीएम मोदी का पापुआ न्यू गिनी का दौरा बेहद अहम है। पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी में फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आइलैंड कॉपरेशन सम्मेलन की तीसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन पापुआ न्यू गिनी में होगा और इसमें हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह बैठक सोमवार को होगी। साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने ही फिजी में FIPIC की शुरुआत की थी।

ऑस्ट्रेलिया में ‘लिटिल इंडिया’ जाएंगे :
पापुआ न्यू गिनी के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी सिडनी में एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय मूल के नागरिकों से मुलाकात करेंगे। यह कार्यक्रम हैरिस पार्क इलाके में होगा, जिसे लिटिल इंडिया के रूप में जाना जाता है।

हिरोशिमा में पीएम मोदी से मिले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, युद्ध के बीच दोनों की पहली मीटिंग

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नई दिल्ली. जापान के हिरोशिमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच शनिवार को मुलाकात हुई है. इस बीच, दोनों देशों के बीच वार्ता भी हुई है. ये मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इससे पहले पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच कई बार फोन पर बात हुई है. युद्ध के बीच यह पहली बार आमने-सामने मुलाकात और बातचीत हुई है.

माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान युद्ध के कारण बने हालात और शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयासों को लेकर चर्चा हुई है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे. पीएम मोदी जी-7 समिट में शामिल होने के लिए 19 मई को जापान के हिरोशिमा पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने जापान के पीएम फुमियो किशिदा से जापान और भारत की जी-7 और जी 20 की अध्यक्षता के तहत कई वैश्विक चुनौतियों पर बात की. शनिवार को उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. पीएम की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात हुई है.

G-7 Summit: जी-7 में दिखा बाइडन-मोदी और सुनक का याराना, बैठक में गर्मजोशी से मिले; एक-दूसरे को गले भी लगाया

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नई दिल्ली l जापान के हिरोशिमा शहर में जी-7 शिखर सम्मेलन में शनिवार को पीएम मोदी ने कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। भारत इस संगठन का हिस्सा नहीं है, लेकिन एक मेहमान देश के तौर पर पीएम मोदी इस शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने दुनियाभर के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तक शामिल रहे।

जी7 की इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात की। हॉल में बाइडन के प्रवेश करते ही पीएम मोदी ने उनसे गले मिलकर अभिवादन किया, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच कुछ बाते भी हुई।

पीएम मोदी ने इस बैठक में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। यहां भी दोनों नेताओं ने गले लगाकर एक दूसरे का अभिवादन किया। ब्रिटेन पीएम सुनक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गले मिलने की तस्वीरें भी शेयर की है।

पीएम मोदी जी-7 सम्मेलन के लिए जापान में 19 से 21 मई तक रहेंगे, इसके बाद वह एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पापुआ न्यू गिनी जाएंगे।

G20 की बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा, पाकिस्तान की हर साजिश से निपटने के लिए भारत तैयार

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नई दिल्ली l जी-20 की बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बेहद चाक चौबंद कर दी गई है, श्रीनगर में बाईस से पच्चीस मई तक ये बैठक होनी है उससे पहले लगातार पाकिस्तान की साजिश का खुलासा हो रहा है इसलिए सुरक्षा में मार्कोस कमांडो भी तैनात किए गए हैं, चप्पे चप्पे पर निगरानी है.

जम्मू में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं जहां जी-20 बैठक से पहले आतंकियों की हर नापाक साजिश को नाकाम करने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं बल्कि आसमान से भी आतंकियों की हर साजिश पर नजर रखने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है.

सुरक्षा एजेंसियों को लगातार मिल रहे हैं इनपुट्स :
जी20 की बैठक से पहले सुरक्षाबलों को घाटी में लगातार इनपुट्स मिल रहे हैं. पाकिस्तान की साजिश है कि जी20 बैठक से पहले पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर विश्व पटल पर यहां अशांति और अस्थिरता दिखाने का प्रयास कर सकता है.

सुरक्षाबलों को यह भी इनपुट सुने हैं कि पाकिस्तान ड्रोन के जरिए जम्मू में हथियारों की ड्रॉपिंग या किसी हमले को अंजाम दे सकता है जिसके बाद जम्मू में न केवल सड़क पर बल्कि हवा में अभी सुरक्षा का पहरा कड़ा कर दिया गया है. जम्मू के संवेदनशील इलाकों को खंगालने और यहां आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बल ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.

संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए कमांडो :
इसके साथ ही जम्मू के संवेदनशील इलाकों में जम्मू पुलिस ने कमांडो व्हीकल तैनात कर दी है जिसे आतंकियों का यमदूत भी कहा जाता है. कमांडो न केवल अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं बल्कि उनमें अत्याधुनिक पीटी सेट कैमरा लगा है. साथ ही व्हीकल में हथियारों से लैस कई सुरक्षाबलों के जवान आसानी से बैठ सकते हैं, ये सुरक्षा बल किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

सुप्रीम कोर्ट: ज्ञानवापी में शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग पर अगली सुनवाई तक रोक, हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश

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नई दिल्ली l सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी में शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती थी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील हुजेफा अहमदी ने बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपील लंबित रहते हुए आदेश पारित किया है। हुजेफा की दलीलें सुनने के बाद पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।

इससे पहले सुनवाई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजैफा अहमदी की दलीलों का संज्ञान लिया था और याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी

क्या है मुस्लिम पक्ष की मांग?
अहमदी ने कहा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील लंबित है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर, ज्ञानवापी मस्जिद में मिली उस संरचना की उम्र निर्धारित करने का आदेश दिया था, जिसके ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया जा रहा है। उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके तहत मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए सर्वे के दौरान मिली संरचना की कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षण कराने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

उच्च न्यायालय ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को ‘शिवलिंग’ का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के हिंदू पक्ष के अनुरोध पर कानून के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।

असम पुलिस की बड़ी कामयाबी : दो क्रिकेट बुकी गिरफ्तार, 39 लाख नगद बरामद

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सिलचर/ गुवाहाटी. असम पुलिस को उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब उसने बराक घाटी के सिलचर शहर के दो क्रिकेट बुकियों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर सट्टा खिलाते हुए रंगे हाथों धर दबोचा. कछार के पुलिस अधीक्षक नुमल महतो ने संवाददाताओं को बताया कि एक खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने गत बुधवार की रात शहर के शिवाजी नगर स्थित एक घर पर छापा मारा और लाइव आईपीएल मैच पर सट्टेबाजी करते दो बुकियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार बुकियों की पहचान रूपक मोदक और गौतम राय के रूप में हुई है. उनके पास से 39 लाख रुपए नगद, 8 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप सीज किया गया है.

उल्लेखनीय है कि क्रिकेट पर सट्टेबाजी ने महामारी का रूप ले लिया है. पहले कुछ सिलेक्टिव लोग ही सट्टेबाजी के काम में लिप्त थे. पर जब से यह सारा गोरखधंधा डिजिटल हुआ है, छोटे खुदरा व्यापारी, नौकरीपेशा लोग और बड़ी संख्या में छात्र भी इसकी चपेट में आ गए हैं. गौरतलब है कि अब प्रीपेड मोबाइल की तरह बुकियों से पंटर यानी सट्टा खेलने वाले पॉइंट खरीदते हैं. वे जितने रुपए के पॉइंट खरीदते हैं, उतने का सट्टा लगा सकते हैं. आईपीएल इस काम का सबसे बड़ा सीजन है. हालांकि आजकल क्रिकेट बारह महीने चलता है. लिहाजा हर मैच पर करोड़ों रुपए का सट्टा लगाया जाता है.

जबसे आईपीएल शुरू हुआ है असम पुलिस ने बुकियों के खिलाफ अभियान चलाते हुए कई छोटे-बड़े बुकियों को धर दबोचा है. पर महानगर की बड़ी मछलियां अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है. सूत्र बताते हैं कि महानगर के बुकी अब दूसरे शहरों में बैठकर अपना काला धंधा चला रहे हैं. गुवाहाटी और असम के शहरों—कस्बों में उनके एजेंट उनके एवज में लेन-देन का कामकाज देखते हैं. सारा काम डिजिटल होने के कारण बुकियों को अब मोबाइल हैंडसेट, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे जुगाड़ लेकर बैठने की जरूरत नहीं है. जानकार बताते हैं कि महानगर के कई बुकी गुवाहाटी के आउटस्कर्ट में बने रिजॉर्ट्स में बैठकर भी अपना काम चलाते हैं. यह लोग पुलिस को गच्चा देने के लिए समय समय पर अपना ठिकाना बदलते रहते हैं. जानकारी यह भी बताते हैं कि असम में गुवाहाटी के बाद बुकियों के सबसे बड़े अड्डे तिनसुकिया और जोरहाट जैसे शहर है.

शेयर बाजार को रास नहीं आया मंगलवार, सेंसेक्स 413 अंक टूटा, निफ्टी 18300 के नीचे पहुंचा

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नई दिल्ली l घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन 413.24 (0.66%) अंकों की गिरावट के साथ 61,932.47 अंकों के लेवल पर जबकि निफ्टी 112.35 (-0.61%) अंक फिसलकर 18,286.50 अंकों पर बंद हुआ। मंगलवार के कारोबारी सेशन के दौरान बाजार की बिकवाली में ऑटो, फाइनेंशियल सेक्टर और बैंकिंग क्षेत्र शेयरों में तेज बिकवाली दिखी। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरों से बाजार पर दबाव बनता दिखा।