हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन टूटा बाजार, सेंसेक्स 223 अंक फिसला, निफ्टी 18600 के नीचे

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नई दिल्ली l हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 223.01 अंक गिरकर 62,625.63 अंक पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 71.15 अंक टूटकर 18,563.40 अंकों के स्तर पर क्लोज हुआ। घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साा बंद हुआ। शुक्रवार के कारोबारी सेशन के बाद एचएएल के शेयर 6% की बढ़त जबकि वोल्टास के शेयर 3% की गिरावट के साथ बंद हुए।इस दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे मजबूत होकर 82.47 रुपये (अस्थायी) पर बंद हुआ।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा की आग, उग्रवादियों ने महिला सहित 3 लोगों की ली जान; दो घायल

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इम्फाल । मणिपुर में मेतई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच हिंसा थम नहीं रही। दोनों समुदायों के बीच 3 मई से हिंसा जारी है। शुक्रवार को मणिपुर में एक और हिंसक घटना घटी।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को मणिपुर के खोकेन गांव में संदिग्ध उग्रवादियों ने एक महिला सहित तीन लोगों की हत्या कर दी और दो अन्य लोगों को घायल कर दिया। यह गांव कांगपोकपी और पश्चिम इम्फाल जिले के बीच की सीमा पर स्थित है। बता दें कि संदिग्ध आतंकवादी और पीड़ित विभिन्न समुदायों से ताल्लुक रखते हैं।

गांव में आकर शुरू कर दी गोलीबारी: पुलिस
पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर खाकी पोशाक पहने हुए चरमपंथी सैन्य वाहन चला रहे थे। चरमपंथियों ने शुक्रवार की सुबह खोकेन गांव में आए और स्वचालित राइफलों से ग्रामीणों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

बता दें कि 10 जून तक राज्य में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दिया गया है। इस हिंसा में अभी तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हालांकि, अदालत ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

विशेष जांच दल का किया गया गठन :
इसी बीच अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को जानकारी दी कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत विशेष कमिटी का गठन किया है। बता दें कि विशेष कमिटी ने मणिपुर हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 मामले दर्ज किए।

कांग्रेस के विचार गांधी-नेहरू परिवार तक सीमित’, किताबों से हेडगेवार का पाठ हटाने पर बोले चंद्रशेखर

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नई दिल्ली l केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर पाठ हटाने संबंधी खबरों को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास पर पार्टी के विचार नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि जो लोग वंशवाद का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें हटाने के लिए देश के इतिहास को फिर से लिखने का इसका लंबा इतिहास रहा है।

स्कूली पाठ्य पुस्तकों में संशोधन किया जाएगा: मधु बंगारप्पा
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने गुरुवार को कहा था कि छात्रों के हित में इस साल ही स्कूली पाठ्य पुस्तकों में संशोधन किया जाएगा। बंगारप्पा ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए यह भी संकेत दिया था कि पाठ्यपुस्तक संशोधन का प्रस्ताव संभवत: अगली बैठक में मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि, जब उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया, जिनमें कहा गया है कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई पाठ्यपुस्तकों से कुछ पाठों को हटाने की योजना चल रही है, जिसमें आरएसएस के संस्थापक पर एक पाठ भी शामिल है, उन्होंने विस्तार में नहीं जाना चाहा।

‘इतिहास में जो कोई भी वंशवाद का हिस्सा नहीं..’
राज्यसभा सदस्य चंद्रशेखर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरा उन पर नियंत्रण नहीं है कि वे क्या करते हैं या कहते हैं, लेकिन यह (पाठ हटाने का कदम) बिल्कुल गलत है। यह उनके डीएनए में है। इतिहास में जो कोई भी वंशवाद का हिस्सा नहीं है, उनका उसे बाहर निकालने का इरादा है।’ उन्होंने कहा कि इतिहास को देखने का उनका नजरिया नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित है।

कांग्रेस को जवाब देगी जनता..
चंद्रशेखर ने हेडगेवार पर एक पाठ हटाने के कर्नाटक सरकार के कथित कदम को ‘भारत के युवाओं के खिलाफ अपराध’ बताया। उन्होंने कहा कि जनता छात्रों को भारत के बारे में सच्चाई से वंचित करने के लिए कांग्रेस को जवाब देगी।’ कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों को रद्द करेंगे। पार्टी ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को रद्द करने का भी वादा किया था।

Wrestlers Protest: पहलवानों के साथ अनुराग ठाकुर की बैठक खत्म, 15 जून तक चार्जशीट और केस वापसी पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली l भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने बुधवार (सात जून) को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। करीब छह घंटे तक चली इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच कई मामलों पर सहमति बनी है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी कि खिलाड़ियों के साथ बातचीत में 15 जून तक यौन शोषण के मामले में चार्जशीट दाखिल करने पर चर्चा हुई।

अनुराग ठाकुर ने कहा, ”पहलवानों के साथ सकरात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मु्द्दे पर हुई है। लगभग छह घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दे पर चर्चा हुई है उसमें जो आरोप लगाए गए हैं उन आरोपों की जांच पूरी करके 15 जून तक चार्जशीट दायर की जाए और रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव 30 जून तक किया जाए। रेसलिंग फेडरेशन की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे।”

खिलाड़ियों की इन मांगों पर भी हुई चर्चा :
खेल मंत्री ने आगे कहा, ”पहलवानों ने मांग की है कि उनके खिलाफ सभी एफआईआर वापस ली जानी चाहिए। पहलवानों ने यह भी अनुरोध किया कि तीन कार्यकाल पूरा कर चुके बृजभूषण सिंह और उनके सहयोगियों को दोबारा नहीं चुना जाना चाहिए। 15 जून से पहले पहलवान कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे।”

पहलवानों ने जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खोला था मोर्चा :
देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। 18 जनवरी को पहली बार पहवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया। इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि, पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान काम पर लौट गए।

