Sydney: PM मोदी ने फिर उठाया ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले का मुद्दा, कहा- स्वीकार्य नहीं कोई संबंधों को…

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सिडनी Iप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में हो रहे मंदिरों पर हमले और देश में खालिस्तानियों की बढ़ती गतिविधियों पर बात की। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए।

पहले भी हो चुकी है बात :
पीएम मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग को लेकर कहा कि यह क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और वैश्विक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि हम पहले भी ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों को लेकर बात कर चुके हैं। आज भी इन मुद्दों पर चर्चा की है। यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी अपने कार्यों या विचारधारा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए।

बताया जा रहा है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी फैसला किया है। इससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में काफी विस्तार होने की उम्मीद है। साथ ही दोनों पक्षों ने हरित हाइड्रोजन के क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्णय लिया है।

कार्रवाई के लिए अल्बानीज का धन्यवाद :
मोदी ने ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई पीएम का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अल्बानीज ने मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

मजाक के मूड में दिखे पीएम :
मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में यह हमारी यह छठी बैठक है। यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है। मजाकिया अंदाज में पीएम ने कहा कि अगर क्रिकेट की भाषा में कहे तो हमारे संबंध टी20 में प्रवेश कर चुका है।

नया महावाणिज्य दूतावास बेंगलुरु में होगा स्थापित :
इस मौके पर दोनों पक्षों ने खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग पर भी रचनात्मक चर्चा की। अल्बानीज ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरु में एक नया महावाणिज्य दूतावास स्थापित करेगा। वहीं, वार्ता से पहले मोदी को सिडनी में एडमिरल्टी हाउस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

भारतीय प्रधानमंत्री के मुरीद हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बनीज, कहा- ‘मोदी बॉस हैं, उनका वेलकम करना लक की बात’

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सिडनी I ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ है। ओलंपिक पार्क स्टेडियम में पीएम मोदी के सामने हजारों लोगों की भीड़ जुटी हुई है और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज, पीएम मोदी के मुरीद बन गए हैं। पीएम एंथनी अल्बनीज ने भारतीय प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी BOSS हैं। उनका स्वागत करना सौभाग्य की बात है। आखिरी बार मैंने इस मंच पर ब्रूस स्प्रिंगस्टीन (सिंगर) को देखा था और उन्हें भी वह स्वागत नहीं मिला था जो पीएम मोदी को मिला है।

पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने ओलंपिक पार्क स्टेडियम में हजारों लोगों की भीड़ को नमस्ते इंडिया कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की। इस दौरान पूरा भारतवंशी समाज उत्साहित नजर आया और लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे।

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं जब 2014 में आया था तो आपसे एक वादा किया था। वादा ये था कि आपको फिर भारत के किसी प्रधानमंत्री का 28 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तो लीजिए यहां सिडनी में, इस एरिना में, मैं फिर आपके साथ हूं और मैं अकेला नहीं आया हूं। प्रधानमंत्री अल्बनीज भी मेरे साथ आए हैं।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘लिटिल इंडिया, ऑस्ट्रेलिया के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान का भी एक रिकॉग्निशन है। मुझे खुशी है कि न्यू साउथ वेल्स में प्रवासी भारतीय समुदाय से कई लोग सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। मैं सभी का अभिनंदन करता हूं। इसी वर्ष मुझे प्रधानमंत्री अल्बनीज का भारत की धरती पर अहमदाबाद में स्वागत करने का अवसर मिला था। आज उन्होंने यहां ‘लिटिल इंडिया’ के फाउंडेशन स्टोन को अनवील करने में मेरा साथ दिया है। मैं उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘म्यूचुअल ट्रस्ट और म्यूचुअल रिस्पेक्ट, सिर्फ भारत-ऑस्ट्रेलिया के डिप्लोमेटिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह है कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय। इसकी असली वजह है ऑस्ट्रेलिया के नागरिक।’

ऑस्ट्रेलिया में बोले पीएम मोदी- भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी; क्रिकेट और मास्टरशेफ हमें जोड़ते हैं

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सिडनी I पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया के लोग इतने विशाल दिल वाले हैं। इतने सच्चे और अच्छे हैं कि भारत की इस विविधता को खुले दिल से स्वीकारते हैं। यही वजह है कि परमाता शहर में परमात्मा चौक बन जाता है। विग्रम स्ट्रीट भी विक्रम स्ट्रीट के तौर पर मशहूर हो जाती है और हैरिस पार्क क लोगों के लिए हरीश पार्क हो जाता है। हैरिस पार्क में जयपुर स्वीट्स की जलेबी, चाट, इसका तो कोई जवाब नहीं है। आप लोग मेरे मित्र अल्बानीज को भी कभी वहां ले जाइएगा। जब खाने की बात चली है, तो लखनऊ का नाम आना भी स्वाभाविक ही है। मैंने सुना है कि सिडनी में लखनऊ नाम की जगह है। मुझे पता नहीं वहां चाट मिलती है या नहीं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय नामों वाली कितनी ही गलियां आपको भारत से जोड़ती हैं। मुझे बताया गया कि अब तो ग्रेटर सिडनी में इंडिया परेड शुरू होने जा रही है।’

‘क्रिकेट और मास्टर शेफ हमें जोड़ते हैं’ :
‘हमारे क्रिकेट के रिश्तों को भी 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। क्रिकेट के मैदान पर हमारा मुकाबला जितना कड़ा होता है, उतनी ही गहरी हमारी दोस्ती है। इस बार तो ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटर भी भारत में आईपीएल खेलने आई हैं। ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ सुख के ही साथी हैं। अच्छा दोस्त सुख का तो साथी होता है, दुख का भी साथी होता है। पिछले साल जब महान शेन वॉर्न का निधन हुआ तो ऑस्ट्रेलिया के साथ कोटि-कोटि भारतीयों ने भी शोक मनाया। यह ऐसा था जैसे हमने अपना कोई खो दिया है। साथियों आप सभी यहां ऑस्ट्रेलिया में हैं। यहां विकास को देख रहे हैं। आप सभी का एक सपना रहा है कि हमारा भारत भी विकसित राष्ट्र बने। यह हमारे सभी साथियों का भी सपना है। भारत के पास सामर्थ्य की कमी नहीं है। संसाधनों की कमी भी नहीं है। आज दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री, जिस देश में है, वह है भारत।’

ब्रिस्बेन में खोला जाएगा भारत का कॉन्सुलेट :
पीएम मोदी ने कहा कि ‘पहले ऑस्ट्रेलिया के संबंध कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी से डिफाइन किए जाते थे। इसके बाद हमारे संबंध डेमोक्रेसी, डायस्पोरा और दोस्ती से डिफाइन किए गए और अब हमारे संबंध एनर्जी, इकॉनोमी और एजुकेशन से डिफाइन किए जाते हैं लेकिन हमारे संबंध इससे कहीं ज्यादा हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिस्बेन में भारत का नया कॉन्सुलेट खोला जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी, जिसके बाद यह फैसला किया गया है।’

भारत में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं :
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में क्षमताओं या संसाधनों की कोई कमी नहीं है। आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री है। आईएमएफ भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को सबसे अहम मानता है। भारत का बैंकिंग सिस्टम भी मजबूत है। भारत ने बीते साल रिकॉर्ड निर्यात किया और हमारा विदेशी मुद्रा भंडार भी रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत में फिनटेक क्षेत्र में क्रांति आई हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारत की सबसे बड़ी ताकत यहां रहने वाले भारतीय हैं।