28 मई के बाद बदली कहानी :
दरअसल, 28 मई के दिन पहलवान विरोध प्रदर्शन करने के लिए नए संसद भवन की तरफ जा रहे थे। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था। पुलिस ने उन्हें रोका तो पहलवानों के साथ उनकी हाथापाई हो गई। दिल्ली पुलिस ने सभी पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद जंतर-मंतर से पहलवानों का सामान हटा दिया गया। शाम तक सभी महिला पहलवान और रात तक पुरुष पहलवानों को छोड़ दिया गया। पहलवानों को फिर से जंतर-मंतर में बैठने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच सामने आया कि बृजभूषण पर महिला पहलवानों को गलत तरीके से छूने और यौन शोषण के कई आरोप लगे हैं। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने चार जून को पहलवानों के साथ बात की। पांच जून को सभी बड़े पहलवानों ने अपनी सरकारी नौकरी जॉइन कर ली।

मणिपुर में शांति लाना भाजपा की पहली प्राथमिकता, असम और अरुणाचल के रिश्ते बहुत पुराने रहे हैं-किरण रिजिजू

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नगांव से विकास दाधीच

भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने आज नगांव का दौरा किया। भाजपा के महा जनसंपर्क अभियान को जिले में उड़ान देने के क्रम से आए रिजिजु एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि मणिपुर हिंसा में प्रधानमंत्री खुद 4 दिनों तक स्थिति की समीक्षा कर रहे थे और भाजपा की यह पहली प्राथमिकता है कि मणिपुर में शांति लौटे I इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह कई दिनों तक मणिपुर में रुके और दोनों समुदायों से उन्होंने बातचीत करते हुए समस्या को और गंभीर नहीं करने की अपील की थी। कहा गया कि होम मिनिस्टर ने उग्रवादी संगठनों से भी यह अपील की थी कि वह लूटे गए हथियारों को लौटा दे जिसके बाद बहुत सारे हथियार सरेंडर किए गए थे। रिजिजु ने कहा कि मणिपुर में सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन का मतलब यह था कि सरेंडर किए गए उग्रवादी अपनी सीमा, समय सीमा,के अंदर रहे जिसके बावजूद उन्होंने गलत तरीके से अपने प्रतिबंधित हथियारों का उपयोग किया। उन्होंने आगे कहा कि कुकी और मैतई संप्रदाय से हमारी यह अपील है कि दोनों शांति बनाए रखें। अरुणाचल और असम सीमा विवाद और हाल ही के कुछ दिनों पहले हुई घटना पर आगे कहा कि हमने इलाके में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और इस कार्यवाही के दौरान हमने 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। उन्होंने कहा कि असम और अरुणाचल का नाता बहुत पुराना रहा है और यह रिश्ता डॉक्टर भूपेन हजारिका ने और भी मजबूत किया था। उन्होंने असम और अरुणाचल सीमा पर रहने वाले लोगों से अपील की है कि दोनों शांति बनाए रखें। पूछे जाने पर आगे कहा गया कि दिल्ली में असम और अरुणाचल के दोनों मुख्यमंत्रियों से बातचीत हुई थी जिसमें मैं भी शामिल था और सीमा विवाद के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उन्हें निपटा लिया गया था कुछ एक बातें रह गई है जिन पर जल्दी विचार करते हुए उन्हें भी सुलझा लिया जाएगा। इस पत्रकार सम्मेलन में नगांव सदर के विधायक रूपक शर्मा और अन्य भाजपा कर्मी उपस्थित थे।

मणिपुर में भीड़ ने मां-बेटे समेत 3 को जिंदा जलाया:हिंसा में गोली लगने के बाद एम्बुलेंस से अस्पताल जा रहे थे; 2000 लोगों ने वैन फूंकी

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इंफाल I मणिपुर की राजधानी इंफाल में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो रही है। इस बीच भीड़ ने मां-बेटे समेत दो महिलाओं को जिंदा जला दिया है। तीनों को इलाज के लिए एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था।

रास्ते में करीब 2000 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, बाद में राख से सिर्फ हड्डियां मिलीं। घटना रविवार की है, इसकी पूरी डिटेल दो दिन बाद सामने आई। मृतकों की पहचान 7 साल के टॉन्सिंग हैंगिंग, उनकी मां मीना हैंगिंग और उनकी रिश्तेदार लिडिया लौरेम्बम के रूप में की गई है।

मारे गए तीनों लोग 3 मई से असम राइफल्स कैंप में रह रहे थे। यह जगह इंफाल से लगभग 15 किमी दूर पश्चिम कांगचुप में है। एक अधिकारी के मुताबिक, इस कैंप में कई कुकी परिवारों ने शरण ली है। यहां कभी-कभार बाहर से फायरिंग होती है। आरोप है कि मैतेई समुदाय के लोग कैंप को निशाना बनाते हैं।

रविवार को ऐसे ही एक हमले में ये तीनों घायल हो गए थे। इसके बाद कैंप के अधिकारियों ने इंफाल पश्चिम के SP इबोम्चा सिंह से संपर्क किया और उनसे पीड़ितों को अस्पताल ले जाने की अपील की। शाम 5:16 मिनट पर SP की निगरानी में मरीजों और एक नर्स को लेकर एम्बुलेंस कैंप से रवाना हुई, लेकिन एम्बुलेंस के साथ सिक्योरिटी नहीं थी।

एम्बुलेंस आधे रास्ते ही पहुंची थी कि हिंसक भीड़ ने हमला किया और गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। असम राइफल्स के सूत्रों ने कहा कि उन्हें रविवार शाम को बाद में पता चला कि SP के सामने एम्बुलेंस में आग लगा दी गई। चालक और नर्स मौके से फरार हो गए।

राख में केवल कुछ हड्डियां ही मिलीं :
इस अग्निकांड में बेटे के साथ मारी गई महिला मैतेई समुदाय से थी, जिसने शादी एक कुकी के साथ की थी। मृतकों के एक रिश्तेदार पाओलेनलाल हैंगिंग ने कहा- हम 3 मई से मैतई समुदाय के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं, लेकिन रविवार की घटना सबसे बुरी थी। शव जले हुए थे। राख में केवल कुछ हड्डियां ही मिलीं।

पाओलेनलाल ने कहा कि वह एम्बुलेंस में तीनों के साथ नहीं गया था, क्योंकि वह कुकी था और वाहन को मैतेई बहुल इलाकों से गुजरना था। मीना और लीडिया ईसाई थीं, लेकिन वे मैतेई समुदाय से जुड़ी थीं, हमने सोचा कि उन पर हमला नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्हें भी नहीं बख्शा गया।

गृह मंत्री के दौरे के बाद भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं :
सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई है। कुछ लोगों ने हथियार सरेंडर किए हैं। अभी बहुत कुछ होना बाकी है।

एम्बुलेंस कांड में जान गंवाने वाले बच्चे के स्कूल प्रिंसिपल एल ओत्सी खोंगसाई कहते हैं कि सरकार शांति के इतने प्रयास कर रही है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। समुदायों के बीच अविश्वास और नफरत केवल बढ़ी है। मुझे नहीं पता कि हम किस ओर जा रहे हैं।

RBI के फैसले से पहले बाजार मजबूत, सेसेक्स 63 हजार के पार पहुंचा, निफ्टी 18700 के ऊपर

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नई दिल्ली l भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों पर मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा से पहले बुधवार को घरेलू शेयर बाजार मजबूत बढ़त के साथ बंद हुआ। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 63 हजार के पार पहुचने में सफल रहा है। यह 350.08 (0.56%) अंकों की बढ़त के साथ 63,142.96 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 127.40 (0.68%) अंक मजबूत होकर 18,726.40 अंकोंं के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान वोडफोन-आइडिया के शेयरों में 9 प्रतिशत जबकि अदाणी पावर के शेयरों में पांच प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। बुधवार को रुपया 6 पैसे की बढ़त के साथ 82.54 रुपये (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ I

AIUDF नेता रफीदुल इस्लाम बोले- “असम सरकार निजी मदरसों को बंद नहीं कर सकती”

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नई दिल्ली l ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने कहा कि असम सरकार राज्य में निजी मदरसों को बंद नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि असम में निजी मदरसे अल्पसंख्यक लोगों को भारत के संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के आधार पर अनुमति के साथ काम कर रहे हैं। रफीकुल इस्लाम ने कहा, असम सरकार इन निजी मदरसों को बंद नहीं कर सकती है।

असम सरकार ने कई सरकारी मदरसों को किया था बंद :
इससे पहले, असम सरकार ने राज्य में 600 से अधिक सरकारी मदरसों को बंद कर दिया था। राज्य में अभी भी 3000 से अधिक पंजीकृत और अपंजीकृत निजी मदरसे चल रहे हैं। एआईयूडीएफ विधायक ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री इसके बारे में तभी बात करते हैं जब वह राज्य से बाहर होते हैं। “उन्होंने इस बारे में बेंगलुरु और हैदराबाद में बात की, लेकिन असम में नहीं। असम के मुख्यमंत्री भी एक वकील हैं और वह जानते हैं कि भारत के संविधान ने अल्पसंख्यकों को निजी मदरसा स्थापित करने और धार्मिक शिक्षा प्रदान करने का अधिकार दिया है और संविधान भारत सरकार ने इसकी अनुमति दी है। इसका पालन करते हुए, राज्य के अल्पसंख्यक लोगों ने निजी मदरसों की स्थापना की है और इन्हें सरकार से कोई मदद न लेकर अपने खर्चे पर चला रहे हैं। सरकार इन मदरसों को बंद नहीं कर सकती है।

बंद करने का कोई अधिकार नहीं,
रफीकुल इस्लाम कहा : एआईयूडीएफ विधायक ने यह भी कहा कि, अगर इसे विकसित करने या आधुनिक बनाने का कोई सुझाव होगा, तो वे इसे स्वीकार करेंगे. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सुझाव भी दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसे बंद करने का कोई अधिकार नहीं है। इस तरह के बयान देकर वह कुछ लोगों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। वे सोच रहे हैं कि इस तरह के बयान देकर उन्हें वोट मिलेगा, लेकिन वे लाभ नहीं मिलेगा। इस तरह के बयान देने से उन्हें केवल नुकसान होगा। लोग उनके झांसे में नहीं आएंगे। ये मदरसे कानून के तहत चल रहे हैं, भारत के संविधान द्वारा दिए गए अधिकार हैं। वे इसे बंद नहीं कर सकते हैं।

Odisha Train Accident: सीबीआई ने FIR दर्ज कर शुरू की जांच, रेल अधिकारियों से की पूछताछ

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नई दिल्ली । बालेश्वर में दो जून को हुए रेल हादसे की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की 10 सदस्यीय टीम इस समय ओडिशा में है और उसने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की। उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने रविवार को दुघर्टना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 278 लोगों की जान गई थी और करीब 1200 लोग घायल हुए थे।

सीबीआई अधिकारियों के साथ आई फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूप के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की।

CBI हादसे की आपराधिक कोण से करेगी जांच :
सीबीआई हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है। खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने संदेह जताया है कि सिग्नल प्रणाली में संभवत: ‘छेड़छाड़’ की गई है।

उल्लेखनीय है कि घटना के एक दिन बाद यानी तीन जून को ओडिशा पुलिस द्वारा बालोसोर राजकीय रेलवे पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 64 की जांच केंद्रीय एजेंसी ने अपने हाथ में ली है।

दक्षिण पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने कहा, ‘‘सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी। वह जानकारी एकत्र कर रही है और रेलवे इसमें पूरा सहयोग करेगा।’’
सीबीआई के जांच के बाद कारणों का चलेगा पता
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (दक्षिण पूर्वी क्षेत्र) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और अपनी जांच के तहत हादसे के बारे में लोगों से बात की।

एक अधिकारी ने बताया कि हादसे की वजहों की जानकारी सीबीआई और सीसीआरएस की जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि बालासोर जीआरपी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और वह भी हादसे की जांच कर रही है।