जी-20 की बैठक के वक्त 26/11 जैसे हमले की आशंका, कश्मीर में सुरक्षा बल मुस्तैद, गुलमर्ग नहीं जाएंगे विदेशी मेहमान

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श्रीनगर. सोमवार से श्रीनगर में G20 की बैठक होनी है। इससे पहले सुरक्षा के लिहाज से सरकार काफी सतर्क है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) मरीन कमांडो की कई टीमों को श्रीनगर में तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों ने सुरक्षा कारणों से G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (TWG) सम्मेलन के कार्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव किए हैं। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों को संदेह है कि आतंकवादी संगठनों ने गुलमर्ग में G20 के दौरान 26/11 के हमले को दोहराने की साजिश रची है।

बैठक 22 से 24 मई के बीच होनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक से पहले शहर में आतंकी हमलों की आशंका और राजौरी हमले के बाद से सरकार काफी सतर्कता बरत रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NIA ने कुपवाड़ा से एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए ओवर ग्राउंड वर्कर ने खुलासा किया है कि गुलमर्ग में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है।

सुरक्षा के लिहाज से सरकार मुस्तैद :
डल झील क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए डल झील में समुद्री कमांडो को तैनात किया गया है। G-20 की बैठक का स्थान झील से घिरा हुआ है। इसीलिए इस इलाके को पूरी तरह से कमांडों अपनी निगरानी में रख रहे हैं। एक अधिकारी ने मरीन कमांडो (MARCOS) की काबिलियत पर बात करते हुए कहा कि वे अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और आधुनिक उपकरणों से लैस हैं, MARCOS किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने छुए प्रधानमंत्री मोदी के पैर; पीएम ने गले लगाकर स्वीकार किया अभिवादन

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नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के बाद अब जापान से निकल चुके हैं। फिलहाल पीएम मोदी जापान से निकलकर हिंद प्रशांत महासागर के छोटे से देश पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद अहम है क्योंकि पापुआ न्यू गिनी हिंद प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है और अपनी लोकेशन की वजह से यह हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है।

पीएम नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी के पैर भी छुए। पीएम ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। यहां वे FIPIC शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

पापुआ न्यू गिनी क्यों है अहम :
हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के लिए पापुआ न्यू गिनी अहम देश है। यही वजह है कि अमेरिका की नजर भी पापुआ न्यू गिनी पर है और अमेरिका इस देश के साथ अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सोलोमन आइलैंड भी हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित एक द्वीपीय देश है और यहां चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ऐसे में चीन को काउंटर करने के लिए अमेरिका भी अब हिंद प्रशांत देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है।

पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी में मिलेगा खास सम्मान :
पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया जाएगा। खास बात ये है कि सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में सूरज ढलने के बाद पहुंचने वाले मेहमानों का पारंपरिक सम्मान नहीं किया जाता है लेकिन पीएम मोदी इस मामले में अपवाद हैं और उन्हें खुद पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री रिसीव करने एयरपोर्ट आएंगे।

हिरोशिमा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक के साथ बातचीत के दौरान भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में प्रगति सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। जी7 देशों के शिखर सम्मेलन से इतर सुनक से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर सहमति भी जताई।

चीन की चुनौती से निपटने में अहम :
चीन भारत के प्रभाव वाले हिंद महासागर में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। साथ ही हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत ने चीन को काउंटर करने के लिए हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा भी भारत की इन्हीं तैयारियों का हिस्सा है।

अमेरिका में लोग आपके दीवाने हैं… जो बाइडेन ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांगा ऑटोग्राफ, बताई अपनी अजीबोगरीब मुश्किल

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हिरोशिमा I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं। दुनिया के कई बड़े नेता भी उनके मुरीद दिखते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को क्वाड मीटिंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम नरेंद्र मोदी से ऑटोग्राफ मांग लिया। इसके साथ ही उनसे पूछा कि वह कैसे बड़ी भीड़ को मैनेज करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पीएम मोदी से अपनी जीबोगरीब चुनौतियों के बारे में बताया। बाइडेन ने पीएम मोदी से कहा कि वह बहुत लोकप्रिय नेता हैं और अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलना चाहते हैं।

शनिवार को क्वाड नेताओं की बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी से कहा, ‘मुझे आपके कार्यक्रमों के लिए लोगों से लगातार अनुरोध आ रहे हैं। ये मेरे लिए एक चुनौती बन गई है।’ जो बाइडेन ने पीएम मोदी से यह बातें अगले महीने उनके आधिकारिक अमेरिका यात्रा से पहले कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति के बाद मीटिंग में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने भी कहा कि उनके पास सिडनी में 20,000 की क्षमता वाला कम्युनिटी रिसेप्शन है, लेकिन वह फिर भी सभी अनुरोधों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं।

‘आप बहुत लोकप्रिय नेता है’ :
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले महीने होने वाली पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘आप दिखाते हैं कि लोकतंत्र मायने रखा है। आप मेरे लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर रहे हैं। अगले महीने हम आपके साथ रात्रिभोज करेंगे। पूरे देश से हर कोई आना चाहता है। मेरे पास टिकट खत्म हो गए हैं। आपको लगता है कि मैं मजाक कर रहा हूं, तो मेरी टीम से पूछ लीजिए। मुझे ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं, जिनसे लंबे समय से बात नहीं हुई। फिल्म अभिनेता से लेकर रिश्तेदार तक सभी फोन कर रहे हैं। आप बहुत लोकप्रिय हैं।’

मुझे आपका ऑटोग्राफ लेना चाहिए :
जो बाइडेन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, आपने क्वाड समेत हर चीज पर प्रभाव डाला है, जिसमें क्वाड भी शामिल है। हिंद प्रशांत में आपका बड़ा प्रभाव है। इसके बाद पीएम अल्बनीज ने आगे याद करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 90,000 से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इस पर जो बाइडेन ने मोदी से कहा, ‘मुझे आपका ऑटोग्राफ लेना चाहिए।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान गए हैं। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी मीटिंग में मौजूद थे। जापान इस साल जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पीएम मोदी 19 मई से 21 मई तक हिरोशिमा में रहेंगे।

विदेश दौरे पर पीएम मोदी को मिलेगा ‘दुर्लभ’ सम्मान, कुछ ही नेताओं को मिली है ऐसी इज्जत

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नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर गए हुए हैं। जिसमें उन्होंने पहले जापान में जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसके बाद वह हिंद प्रशांत महासागर स्थित देश पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया जाएंगे। इन विदेश दौरों पर प्रधानमंत्री मोदी को खूब सम्मान मिल रहा है लेकिन पापुआ न्यू गिनी जाने पर प्रधानमंत्री मोदी को एक दुर्लभ सम्मान मिलेगा, जो कुछ ही नेताओं को मिला है।

पीएम मोदी को मिलेगा खास सम्मान :
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हिंद प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। पापुआ न्यू गिनी का यह पीएम मोदी का पहला और भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। इस वजह से भी यह दौरा बेहद खास है। सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में शाम ढलने के बाद राष्ट्रध्यक्षों को पारंपरिक स्वागत नहीं किया जाता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मामले में पापुआ न्यू गिनी अपनी परंपरा को बदलने जा रहा है। पीएम मोदी के पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ पारंपरिक स्वागत किया जाएगा। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री खुद एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचेंगे।

चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी :
चीन हिंद और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। अब भारत ने भी चीन को उसके पड़ोस में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत भारत हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। इसी के तहत पीएम मोदी का पापुआ न्यू गिनी का दौरा बेहद अहम है। पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी में फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आइलैंड कॉपरेशन सम्मेलन की तीसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह सम्मेलन पापुआ न्यू गिनी में होगा और इसमें हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह बैठक सोमवार को होगी। साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने ही फिजी में FIPIC की शुरुआत की थी।

ऑस्ट्रेलिया में ‘लिटिल इंडिया’ जाएंगे :
पापुआ न्यू गिनी के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी सिडनी में एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय मूल के नागरिकों से मुलाकात करेंगे। यह कार्यक्रम हैरिस पार्क इलाके में होगा, जिसे लिटिल इंडिया के रूप में जाना जाता है।

हिरोशिमा में पीएम मोदी से मिले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, युद्ध के बीच दोनों की पहली मीटिंग

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नई दिल्ली. जापान के हिरोशिमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच शनिवार को मुलाकात हुई है. इस बीच, दोनों देशों के बीच वार्ता भी हुई है. ये मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इससे पहले पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच कई बार फोन पर बात हुई है. युद्ध के बीच यह पहली बार आमने-सामने मुलाकात और बातचीत हुई है.

माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान युद्ध के कारण बने हालात और शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयासों को लेकर चर्चा हुई है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे. पीएम मोदी जी-7 समिट में शामिल होने के लिए 19 मई को जापान के हिरोशिमा पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने जापान के पीएम फुमियो किशिदा से जापान और भारत की जी-7 और जी 20 की अध्यक्षता के तहत कई वैश्विक चुनौतियों पर बात की. शनिवार को उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. पीएम की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात हुई है.

यूक्रेन के बचाव में एकजुट हुए जी-7 के सदस्य, कहा- ऐसी दुनिया बनाएंगे जहां सब बराबर हों

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हिरोशिमा I जापान के हिरोशिमा में G7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें कहा कि सभी ग्रुप ऑफ सेवन के सदस्य यूक्रेन के खिलाफ रूस के अवैध, अनुचित, और अकारण युद्ध के खिलाफ एक साथ खड़े हैं और इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

संयुक्त बयान में रूस के आक्रमण और अवैध कब्जे की निंदा की गई। साथ ही कहा गया कि जी-7 यूक्रेन का समर्थन करने के लिए सभी ठोस कदम उठा रहा है। इस दौरान ग्रुप ऑफ सेवन के सदस्यों ने निरस्त्रीकरण और अप्रसार के प्रयासों को मजबूत करने का संकल्प लिया। साथ ही सभी के लिए कम सुरक्षा के साथ परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ने पर जोर दिया।

जी-7 के बयान में कहा गया है कि हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए काम करेंगे जो मानव-केंद्रित, समावेशी और लचीला हो, जिसमें कोई भी पीछे न छूटे, सब बराबर हो।

रूस की निंदा की :
हिरोशिमा में नेताओं ने यूक्रेन में जल्द से जल्द एक व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का प्रण लिया। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के चार्टर का रूस द्वारा सीधा उल्लंघन करने और बाकी दुनिया पर रूस के युद्ध के कारण पड़ने वाले प्रभाव की निंदा भी की। बयान में कहा गया है कि पंद्रह महीने से रूस की हठता जारी है। इसकी वजह से हजारों जान जा चुकी हैं। युद्ध ने यूक्रेन के लोगों को भारी पीड़ा दी है। साथ ही इस युद्ध के कारण दुनिया के कई कमजोर देशों के लिए मुश्किले पैदा हुई हैं। इस युद्ध ने लोगों के लिए भोजन और ऊर्जा तक के पहुंच को भी खतरे में डाल दिया है।

जिसने शुरू किया वही करे खत्म
यूक्रेन में एक व्यापक, न्यायोचित और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए जी-7 के सदस्यों ने रूस से आग्रह किया है कि वह तुरंत इस लड़ाई को रोके और बिना किसी शर्त के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों को वापस कर ले। बयान में कहा गया है कि रूस ने यह युद्ध शुरू किया था और इसे खत्म भी उसे ही करना चाहिए। वह यह युद्ध खत्म कर सकता है।

यूक्रेन को आर्थिक सहायता की जरूरत :
संयुक्त बयान में जी-7 देशों के सदस्यों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन को आर्थिक सहायता की जरूरत है। इसलिए सुनिश्चित किया गया कि यूक्रेन को 2023 और 2024 की शुरुआत के लिए आवश्यक आर्थिक समर्थन मिले।

इन देशों के नेताओं का स्वागत :
विशेष रूप से जी-7 के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि रूसी आक्रमण के कारण कई गरीब देशों में खाद्य संकट बढ़ गया है, जो वैश्विक खाद्य असुरक्षा और कुपोषण को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा रहा है। जी-7 नेताओं ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कोमोरोस, कुक आइलैंड्स, इंडोनेशिया, कोरिया और वियतनाम के नेताओं की भागीदारी का भी स्वागत किया और उन्हें सम्मेलन में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।

G-7 Summit: जी-7 में दिखा बाइडन-मोदी और सुनक का याराना, बैठक में गर्मजोशी से मिले; एक-दूसरे को गले भी लगाया

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नई दिल्ली l जापान के हिरोशिमा शहर में जी-7 शिखर सम्मेलन में शनिवार को पीएम मोदी ने कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। भारत इस संगठन का हिस्सा नहीं है, लेकिन एक मेहमान देश के तौर पर पीएम मोदी इस शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने दुनियाभर के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तक शामिल रहे।

जी7 की इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात की। हॉल में बाइडन के प्रवेश करते ही पीएम मोदी ने उनसे गले मिलकर अभिवादन किया, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच कुछ बाते भी हुई।

पीएम मोदी ने इस बैठक में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। यहां भी दोनों नेताओं ने गले लगाकर एक दूसरे का अभिवादन किया। ब्रिटेन पीएम सुनक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गले मिलने की तस्वीरें भी शेयर की है।

पीएम मोदी जी-7 सम्मेलन के लिए जापान में 19 से 21 मई तक रहेंगे, इसके बाद वह एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पापुआ न्यू गिनी जाएंगे।

तीन देश… छह दिन… 40 कार्यक्रम, दुनिया के 24 नेताओं से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी ; दौरे से जुड़ी अहम बातें

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नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के लिए जापान रवाना हो गए हैं। पीएम आज शाम में हिरोशिमा में जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। G7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। इस सम्मेलन में परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक लचीलापन और आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु और ऊर्जा समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी।

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे। पीएम इस 6 दिन की यात्रा में 40 कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ 24 वैश्विक नेताओं से भी मिलेंगे। मोदी की कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की भी उम्मीद है।

जापान में इन कार्यक्रमों में पीएम करेंगे शिरकत :
जी7 शिखर सम्मेलन 19 से 21 मई तक जापान के हिरोशिमा में हो रहा है। सम्मेलन में पीएम मोदी अन्य आमंत्रित भागीदारों के साथ दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने को लेकर अपनी राय रखेंगे। जापान दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ कई दूसरे नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं।

सम्मेलन के बाद पीएम मोदी हिरोशिमा में परमाणु धमाके के पीड़ितों की याद में बनी स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

जापान से जाएंगे पापुआ न्यू गिनी :
जापान की यात्रा खत्म करने के बाद पीएम मोदी 21 मई को पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी की यात्रा करेंगे। पापुआ न्यू गिनी में यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा भी होगी। पीएम मोदी इसके बाद 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारपे के साथ संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम (FIPIC III शिखर सम्मेलन) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
इसके बाद पीएम मोदी यहां के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे, प्रधानमंत्री मारापे और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले पीआईसी के कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय और सीईओ से करेंगे मुलाकात :
पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के साथ एक बैठक भी करेंगे। पीएम इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई के बड़े सीईओ से भी मुलाकात करेंगे।

Pakistan: ”इमरान खान के आवास में छिपे हैं 30-40 आतंकवादी”, पंजाब सरकार ने कहा- हमारे पास पर्याप्त सबूत

थर्ड आई न्यूज

इस्लामाबाद । पाकिस्तान में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान खान को पंजाब की प्रांतीय सरकार ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। दरअसल, पंजाब के अंतरिम सूचना मंत्री आमिर मीर ने दावा किया कि इमरान खान के आवास में आतंकवादी छिपे हैं।उन्होंने कहा कि जियो-फेंसिंग के जरिए ‘तकनीकी और खुफिया’ जानकारी मिली थी कि इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास पर आतंकवादी छिपे हैं। इस दौरान उन्होंने आतंकवादियों की संख्या भी बताई। बतौर आमिर मीर पीटीआई प्रमुख के आवास पर 30-40 आतंकवादी छिपे हुए हैं।

प्रांतीय सरकार का अल्टीमेटम
आमिर मीर ने कहा कि इमरान के आवास पर छिपे लोगों में लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस पर हमला करने वाले भी शामिल हैं। इसलिए पीटीआई नेतृत्व से अनुरोध किया जा रहा है कि इन लोगों को सौंप दें।

उन्होंने कहा कि पंजाब की अंतरिम सरकार ने पीटीआई नेतृत्व को आतंकवादियों को सौंपने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों के पास हमलों में उनकी संलिप्तता के सबूत हैं।

पीटीआई ने हिंसक विरोध प्रदर्शन की बनाई थी योजना :
आमिर मीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई नेतृत्व ने देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन की योजना तैयार की थी।

उन्होंने दावा किया कि पीटीआई ने लोगों को सेना के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए उकसाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र, सैन्य नेतृत्व और पंजाब सरकार ने पहले ही यह तय कर लिया है कि हमलों में शामिल लोगों को सजा दी जाएगी।

आमिर मीर ने दावा किया कि खुफिया जानकारी के मुताबिक, सेना के प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले 30-40 आतंकवादी वर्तमान में इमरान खान के जमान पार्क स्थित आवास में छिपे हैं।

हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ चलेगा मुकदमा :
उन्होंने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इन लोगों को मिसाल बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे।

‘आप पहले अपने नियम को देखें’: रूस से तेल खरीदने पर फिर उठा सवाल, विदेश मंत्री ने ईयू को दिया करारा जवाब

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का देखने को मिलने लगा। कई देशों ने नाराज होकर रूस पर प्रतिबंध लगाए। इसी बीच, भारत ने सस्ती दरों पर रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया। हालांकि, इसकी वजह से भारत को कई बार सवालों का सामना करना पड़ा है। एक बार फिर यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने सवाल उठाया, जिसका भारत ने ‘मुंहतोड़’ जवाब दिया है।

जयशंकर का एकटूक जबाव :
दरअसल, यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने भारत के रिफाइंड प्रोडक्ट्स पर कार्रवाई की मांग की, जिन्हें रूसी तेल के जरिए तैयार किया जा रहा है। इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोसेफ को सलाह दी कि उन्हें यूरोपीय संघ परिषद के नियमों को देखना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ परिषद के नियमों को देखें, रूसी कच्चे तेल को तीसरे देश में काफी हद तक बदल दिया गया है और अब इसे रूसी नहीं माना जाता है। साथ ही उन्होंने परिषद के नियमन 833/2014 को देखने का आग्रह किया I

इसलिए की कार्रवाई की मांग :
जोसेफ बोरेल ने कहा था कि भारत रूसी तेल को रिफाइंड फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल में बदलकर यूरोप में बेच रहा है। इसलिए यूरोपीय संघ को भारत पर कार्रवाई करनी चाहिए। जोसेफ का कहना है कि जहां पश्चिम मुल्क रूस के एनर्जी सेक्टर के ऊपर कार्रवाई तेज कर उसके ऊपर दबाव बना रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर भारत रूसी तेल को खरीदने का काम कर रहा है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदता है, इससे उन्हें कोई शिकायत नहीं है। मगर, यूरोपीय संघ को रूसी तेल से भारत में बने प्रोडक्ट को लेकर उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

अपने शब्दों से पलटा ईयू :
बता दें कि ब्रसेल्स में व्यापार प्रौद्योगिकी वार्ता में बोरेल ने जयशंकर से मुलाकात की थी, लेकिन वह उसके बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित नहीं हुए थे। वहीं, जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने भारत पर कार्रवाई करने वाले बयान पर जबाव दिया, तो यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने कहा कि भारत और यूरोप दोस्त हैं और उन्हें एक दूसरे से रिश्ते सामान्य रखने चाहिए, न कि उंगलियां उठानी चाहिए।

मीटिंग में ये लोग रहे मौजूद :
जयशंकर के साथ, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी मीटिंग में मौजूद थे। गौरतलब है, जयशंकर बांग्लादेश, स्वीडन और बेल्जियम की अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में सोमवार को ब्रसेल्स पहुंचे हैं।

इमरान खान को रिहा करने वाले चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी, संसद में लाया जाएगा निंदा प्रस्ताव

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इस्लामाबाद । पाकिस्तान में राजनीतिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पीडीएम ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पीडीएम समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट को भी घेर लिया है। वे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल को हटाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए संसद में निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा। पीडीएम में पाकिस्तान ड्रेमोक्रेटिक मूवमेंट पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल समेत कई पार्टियां शामिल हैं।

बुशरा बीबी को मिली जमानत :
इमरान खान की बीवी बुशरा बीबी को जमानत मिल गई है। लाहौर हाईकोर्ट ने 23 मई तक उन्हें जमानत दे दी है। बुशरा बीबी के साथ इमरान खान भी हाईकोर्ट पहुंचे थे।

पीटीआई समर्थक भी कर रहे विरोध प्रदर्शन :
पीटीआई समर्थकों ने भी विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। पीटीआई ने इस दौरान गिरफ्तार अपने नेताओं की भी लिस्ट जारी की।

सात हजार पीटीआई कार्यकर्ताओं को किया गया गिरफ्तार :
इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी पीटीआई के करीब सात हजार कार्यकर्ताओं और नेताओं को जेल में डाल दिया गया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। इमरान खान की पार्टी ने आगे कहा कि सुरक्षा एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट पर कब्जा करने और संविधान को खत्म करने के लिए गुंडों की मदद कर रही हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट और संविधान नष्ट हुआ तो पाकिस्तान के सपनों का अंत हो जाएगा।