हादसे में गई कई लोगों की जान :
गौरतलब है कि दो जून शाम करीब सात बजे हावड़ा के नजदीक शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी जिससे उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय दूसरी ओर से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुई बोगियों से टकरा गए थे।
हादसे में मारे गए 278 लोगों में 177 लोगों की पहचान कर ली गई है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

‘भैंस काट सकते हैं तो गाय को क्यों नहीं?’, कर्नाटक के मंत्री के बयान पर मचा बवाल, CM सिद्धारमैया बोले- कैबिनेट में करेंगे विचार

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नई दिल्ली l गोवध विरोधी कानून को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा बयान दिया है। राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा कानून की समीक्षा की मांग करने के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इस मामले पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी। सिद्धारमैया ने कहा कि “पिछली भाजपा सरकार एक विधेयक लेकर आई थी। उसमें उन्होंने भैंसों के वध की अनुमति दी है, लेकिन कहा है कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए। हम इस पर चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे।”

के वेंकटेश ने यह भी सुझाव दिया कि वृद्ध गायों का वध करने से किसानों को मवेशियों के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है। भाजपा ने पिछले दो दिनों में मंत्री के बयान के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ट्वीट करते हुए के वेंकटेश के बयान की निंदा की और सिद्धारमैया से अपने सहयोगी को उचित सलाह देने को कहा। बोम्मई ने कहा, “पशुपालन मंत्री के वेंकटेश का बयान चौंकाने वाला है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। हम भारतीयों का गाय के साथ भावनात्मक संबंध है और हम उनकी मां के रूप में पूजा करते हैं।”

वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मंत्री के बयान के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन किया। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गाय को साथ लाकर उसको माला पहनाई और गुड़ खिलाया। भाजपा विधायक अश्वत्थ नारायण ने कहा, “गोहत्या विधेयक को निरस्त करने के लिए कांग्रेस के पास कोई ठोस कारण नहीं है। कांग्रेस हिंदुओं की भावनाओं के खिलाफ जा रही है। वे सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे शांति चाहते हैं?”

घरेलू शेयर बाजार ने बढ़त गंवाई, सेंसेक्स और निफ्टी उतार-चढ़ाव के साथ सपाट बंद हुआ

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नई दिल्ली l उतार-चढ़ाव के बाद घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को सपाट बंद हुआ। इस दौरान आईटी सेक्टर के शेयरों में कमजोरी दिखी। आइटी सेक्टर के शेयर 1.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 5.41 (0.01%) अंकों की बढ़त के साथ 62,792.88 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, 50 शेयरों वाला निफ्टी इंडेक्स 5.15 (0.03%) अंक उछलकर 18,599.00 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर के अनुसार आईटी सेक्टर में बिकवाली के दबाव से घरेलू बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। खर्च में और गिरावट की आशंका के कारण आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई। हालांकि ऑटो और बैंकों में तेजी से नुकसान की भरपाई में मदद मिली। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक की वृद्धि और मुद्रास्फीति के अनुमान पर टिप्पणी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि आम सहमति है कि ब्याज दरों में ठहराव जारी रहेगा।

Odisha Train Tragedy: एक-एक शव पर कई परिवारों का दावा, 101 लाशों की पहचान अब भी बाकी; शुरू की गई DNA सैंपलिंग

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भुवनेश्वर I ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 278 लोगों की मौत हुई है। इनमें में से 101 लाशों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। हावड़ा एडीएम जितिन यादव ने बताया कि लाशों की पहचान में हमें सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ शवों पर कई पक्ष दावे कर रहे हैं। हालांकि, भुवनेश्वर AIIMS का कहना है कि उन्होंने इस परेशानी से निपटने के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी है। 10 डीएनए सैंपल्स दावा कर रहे परिवारों से लिए गए हैं।

छह महीने तक सुरक्षित रहेंगे शव :
AIIMS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवास त्रिपाठी ने बताया कि 278 लाशों में से 177 लाशों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया है। हमें 123 शव मिले थे। इनमें से 64 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। अभी 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। शव खराब न हो इसलिए शवों को पांच अलग-अलग कंटेनर में रखे हैं, जिससे शव लंबे समय तक खराब नहीं होंगे। अब शव छह महीने तक सुरक्षित रहेंगे, इसलिए शवों के अंतिम संस्कार के जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है।

झारखंड के युवक ने लगाए आरोप :
झारखंड के एक युवक ने एम्स प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार को हमने उपेंद्र कुमार शर्मा के लाश की पहचान की थी। इसके बावजूद उन्होंने मंगलवार को शव किसी और को सौंप दिया। जब शव दूसरों को ही देना है तो डीएनए सौंपलिंग की आवश्यकता क्या है। मैंने टैटू के आधार पर उपेंद्र की पहचान की थी। इन आरोपों का जवाब देते हुए डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही शवों को सौंपा जा रहा है। हां, यह सच है कि एक शव पर कई परिवार दावे कर रहे हैं, इसलिए हम डीएनए सैंपलिंग कर रहे हैं। रिपोर्ट आने में करीब सात से आठ दिनों का समय लग जाएगा

इन राज्यों के हैं सबसे अधिक मृतक :
पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रशासन ने साथ मिलकर एम्स भुवनेश्वर में हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे। सीबीआई, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और जीआरपी ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। खुर्दा डीआरएम रिंकेश रॉय को आशंका है कि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिस वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया।

बालासोर हादसे में अबतक का अपडेट :
ओडिशा के बालासोर के शुक्रवार को बहनागा बाजार में ट्रेन हादसा हो गया था। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और अन्य घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालातों का जायजा लेने खुद ओडिशा पहुंचे थे। पीएम ने घायलों और मृतकों के परिजनों से बात की। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ओडिशा में ही मौजूद थे। विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा था कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, यहीं हूं। राजनीति न करें।

Chandrodaya Temple: नवंबर में बन जाएगा बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा मंदिर, वृंदावन में चल रहा निर्माण कार्य

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मथुरा I मथुरा के वृंदावन में दुनिया में अब तक का सबसे विशाल, भव्य और ऊंचा मंदिर बनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का नाम चन्द्रोदय मंदिर है। यह मंदिर कुतुब मीनार से भी तीन गुना ऊंचा होगा। इतना ही नहीं, इस मंदिर की नींव दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना गहरी होगी। भगवान कृष्ण की लीला भूमि पर बन रहे चन्द्रोदय मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो गया है।

अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास :
वृन्दावन-छटीकरा मार्ग स्थित अक्षय पात्र परिसर में आठ मार्च 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदिर का शिलान्यास किया था। राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने 16 नवंबर 2014 को आधारशिला रखी थी। इसकॉन, बंगलौर द्वारा करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद से 1972 में की थी जब वह भारत यात्रा के दौरान वृन्दावन आये थे I

पहला ब्लॉक हुआ तैयार :
मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें कृष्ण-राधा की मूर्ति भी स्थापित की जा चुकी हैं। 70 मंजिला मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी और यह एक पिरामिड के आकार में बनाया जा रहा है। यह मंदिर मोराक्को की हसन मस्जिद से भी ऊंचा होगा।

55 मीटर गहरी है नींव :
मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होने के चलते नींव पर विशेष ध्यान दिया गया है। नींव लगभग 55 मीटर गहरी रखी गई है तथा आधार 12 मीटर ऊंचा रखा गया है, जबकि दुबई स्थित दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की नींव की गहराई 50 मीटर है।

टेलीस्कोप से देख पाएंगे ताजमहल :
गगनचुम्बी मंदिर की ऊंचाई का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि मंदिर के टॉप पर रखी जाने वाली टेलीस्कोप से आगरा के ताजमहल को देखा जा सकेगा। मंदिर से ताजमहल कि दूरी 80 किलोमीटर है। इमारत के प्रारंभिक तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर होंगे। इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता आठ मीटर प्रति दो सेकंड होगी।

नागर और आधुनिक शैली का बेजोड़ नमूना होगा मंदिर :
द्रविड़, नागर और आधुनिक शैली में बनाये जा रहे मंदिर में 4डी तकनीक द्वारा देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी।

आखिर 3 रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया अचानक क्यों लौटे धरने से, सामने आई ये वजह?

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नई दिल्ली l ऐसा लगता है कि सिसासी दांव इस कदर दमदार और ताकतवर होते हैं कि उनके आगे किसी भी अंतरराष्ट्रीय चैंपियन पहलवान का दांव मामूली पड़ जाता है। तभी तो एक ही झटके में देश की राजधानी में पहलवानों के बीच मचा दंगल और सुर्खियों में छाए धरने की सारी हवा ही निकल गई। जो पहलवान अभी तक अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे थे वो सब के सब केंद्रीय गृहमंत्री के साथ हुई एक ही मीटिंग के बाद ताल ठोंकना छोड़कर अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौटने लगे हैं।

दंगल के पेच में फंस गया दांव :
अक्सर यही देखा जाता है कि कुश्ती के किसी भी मुकाबले में जब दांव बुरी तरह से फंस जाता है तो मुकाबले को बराबरी पर छुड़वा दिया जाता है…ऐसा ही कुछ यहां देखने को मिल रहा है जब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बनाम अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के बीच छिड़े दंगल का पेच किसी ऐसे दांव में फंस गया जिसके बाद इसे बराबरी पर ही छुड़ाया जा सकता था। यानी कुश्ती के पहलवानों का ये मुकाबला ड्रा घोषित कर दिया गया…सोमवार से पहले दोनों तरफ के पहलवान एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे थे लेकिन अब ऐसे लगता है कि दोनों अपने अपने पाले में बैठकर रेफरी के फैसले का इंतजार करेंगे।

नौकरी पर लौटे तीनों पहलवान :
असल में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहा अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का दंगल में ये मोड़ उस वक्त आया जब धरना दे रहे पहलवान साक्षी मलिक विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौटने का फैसला किया।

यौन उत्पीड़न का आरोप और सुर्खियां :
तीनों इंटरनेशनल पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और यौन उत्पीड़न के आरोप में बृजभूषण शरण को जेल भेजने की मांग को लेकर लगातार ताल ठोंक रहे थे। पिछले तीन महीने से चल रहा ये आंदोलन अचानक इंटरनेशनल सुर्खियों में छा गया था क्योंकि बात वर्ल्ड कुश्ती संघ (UWW) तक जा पहुँची थी। देखते ही देखते बात इस कदर हत्थे से उखड़ती जा रही थी कि और उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ एक्शन लेने की धमकी तक दे डाली थी।

गृहमंत्री की पहलवानों से मीटिंग :
ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। लेकिन अचानक इस पूरे मामले में शनिवार को उस वक़्त जबरदस्त मोड़ आया जब आंदोलन दे रहे पहलवानों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मुलाकात की। उस मुलाकात में क्या क्या बातें हुईं ये तो अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आ सका, अलबत्ता सोमवार को धरना देने वाले तीनों नामी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे की अपनी नौकरी को दोबारा ज्वाइन कर लिया।

भरोसा दिया जो होगा क़ानूनन होगा :
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई मीटिंग में धरना दे रहे पहलवानों को इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि इस मामले में जो कुछ भी होगा वो कानून के अनुसार होगा और किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में वो तमाम पहलवान मौजूद थे जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। और केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को इस बात के लिए भरोसा दिलाया है कि सरकार किसी भी सूरत में अपने अंतरराष्ट्रीय पहलवानों का सिर और सम्मान नीचा नहीं होने देंगे। उनकी शिकायत पर गौर किया जा रहा है और कानून के मुताबिक जो भी उचित कार्रवाई होगी उसे उसके आखिरी अंजाम तक पहुँचा दिया जाएगा।

बात इसलिए फंस गई थी :
ये बात काबिले गौर है कि 28 मई को पुलिस ने पहलवानों से जंतर मंतर पर धरने वाली जगह खाली तक करा ली थी। और उसके बाद कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और तमाम लोगों ने इन पहलवानों के समर्थन में आने की ताल ठोंक दी थी। जिसको लेकर माना जा रहा था कि सरकार अब दबाव में आ जाएगी और उसे अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।