मेरी पार्टी को खत्म करना चाहती है सेना :
इमरान खान ने अपनी रिहाई के बाद देश को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि सेना उनकी पार्टी को कुचलना चाहती है, खत्म करना चाहती है। उन्होंने सेना को राजनीति में आने के लिए अपनी खुद की पार्टी बनाने की भी सलाह दी थी I

Pakistan: ‘तब आप पैदा भी नहीं हुए थे, जब मैं…’ इमरान ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता को दिया खुला चैलेंज

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इस्लामाबाद I पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान मुखर होकर सेना की आलोचना कर रहे हैं। अब अपने ताजा बयान में इमरान खान ने सेना को खुला चैलेंज देते हुए कहा है कि अगर वह राजनीति करना चाहते हैं तो अपनी राजनीतिक पार्टी बना लें। इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग के डीजी मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी का नाम लेकर उनपर निशाना साधा।

सेना पर जमकर बरसे इमरान :
जेल से रिहा होने के बाद इमरान खान ने शनिवार को लाहौर में अपने आवास पर एक जनसभा को संबोधित किया। बता दें कि पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग के चीफ मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने हाल ही में इमरान खान को अपने एक बयान में ‘पाखंडी’ कहा था। इस पर निशाना साधते हुए इमरान खान ने कहा कि ‘सुनो मिस्टर डीजी आईएसपीआर….तब आप पैदा भी नहीं हुए थे, जब मैं दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा था और इसका नाम रोशन कर रहा था। तुम्हें, मुझे पाखंडी कहने पर शर्म आनी चाहिए।’

राजनीतिक पार्टी क्यों नहीं बना लेती सेना :
इमरान ने कहा कि ‘आप राजनीति कर रहे हैं तो आप अपनी राजनीतिक पार्टी क्यों नहीं बना लेते। आपको किसने अधिकार दिया कि आप मेरे ऊपर इस तरह के आरोप लगाएं। ऐसा बोलते हुए कुछ तो शर्म करो।’ पीटीआई चीफ ने कहा कि ‘जब वह प्रधानमंत्री थे तो सेना की छवि अच्छी थी लेकिन जब तत्कालीन आर्मी चीफ ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा और पाकिस्तानी के सबसे भ्रष्ट लोगों को सत्ता में लेकर आए तो लोगों ने सेना की आलोचना करना शुरू किया। सेना की आलोचना मेरी वजह से नहीं बल्कि पूर्व आर्मी चीफ की वजह से हो रही है।’

‘ईस्ट पाकिस्तान जैसी ज्यादती हो रही पीटीआई पर’ :
बीते दिनों इमरान खान की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान में जमकर हिंसा हुई थी। इसे लेकर इमरान खान ने कहा कि हमले में अज्ञात लोग शामिल थे लेकिन सरकार ने पीटीआई नेताओं और पार्टी के 3500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टियां नहीं चाहती कि हम चुनाव लड़ें, इसलिए हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि ईस्ट पाकिस्तान (बांग्लादेश) की तरह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ छापेमारी और गिरफ्तारियां हो रही हैं।

इमरान खान ने कहा कि देश में न्यायपालिका ही उम्मीद की आखिरी किरण है। सरकार मीडिया पर नियंत्रण कर रही है और सोशल मीडिया को भी बैन किया जा रहा है।

Imran Khan: अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भी इमरान खान को राहत, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 2 हफ्ते के लिए दी जमानत

थर्ड आई न्यूज

इस्लामाबाद । भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में राहत मिली है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अभियोग पर स्थगन आदेश जारी किया है।

दूसरी ओर अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भी इमरान को राहत मिल गई है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान को 2 सप्ताह के लिए जमानत दे दी है।

कोर्ट रूम छोड़कर चले गए थे जज :
इससे पहले हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही हंगामा मच गया था। पेशी के दौरान इमरान समर्थक वकीलों ने कोर्ट रूम में इमरान के नारों से हंगामा कर दिया, जिससे जज रूम छोड़कर चले गए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। साथ ही उन्हें हाई कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।

इमरान ने की शांति की अपील :
बीती शाम को इमरान ने अपने समर्थकों से शांति की अपील करते हुए दावा किया कि हिरासत में उन्हें डंडों से पीटा गया। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार किसी अपराधी के साथ भी स्वीकार नहीं है।

इमरान बोले- मुझे आतंकी समझा गया
पूर्व पीएम ने कहा कि उनके खिलाफ 145 केस दर्ज हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी एक आतंकी की तरह की गई। वहीं, चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल, जस्टिस मुहम्मद अली मजहर और जस्टिस अतर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनपर यह कार्रवाई अवैध थी।

बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी के प्रमुख इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार किया था। पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को इमरान को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे तक पेश करने का निर्देश दिया था। खान को कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया।

पीठ ने जताई नाराजगी :
पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाक रेंजरों द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने के तरीके पर भी गहरी नाराजगी जताई और अधिकारियों को उन्हें उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया।

कोर्ट रूम में इमरान के प्रवेश करते ही अदालत के दरवाजे बंद कर दिए गए और पीठ ने सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस बंदियाल ने इमरान से कहा, ‘आपको देखकर अच्छा लगा। हमारा मानना है कि आपकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट को शुक्रवार को मामले की सुनवाई करनी चाहिए और वह जो भी फैसला दे, आपको स्वीकार करना होगा।’

मरयम बोलीं, पीटीआइ में शामिल हो जाएं चीफ जस्टिस :
इमरान की रिहाई को लेकर पाक की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) चीफ जस्टिस पर हमलावर हो गई। पार्टी की मुख्य संयोजक मरयम नवाज ने कहा कि खजाना लूटने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने छोड़ दिया। एक अपराधी को छोड़ दिया गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट राहत देगा तो देश को कौन बचाएगा?

उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस बंदियाल को पद से इस्तीफा देकर इमरान खान की पार्टी पीटीआइ ज्वाइन कर लेनी चाहिए। मरयम ने कहा कि इमरान खान को भ्रष्टाचार केस में जवाब देने हैं। जब पुलिस वारंट लेकर लाहौर गई थी, तब पुलिस वालों के लाहौर में सिर फोड़े गए थे। यदि इमरान को तब सजा दी गई होती तो आज मुल्क जल नहीं रहा होता।

इमरान खान की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान में बवाल, अमेरिका, लंदन और कनाडा में भी समर्थकों का हंगामा

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वाशिंगटन I पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से देश के कई हिस्सों में हिंसा शुरू हो गई है। पाकिस्तान एंटी करप्शन एजेंसी ने इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि इमरान अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले के आरोप में अदालत में पेश हो रहे थे। इसके बाद से हिंसा शुरू हो गई और सड़कों पर जमकर विरोध प्रदर्शन हुए। समर्थकों और पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के घर पर भी हमला बोल दिया।

वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन :
इमरान खान की गिरफ्तारी का असर अमेरिका में भी देखने को मिला। 9 मई को वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत के आवास के बाहर एकत्र होकर प्रदर्शनकारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वाशिंगटन, न्यूयॉर्क और शिकागो सहित शहरों में प्रदर्शन देखे गए। अमेरिका ने पाकिस्तान में अराजकता पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन का सम्मान करने का आह्वान किया है।