पहलवानों की मांग पड़ी कमजोर :
लेकिन सोमवार आते आते इस पूरे मामले में जबरदस्त ट्विस्ट उस वक्त आया जब सूत्रों से पता चला है कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपनी शिकायत वापस ले ली और धरना दे रहे पहलवानों की मांग कमजोर पड़ गई। हालांकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाली साक्षी मलिक ने दावा किया है कि पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने वाली खबर गलत है क्योंकि वो अपने सत्यागृह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हैं।

आंदोलन से पीछे न हटने की बात दोहराई :
असल में सोमवार की सुबह से ही ये खबर गर्म थी कि पहलवानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया और तीनों पहलवान आंदोलन से पीछे हटकर वापस नौकरी ज्वाइन कर ली। इस पर साक्षी मलिक का कहना है कि इंसाफ की लड़ाई में हममें से कोई पीछे नहीं हटेगा। इंसाफ मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने वाली बात को गलत बताया।

शेयर बाजार में लौटी बहार; BSE सेंसेक्स 240 अंक चढ़कर बंद, ऑटो स्टॉक्स दौड़े

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नई दिल्ली. शेयर बाजार में कारोबारी हफ्ते के पहले बहार देखने को मिला. मजबूत ग्लोबल संकेतों के चलते प्रमुख इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए. BSE सेंसेक्स 240 अंक चढ़कर 62,787 पर बंद हुआ है. इसी तरह निफ्टी भी 60 अंकों की मजबूती के साथ 18,593 पर बंद हुआ. बाजार की तेजी में ऑटो स्टॉक्स सबसे आगे रहे.

ऑटो स्टॉक्स में तूफानी तेजी :
NSE पर निफ्टी ऑटो इंडेक्स सवा एक फीसदी उछला. निफ्टी में M&M का शेयर 4 फीसदी की उछाल के साथ बंद हुआ, जोकि इंडेक्स में टॉप गेनर भी है. वहीं डिवीज लैब और एशियन पेंट्स के शेयर सवा फीसदी की कमजोरी के साथ इंडेक्स में टॉप लूजर रहे. इससे पहले 2 जून को BSE सेंसेक्स 118 अंक चढ़कर 62,547 पर बंद हुआ था.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने असम में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की रखी आधारशिला

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नयी दिल्ली I केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को असम में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके साथ ही गडकरी ने असम में दो राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्घाटन भी किया। इन चारों राजमार्ग परियोजनाओं की कुल लागत करीब 1,450 करोड़ रुपये है। गडकरी ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर 535 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाले मंगलदेई बाइपास बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर 517 करोड़ रुपये की लागत से 13 किलोमीटर लंबे दबोका-परखुवा खंड के निर्माण की आधारशिला रखी।

उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 127 के 10 किलोमीटर लंबे एवं 247 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नगांव बाइपास- तेलियागांव खंड और इसी राजमार्ग के आठ किलोमीटर लंबे एवं 156 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तेलियागांव-रंगगरा खंड को राष्ट्र को सर्मिपत भी किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि असम वृद्धि और विकास की दिशा में बढ़ रहा है और राज्य सरकार ने भी इन परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण एवं पर्यावरण मंजूरियां देने में तेजी दिखाई है। उन्होंने कहा कि यह असम समेत समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों एवं अन्य ढांचागत सुविधाओं के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुरूप है।

Uttarakhand: मंदिरों में दर्शन के समय मर्यादित कपड़े पहने, अध्यक्ष बोले-पर्यटन व धार्मिक यात्रा का फर्क समझें

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देहरादून I बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है। उसी के अनुरूप वहां मर्यादित आचरण करना चाहिए और मर्यादित वस्त्र पहनकर आना चाहिए।अजेंद्र अजय ने यह बात महानिर्वाणी अखाड़े के एक बयान से जुड़े प्रश्न पर कही।

मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा था कि महानिर्वाणी अखाड़े ने यह कहा है कि यदि स्त्री-पुरुष मंदिरों में आ रहे हैं तो उनका 80 प्रतिशत शरीर ढका होना चाहिए। सभी को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। अजेंद्र ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी मान्यताएं और मर्यादाएं होती हैं।

उसी माहौल के अनुरूप आचरण और वेशभूषा होनी चाहिए। पर्यटन और धार्मिक यात्रा के फर्क को समझना होगा। स्वाभाविक रूप से यदि आप धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपकी वेशभूषा मर्यादित होनी चाहिए। यह उन धार्मिक स्थलों के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ा विषय है, जहां आप यात्रा पर जा रहे हैं। धार्मिक स्थलों की मान्यता से छेड़छाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। मर्यादित आचरण, व्यवहार और वस्त्र पहनकर ही वहां जाना चाहिए।

मंदिर समिति की संपत्ति पर अवैध कब्जे छुड़ाएंगे :
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की संपत्ति पर राज्य में और राज्य से बाहर अतिक्रमण और अवैध कब्जे हैं। इन्हें हटाने के लिए 188 लोगों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। उन्हें परिसंपत्तियों को शीघ्र खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी। जिन लोगों में मंदिर संपत्तियों के किराये का लंबे समय से भुगतान नहीं किया, उन्हें भी नोटिस जारी किए गए। ऐसे किरायेदारों से 22 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। राज्य से बाहर की परिसंपत्तियों की भी रिपोर्ट मांगी गई है। इसका विधिक परीक्षण कराने के बाद समिति कार्रवाई करेगी।

हादसा विचलित करने वाला, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, बालासोर में बोले पीएम मोदी

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बालासोर I ओडिशा के बालासोर में भीषण रेल हादसा होने के बाद पीएम मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. इसके बाद वो अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना और उनसे बातचीत की. 

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि जो भी लोग इस घटना में दोषी पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. इस दौरान पीएम मोदी बेहद दुखी भी नजर आए. बता दें कि इस रेल हादसे में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हैं.