लंदन के साथ-साथ इन देशों में भी प्रदर्शन :
अमेरिका के अलावा लंदन में भी इमरान खान के समर्थकों ने लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। इमरान खान के साथ एकजुटता का विरोध टेक्सास के डलास और साथ ही कनाडा के एक शहर मिसिसॉगा में भी देखा गया। कनाडा में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान दूतावास के बाहर आज बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।

इमरान खान कि रिहाई की मांग
वहीं, वाशिंगटन में प्रदर्शनकारियों ने इमरान खान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और पीटीआई नेता को रिहा किए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक होगी। मैरीलैंड और वर्जीनिया सहित अन्य शहरों से आए प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत के आवास के बाहर 9 मई की शाम इमरान खान के समर्थन में बैनर और पोस्टकार्ड लहराए।

पाकिस्तान में सबसे खराब स्थिति का डर- प्रदर्शनकारी
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि ‘अगर इमरान खान को कुछ भी होता है, तो मुझे पाकिस्तान में सबसे खराब स्थिति का डर है। हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।’अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एएनआई को बताया कि अमेरिका के पास राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी पर कोई स्थिति नहीं है। पाकिस्तान में इमरान खान की नाटकीय गिरफ्तारी पर जवाब देते हुए अधिकारी ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया।

अमेरिका, कनाडा समेत इन देशों ने जारी की एडवाइजरी :
इससे पहले एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, ‘हम सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाकिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है वह कानून के शासन और संविधान के अनुरूप हो। वहीं, यूके के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा, ‘हम पाकिस्तान में शांतिपूर्ण लोकतंत्र देखना चाहते हैं। हम कानून के शासन का पालन देखना चाहते हैं। पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा को देखते हुए अमेरिका, कनाडा और यूके ने अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मचारियों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है।

पाकिस्तान के इन शहरों में हिंसा :
जियो न्यूज ने बताया कि पीटीआई कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची, गुजरांवाला, फैसलाबाद, मुल्तान, पेशावर और मर्दन सहित पूरे पाकिस्तान के शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। कराची में नर्सरी के पास प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। उन्होंने पुलिस वाहनों पर पथराव किया और स्ट्रीट लाइटें भी फोड़ दीं। इस बीच, पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पार्टी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पार्टी अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को बरकरार रखने को चुनौती देने के लिए आज सुबह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। फवाद चौधरी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को ‘आश्चर्यजनक’ करार दिया।

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान के हालात पर भारत की नजर, जगह-जगह भड़की है हिंसा

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से मंगलवार (9 मई) को गिरफ्तार किया. इसके बाद पूरे पाकिस्तान में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इमरान खान के समर्थक जगह-जगह आगजनी कर रहे हैं. लाहौर में तो उनके समर्थकों ने सेना क कौर कमांडर का घर जला दिया तो पेशावर में भी रेडियो स्टेशन पर भी आग लगा दी गई.

रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में उनके समर्थक घुस आए और नारेबाजी की. पाकिस्तान के मौजूदा हालात ने दुनिया के देशों की चिंता बढ़ा दी है. पड़ोसी मुल्क पर भारत की भी नजर बनी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार इस्लामाबाद में डिप्लोमेटिक मिशन और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.

दरअसल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान को कोर्ट के बाहर से उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट आए थे.

खान के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. पार्टी कार्यकर्ता कराची में पीटीआई के मुख्य कार्यालय इंसाफ हाउस, पेशावर और लाहौर में एकत्रित होने लगे हैं.

रावलपिंडी और इस्लामाबाद की सड़कों पर भी कार्यकर्ताओं के देखे जाने की खबरें हैं. इसके बाद से बवाल बढ़ने लगा और कई जगह हिंसा हुई है. पूर्व सूचना मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने भी देश भर में लोगों से प्रदर्शन करने की अपील की है.

किस मामले में गिरफ्तारी हुई :
इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर खान ने कहा कि अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि आरोप है कि बहरिया टाउन ने पीटीआई अध्यक्ष खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के स्वामित्व वाले अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित की थी.

‘मुझे जेल में डालना चाहते’:
इमरान खान ने भी इस्लामाबाद हाई कोर्ट जाने से पहले कहा, “मुझ पर कोई मामला नहीं है, वे मुझे जेल में डालना चाहते हैं, मैं इसके लिए तैयार हूं.” उन्होंने कहा कि वो इस्लमाबाद के लिए निकल रहे हैं, लेकिन मैं इससे पहले कहना चाहता हूं कि मैंने मेरी ह्त्या की साजिश करने वाले इंटेलिजेंस ऑफिसर का नाम लिया तो कहा जा रहा है कि मैंने तौहीन कर दी. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) से कहना है कि मैं झूठ नहीं बोलता.”

पीटीआई ने क्या कहा?
गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने खान का पहले से रिकॉर्ड किया एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मेरी ये बातें आप तक पहुंचेगी, तब तक मुझे निराधार मामले में गिरफ्तार किया जा चुका होगा. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में मौलिक अधिकारों और लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है.’’

इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहा जा रहा है?
इमरान खान की गिरफ्तारी ऐसे समय की गई है, जब पाकिस्तानी सेना ने सोमवार (8 मई) को उनकी बिना किसी सबूत के एक सेवारत आईएसआई अधिकारी के खिलाफ निराधार’आरोप लगाने के लिए आलोचना की थी. सेना ने खान का सीधे तौर पर उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम संबंधित नेता से कानूनी रास्ते का सहारा लेने और झूठे आरोप लगाना बंद करने के लिए कहते हैं. संस्थान के पास झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों और दुष्प्रचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है.

चीन को चुनौती: पश्चिम एशिया से जुड़ेंगी भारत की रेल लाइनें! चार देशों ने बनाई योजना, डोभाल ने संभाला मोर्चा

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नई दिल्ली l सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई खाड़ी देशों में जल्द भारत की बनाई ट्रेन दौड़ सकती है। इस परियोजना को लेकर अमेरिका, भारत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक बैठक भी हुई है। बताया जा रहा है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इसी बैठक का हिस्सा बनने के लिए सऊदी अरब गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में डोभाल दक्षिण एशिया में भारतीय उपमहाद्वीप को पश्चिम एशिया से जोड़ने वाले बड़े क्षेत्र में रेलवे, समुद्री और सड़क संपर्क बनाने के लिए बड़े पैमाने पर संयुक्त परियोजना की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा कर सकते हैं।

सूत्रों की माने तो, इस परियोजना के विकास की सूचना सबसे पहले अमेरिका के समाचार वेबसाइट एक्सियोस ने दी थी। इसका कहना था कि कई खाड़ी देशों में जल्द भारत की बनाई ट्रेन दौड़ सकती है। यह रेल नेटवर्क बंदरगाहों से शिपिंग लेन के जरिए भारत से भी जुड़ा होगा। इसका प्राथमिक उद्देश्य खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है। चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए मध्य पूर्व के देशों में तेजी से निवेश कर रहा है। ऐसे में रेल नेटवर्क की यह संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजना उन प्रमुख पहलों में से एक है जिसे व्हाइट हाउस मध्य पूर्व में तेजी से लागू करना चाहता है।

शनिवार को हुई थी चर्चा :
एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी शनिवार से सऊदी अरब के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने इस परियोजना और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए रविवार को अपने सऊदी, अमीराती और भारतीय समकक्षों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान अन्य क्षेत्रीय मुद्दों समेत रेल नेटवर्क परियोजना के बारे में गंभीर चर्चा हुई।

भारत को होगा तीन लाभ :
सूत्रों के अनुसार, भारत इस परियोजना में इसलिए भाग लेना चाहता है क्योंकि यह तीन रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करता है। सबसे पहले, बीजिंग ने पश्चिम एशियाई क्षेत्र में अपने राजनीतिक प्रभाव के क्षेत्र का विस्तार किया है, जिसे दिल्ली “मिशन क्रीप” के रूप में देखता है। क्योंकि सऊदी अरब और ईरान के बीच अच्छे संबंधों के कारण भारत को तवज्जो नहीं मिल पा रहा थी। अगर परियोजना को सफलता मिल जाती है तो इस तरह की कनेक्टिविटी कच्चे तेल की तेज आवाजाही की अनुमति देगी और लंबी अवधि में भारत की लागत को कम करेगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने से भारत के उन 80 लाख लोगों को मदद मिलेगी जो खाड़ी क्षेत्र में रहते हैं और काम करते हैं।

वहीं, दूसरी वजह यह भी है कि यह परियोजना भारत को रेलवे क्षेत्र में एक बुनियादी ढांचा निर्माता के रूप में एक ब्रांड बनाने में मदद करेगी। वहीं, तीसरा लाभ यह होगा कि भारत का अपने पश्चिमी पड़ोसियों से संपर्क सीमित नहीं रहगा। गौरतलब है, पाकिस्तान ने कई मार्गों पर रोक लगा दी है, जिसके कारण भारत का अपने पश्चिमी पड़ोसियों से संपर्क लंबे समय तक सीमित रहा है। इसलिए, देश पश्चिम एशियाई बंदरगाहों तक पहुंचने के लिए शिपिंग मार्गों का उपयोग करना चाहती है।

I2U2 फोरम में रेल नेटवर्क की हुई थी चर्चा :
गौरतलब है, खाड़ी देशों में भारतीय रेल नेटवर्क का विचार पिछले 18 महीनों में I2U2 नामक एक फोरम में बातचीत के दौरान सामने आया। इसमें अमेरिका, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत शामिल हैं। I2U2 की स्थापना 2021 के अंत में मध्य पूर्व में रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए की गई थी। इस मुद्दे पर शुरुआती चर्चाओं में सीधे तौर पर शामिल एक पूर्व वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने एक्सियोस को बताया कि यह परियोजना सीधे तौर पर चीन से जुड़ी हुई है, लेकिन किसी ने भी उसका नाम नहीं लिया है।

Coronavirus: WHO का एलान, वैश्विक स्वास्थ्य महामारी के तौर पर कोविड-19 समाप्त

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जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में समाप्त करने का एलान किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल समाप्त हो गया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड-19 खत्म हो गया है।

वैश्विक महामारी के रूप में कोरोना वायरस खत्म :
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस ने कहा, ”बड़ी आशा के साथ मैं COVID19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में समाप्त करने की घोषित करता हूं।” हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में COVID-19 खत्म हो गया है।

खालिस्‍तानियों ने ऑस्ट्रेलिया में स्वामीनारायण मंदिर को बनाया निशाना, दीवार पर लिखे भारत-विरोधी नारे

थर्ड आई न्यूज

मेलबर्न Iऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में शुक्रवार को ‘समाज-विरोधी तत्वों’ ने एक प्रमुख हिंदू मंदिर की दीवारों पर भारत-विरोधी नारे लिखकर उसे विरूपित कर दिया। इस महीने के अंत में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा से पहले हिंदू मंदिर को विरूपित किए जाने का यह ताजा मामला है। यह घटना सिडनी के रोजहिल में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में हुई। हालांकि यह घटना किस समय हुई, यह अभी पता नहीं चल पाया है।

‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार मंदिर अधिकारियों ने गेट पर एक खालिस्तानी झंडा भी लगा देखा और न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) पुलिस को मामले की जानकारी दी। मंदिर ने एक बयान में कहा, ‘हम रोजहिल में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर समाज विरोधी तत्वों द्वारा भारत-विरोधी नारे लिखे जाने की घटना से बहुत आहत हैं।’ बयान में कहा गया है, ‘हम इस बात को लेकर और भी आहत हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बीएपीएस मंदिरों को निशाना बनाया गया है। पिछले 23 वर्ष से, बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर स्थानीय समुदाय की पहचान रहा है और एक प्रमुख हिंदू मंदिर है, जो दुनिया भर के सभी बीएपीएस मंदिरों की तरह शांति-सद्भाव, समानता, निःस्वार्थ सेवा और सार्वभौमिक हिंदू मूल्यों का स्रोत है।’

‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार परमट्टा से संसद सदस्य एंड्रयू कार्लटन घटना की जानकारी मिलते ही बीएपीएस मंदिर पहुंचे। कार्लटन ने मंदिर प्रबंधन के साथ दीवार की फिर पुताई में मदद की। इस साल की शुरुआत में खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों और ब्रिस्बेन में दो हिंदू मंदिरों को विरूपित किया था। प्रधानमंत्री मोदी 24 मई को क्वॉड शिखर सम्मेलन के लिए सिडनी जाने वाले हैं।

मार्च में, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस की भारत यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने उनके समक्ष हिंदू मंदिरों पर लगातार हमलों का मुद्दा उठाया था और अपनी चिंताओं से अवगत कराया था। इस पर अल्बनीस ने मोदी को आश्वासन दिया था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक स्थलों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

भारत आए बिलावल भुट्टो जरदारी, लेकिन ‘जयशंकर मिसाइल’ से पाकिस्तान है परेशान

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नई दिल्ली l बिलावल भुट्टो जरदारी को गोवा में रेड कार्पेट वेलकम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते ऐसे नहीं हैं। बिलावल भारत तो आ गए हैं लेकिन पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट्स को अलग ही चिंता सता रही है। जी हां, वे मोदी सरकार के ‘मिसाइल मिनिस्टर’ एस. जयशंकर को लेकर बेचैन हैं। राजदूत तारिक जमीर ने एक डिबेट में चिंता जताते हुए कहा कि इंटरनेशनल फोरम पर पाकिस्तान को जलील करने के लिए भारत ने पूरी तैयारी कर रखी है। कई पूर्व राजनयिकों ने आशंका जाहिर की है कि गोवा में अंतरराष्ट्रीय बैठक में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुना सकते हैं। और वहां सामने बैठे बिलावल को सब कुछ सुनना पड़ेगा। मलीहा लोधी ने यहां तक कह दिया कि बिलावल के भारत जाने से रिश्तों पर जमी बर्फ नहीं पिघलने वाली। ऐसे में समझा जा सकता है कि ‘गोवा वाले बीच’ का माहौल दो दिनों के लिए गर्म बना रह सकता है। नहीं, यह कोई मौसम की भविष्यवाणी नहीं है बल्कि पाकिस्तान, चीन समेत SCO के विदेश मंत्रियों के दक्षिण गोवा पहुंचने से माहौल ऐसा रह सकता है। कश्मीर पर जहर उगलने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (34) आज भारत पहुंच गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान से रवाना होने से पहले एक वीडियो भी जारी किया था। दोपहर 12 बजे के करीब उनका प्लेन कराची से गोवा के लिए उड़ा और ढाई बजे के करीब वह गोवा एयरपोर्ट से बाहर निकलते दिखे।