उन्होंने मीडिया को दिए अपने संबोधन में कहा,  ‘बहुत ही दर्दनाक और विचलित करने वाला हादसा है, मेरे पास इस वेदना को प्रकट करने के लिए शब्द नहीं है, ईश्वर सब को शक्ति दें ताकि वो दुख की घड़ी से निकल सकें.’

अमेरिका दौरे पर नेल्सन मंडेला की बराबरी कर लेंगे पीएम मोदी, इस मामले में वाजपेयी से निकलेंगे आगे

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वॉशिंगटन I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। बता दें कि पीएम मोदी अपने दौरे पर अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित भी करेंगे। ऐसा करते ही वह महान नेता नेल्सन मंडेला की बराबरी कर लेंगे। वहीं पीएम मोदी के अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने को लेकर इंडिया कॉकस के सांसद काफी खुश हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने बताया कि इंडिया कॉकस ने ही हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के सभापति केविन मैक्कार्थी से अपील की थी कि वह पीएम मोदी को सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करें।

नेल्सन मंडेला की बराबरी कर लेंगे पीएम मोदी :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले 8 जून 2016 को भी अपने अमेरिका दौरे पर अमेरिकी सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित कर चुके हैं। अब वह 22 जून को अपने आगामी दौरे पर दूसरी बार अमेरिकी सदन को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी उन कुछ चुनिंदा महान नेताओं की बराबरी कर लेंगे, जो दो या दो से ज्यादा बार अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले महान नेता नेल्सन मंडेला और इस्राइल के पूर्व पीएम यित्झाक राबिन भी दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित कर चुके हैं। वहीं विस्टन चर्चिल और इस्राइल के मौजूदा पीएम बेंजामिन नेतान्याहु तीन-तीन बार अमेरिकी सदन को संबोधित कर चुके हैं।

राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी से आगे निकले :
इस मामले में पीएम मोदी अपने पूर्ववर्ती राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ही मनमोहन सिंह और पीवी नरसिम्हा राव से अपने आगामी अमेरिका दौरे में आगे निकल जाएंगे। ये नेता एक-एक बार अमेरिकी सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित कर चुके हैं। राजीव गांधी भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 1985 में पहली बार अमेरिकी सदन को संबोधित किया था। अब अपने आगामी दौरे में पीएम मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे।

अमेरिकी सांसद उत्साहित :
पीएम मोदी के सदन को संबोधित करने को लेकर अमेरिका का भारतीय मूल के सांसद और कई अन्य सांसद काफी उत्साहित हैं। पीएम मोदी को भेजे गए आमंत्रण पत्र में लिखा गया है कि अमेरिकी सदन के दोनों सदनों की तरफ से, यह हमारे लिए सम्मान की बात होगी कि आप 22 जून 2023 को सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करें। इस आमंत्रण पर केविन मैक्कार्थी, सीनेत के नेता चक शूमर, मिच मक्कॉनेल, हकीम जेफ्री के भी हस्ताक्षर हैं। पीएम मोदी के सदन को संबोधित करने को लेकर कई अमेरिकी सांसद उत्साहित हैं।

पूप्रमायुमं ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की

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निखिल कुमार मुन्दड़ा

गुवाहाटी I ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को हुए भयावह ट्रेन दुर्घटना को लेकर पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष पंकज जालान सहित सभी सदस्यों ने गहरी संवेदनाएं प्रकट की । पूप्रमायुमं ने सभी दिवंगत आत्माओं की सद्गति हेतु परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की एवं सभी घायलों का जल्द स्वस्थ लाभ हों ऐसी कामना की। उक्त आशय की जानकारी पूप्रमायुमं के जनसंपर्क विभाग के समन्वयक निखिल कुमार मुंदडा न एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

गौरतलब है,ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में 280 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। ट्रेन हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के कई कोच तबाह हो गए। एक इंजन तो मालगाड़ी के रैक पर ही चढ़ गया।

विपक्ष का वार: सरकार का ध्यान केवल लग्जरी ट्रेनों पर; आम लोगों की हो रही उपेक्षा, इसी कारण गईं जानें

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नई दिल्ली l ओडिशा में ट्रिपल ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या दुर्घटना के 15 घंटे बाद 280 के पास पहुंच गई है जबकि घायल होने वालों की संख्या 900 के करीब है। विपक्ष इस मामले में अब सरकार पर हमलावर हो गई है। विपक्ष ने मामले में रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। बता दें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का आदेश दे दिया है। बता दें शुक्रवार को देर शाम चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जा रही बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी भीषण हादसे का शिकार हो गई।

विपक्ष के नेताओं ने हादसे के लिए जिम्मदार सिग्नल फेल्योर के लिए आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि सिग्नल फेल होने से इतना बड़ा हादसा विश्वास से परे और आश्चर्यजनक है। हादसे ने कुछ गंभीर सवाल खड़े किए हैं जिनका जवाब दिया जाना चाहिए। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि तीनों ट्रेनें एक-दूसरे पर कैसे ढेर हो गईं। शुरुआती खबरों में कहा गया है कि डाउन लाइन पर बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन शाम 6.55 बजे पटरी से उतर गई और कोरोमंडल शाम 7 बजे अप लाइन पर पटरी से उतर गई। कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे पहले बेंगलुरु-हावड़ा और फिर मालगाड़ी से टकरा गए।

अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग मजबूत होने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने कहा कि जब पहले इस तरह की दुर्घटनाएं होती थीं तो रेल मंत्री इस्तीफा दे देते थे। पवार ने कहा, ”लेकिन इस मामले में कोई बोलने को तैयार नहीं है।” भाकपा नेता बिनय विश्वम ने कहा कि सरकार का ध्यान केवल लक्जरी ट्रेनों पर है जबकि आम लोगों के लिए ट्रेनें और पटरियां उपेक्षित हैं। बिनॉय विश्वम ने ट्वीट किया, “सरकार केवल लक्जरी ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित करती है। आम लोगों की ट्रेनों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है। उड़ीसा में हुई मौतें इसी का परिणाम हैं। रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।”

बालासोर में रेल हादसे वाली जगह जाएंगे पीएम मोदी, मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 288 हुआ