SCO के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक आज से गोवा के एक आलीशान ‘बीच रिसॉर्ट’ में शुरू हो रही है। वैसे, मुख्य चर्चा कल होगी लेकिन आज विदेश मंत्री जयशंकर चीन और रूस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। जबकि भारत बिलावल की यात्रा को तवज्जो नहीं दे रहा है। खबर है कि विदेश मंत्री जयशंकर और बिलावल भुट्टो के बीच कोई द्विपक्षीय चर्चा प्रस्तावित नहीं है। बिलावल का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ दिन पहले ही पुंछ में सेना के एक ट्रक को निशाना बनाकर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे।

इससे पहले हिना रब्बानी खार 2011 में भारत आई थीं, तब एसएम कृष्णा विदेश मंत्री थे। उसके बाद पहली बार पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री का दौरा हो रहा है। खार इस समय विदेश राज्य मंत्री हैं। दिसंबर 2016 में पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के बाद पाकिस्तान से पहला उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहा है।

जैसे UN जाते हैं… बिलावल के भारत दौरे पर बोलीं हिना
एक भारतीय चैनल को दिए इंटरव्यू में हिना रब्बानी खार ने कहा कि बिलावल का दौरा कोई भारत टूर नहीं है। यह SCO visit है। दरअसल पाकिस्तान की माली हालत को देखते हुए बिलावल के दौरे को रिश्ते सुधारने की मजबूरी की तरह देखा जा रहा है। हालांकि हिना ने कहा कि हम द्विपक्षीय मामले की बात ही नहीं कर रहे हैं। किसी भी तरह से इसे द्विपक्षीय दौरे की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। यह उसी तरह से है जैसे कोई UNGA (संयुक्त राष्ट्र महासभा) के लिए जाता है।

हिना जब भारत आई थीं तब दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो रहे थे लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिलावल के भारत आने से संबंधों पर कोई असर पड़ेगा? अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने BBC से कहा कि बिलावल भुट्टो का यह दौरा भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गर्माहट का कोई संकेत नहीं दे रहा है। हां, कुछ एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह शांति को आगे बढ़ाने की एक पहल जरूर हो सकती है। वैसे भी पाकिस्तान की स्थिति ठीक नहीं है। वह हर तरफ से चुनौतियों से घिरा है।

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी खराब हो गए। इसके बाद भारतीय फौज ने बालाकोट एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया। भारत और पाकिस्तान के संबंध फिर सुधर नहीं पाए। 2014 में पूर्व पीएम नवाज शरीफ भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे, उसके बाद किसी पाकिस्तानी नेता का यह पहला दौरा है। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 समाप्त किए जाने के बाद दोनों देशों के संबंध सुधरने की जगह और खराब होते गए।

SCO की स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी। इस ग्रुप में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान साल 2017 में SCO के स्थायी सदस्य बने थे।

क्रेमलिन पर ड्रोन हमला, कीव ने की पुतिन को मारने की कोशिश; रूस का यूक्रेन पर बड़ा आरोप

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मास्को । रूस ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की। रूस ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन की हत्या के उद्देश्य से क्रेमलिन पर ड्रोन हमले की कोशिश करने का आरोप लगाया। बता दें कि ये आरोप क्रेमलिन ने लगाया है, जिसकी जानकारी रूसी समाचार एजेंसी ने दी।

क्रेमलिन पर ड्रोन हमला :
रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि उसने राष्ट्रपति पुतिन को मारने के असफल प्रयास में क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला किया। क्रेमलिन ने कहा कि वह इस हमले को एक सुनियोजित आतंकवादी कार्रवाई के रूप में देख रहा है और जवाबी कार्रवाई करेंगे।

ड्रोन हमले में क्रेमलिन को नहीं पहुंचा नुकसान :
रूस ने कहा कि क्रेमलिन में पुतिन के आवास पर कथित हमले में दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, रूस द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। क्रेमलिन ने कहा कि ड्रोन हमले में पुतिन घायल नहीं हुए और क्रेमलिन की इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

विजय दिवस से पहले क्रेमलिन पर हमला :
रूसी न्यूज एजेंसी आरआईए ने कहा, “क्रेमलिन ने इन कार्रवाइयों को विजय दिवस (9 मई) की परेड की पूर्व संध्या पर एक सुनियोजित आतंकवादी कृत्य और राष्ट्रपति पर हत्या के प्रयास के रूप में देखता है।”

जवाबी कार्रवाई कर सकता है रूस :
उन्होंने कहा कि विजय दिवस को लेकर पुतिन ने अपने कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया है और हमेशा की तरह काम कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, “रूसी पक्ष जहां और जब उचित समझे, जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।”

Badminton: सात्विक-चिराग ने रचा इतिहास, एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में देश को 58 साल बाद दिलाया स्वर्ण

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दुबई I सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी ने इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने रविवार को 58 साल के बाद देश को एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब दिलाया। इससे पहले पूर्व भारतीय खिलाड़ी दिनेश खन्ना ने 1965 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक दिलाया था। उन्होंने लखनऊ में फाइनल में थाईलैंड के सांगोब रत्तानुसोर्न को हराया था।

पिछले साल विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता : सात्विक-चिराग की जोड़ी ने एक गेम गंवाने के बाद भी शानदार वापसी करते हुए मैच 21-16, 17-21, 19-21 से अपने नाम कर लिया। इस चैंपियनशिप के पुरुष युगल में भारत का यह पहला स्वर्ण पदक है। एशिया चैंपियनशिप में पुरुष युगल में भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1971 में रहा था। तब दीपू घोष और रमन घोष ने कांस्य-पदक अपने नाम किया था। भारतीय बैडमिंटन संघ ने सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी को 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि देने का एलान किया है I

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी के इतिहास रचने पर सभी को गर्व है। दोनों खिलाड़ियों को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

सेमीफाइनल में चीनी ताइपे के खिलाड़ी रिटायर हुए थे :
इससे पहले दोनों ने फाइनल में पहुंचकर ही इतिहास रच दिया था। वह बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली पुरुष बैडमिंटन जोड़ी बन गई थी। सेमीफाइनल में उनके विपक्षी रिटायर हो गए थे और भारतीय जोड़ी को वॉकथ्रू मिल गया था। कोई भी भारतीय पुरुष जोड़ी 52 साल बाद फाइनल में पहुंची थी। सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ली यांग और वांग ची-लिन की जोड़ी के खिलाफ पहला गेम सात्विक और चिराग ने जीता था। वहीं, वह दूसरे गेम में वह 13-14 से पीछे चल रहे थे। हालांकि, चीनी ताइपे के खिलाड़ी अनफिट होने की वजह से रिटायर होने का फैसला लिया और भारतीय खिलाड़ी फाइनल में पहुंच गए थे।

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी जीता था स्वर्ण :
पुरुष युगल में दुनिया की छठे नंबर की सात्विक-चिराग की जोड़ी ने इससे पहले बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत को पुरुष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया था। इन दोनों ने देश को पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष युगल में स्वर्ण पदक दिलाया था। तब सात्विक और चिराग ने फाइनल में इंग्लैंड के बेन लेन और सीन वेंडी की जोड़ी को 21-15, 21-13 से हराया था।