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भुवनेश्वर I ओडिशा में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल हादसे में मृतकों का आंकड़ा 288 हो गया है। वहीं 850 के करीब लोग घायल हैं। इस घटना के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओडिशा जाएंगे। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी घटनास्थल पर पहुंचे थे और हालात का जायजा लिया था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चल रहे हैं और सेना को भी बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। हादसे को लेकर पीएम मोदी ने बैठक भी बुलाई है।

घायलों से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री :
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बालासोर से बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी ने बालासोर के अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर के एक अस्पताल पहुंचकर बालासोर ट्रेन हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की।

ममता बनर्जी ओडिशा रवाना :
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर के लिए रवाना हुईं I

पीएम मोदी ओडिशा जाएंगे :
ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओडिशा जाएंगे। बताया गया है कि पीएम हादसे वाली जगह पर जाएंगे, साथ ही वह कटक में अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे।

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि और शिव शंकर, अनबिल महेश घटनास्थल का दौरा करने के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भी स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखा गया है ताकि हादसे में प्रभावित लोगों का इलाज किया जा सके। पीएम मोदी ने भी बालासोर रेल हादसे पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।

तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने चेन्नई स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पर जाकर ओडिशा ट्रेन हादसे की समीक्षा की।

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक घटनास्थल पर मौजूद :
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी घटनास्थल पहुंच चुके हैं। वहीं हादसे के बाद हावड़ा जाने वाली 42 ट्रेनें रद्द हो गई हैं। वहीं कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं।

घटनास्थल का मुआयना कर रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव। रेल मंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की भी समीक्षा की।

तमिलनाडु में डीएमके के संस्थापक और राज्य के पूर्व सीएम एम करुणानिधि की आज 100वीं जयंती है। इसे लेकर डीएमके ने कई कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई थी लेकिन रेल हादसे की वजह से शनिवार को इन कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे के चलते एक दिन के शोक का एलान किया है। इस दौरान कोई भी सेलिब्रेशन नहीं होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी भाजपा के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

रेलमंत्री ने कहा कि फिलहाल हमारा फोकस राहत और बचाव कार्यों पर है। क्लीयरेंस के बाद जल्द ही मरम्मत का काम शुरू होगा। कबाड़ बन चुकी कई ट्रेन बोगियों में अभी भी कुछ शव फंसे हुए हैं, जिन्हें निकाला जा रहा है।

रेल मंत्री ने हादसे को लेकर कही ये बात :
घटनास्थल पहुंचे रेल मंत्री ने कहा कि यह एक दर्दनाक हादसा है। रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य सरकार बचाव कार्यों में जुटी हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। मुआवजे का कल एलान कर दिया गया था। हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। साथ ही रेलवे सेफ्टी कमिश्नर भी घटनास्थल का दौरा करेंगे और इस बात की जांच करेंगे की हादसे की वजह क्या रही।

पहलवानों के समर्थन में आई कपिल-गावस्कर की 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम, साझा बयान जारी किया

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नई दिल्ली l बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक के नेतृत्व में भारत के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह का विरोध कर रहे हैं। बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं और पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इस बीच भारत के पदकवीरों को 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन मिला है।

1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम पहलवानों के समर्थन में सामने आई है। इनमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हैं। इन सब ने एक साझा बयान जारी किया है और पहलवानों से मेडल को गंगा में न बहाने की अपील की है।
बयान में इन पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने कहा है कि पहलवानों के साथ जो हुआ वह दुखद है, लेकिन वह मेहनत से हासिल किए गए पदकों को गंगा में न बहाएं। 1983 की चैंपियन टीम ने कहा कि पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया है। वह जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। उम्मीद है कि पहलवानों की मांग सुनी जाएगी।

1983 की चैंपियन टीम ने क्या कहा?
बयान में 1983 की चैंपियन टीम ने लिखा- हम अपने चैंपियन पहलवानों के साथ बदतमीजी से व्यथित और परेशान हैं। हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की भी है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को गंगा नदी में बहाने की सोच रहे हैं। उन पदकों में वर्षों का प्रयास, बलिदान, दृढ़ संकल्प और धैर्य शामिल है और वह पदक न केवल उनके अपने हैं बल्कि देश के गौरव और खुशी का विषय हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे इस मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला न लें और साथ ही उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुना जाएगा और उनका जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। देश के कानून को कायम रहने दें।
1983 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल खेली थी यह टीम
कप्तान कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने क्लाइव लॉयड के नेतृत्व वाली वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वनडे विश्व कप ट्रॉफी जीती थी। सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद और रोजर बिन्नी जैसे स्टार्स से सजी भारतीय टीम ने 25 जून, 1983 को लॉर्ड्स में खेले गए यादगार फाइनल में हिस्सा लिया था और टीम को जीत दिलाई थी।

बृजभूषण की नहीं हुई गिरफ्तारी तो पहलवानों के साथ पहुंचेंगे जंतर-मंतर, राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l भाजपा सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों के समर्थन में हुई खाप पंचायत में फैसला हुआ कि अगर सरकार जल्द ही शिकायतों का समाधान नहीं करती है तो फिर जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई खाप पंचायत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया को बताया कि अगर बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती है तो हम इन बच्चों (पहलवानों) को लेकर 9 जून को जंतर-मंतर पर बैठेंगे।

9 जून को जाएंगे जंतर-मंतर- टिकैत
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने फैसला लिया है कि सरकार को जल्द से जल्द पहलवानों की शिकायतों का समाधान करना होगा। अगर उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह) गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हम 9 जून को पहलवानों के साथ जंतर-मंतर जाएंगे और देश भर में पंचायत करेंगे। राकेश टिकैत ने इस दौरान खाप पंचायत में हुई बहसबाजी पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि हम सभी की सहमति से यह फैसला हुआ है।

पहलवानों पर हुए मुकदमे वापस हों- खाप नेता
खाप पंचायत के बाद इस बात का ऐलान किया गया कि अगर 9 जून को जंतर-मंतर पर बैठने की अनुमति नहीं दी गई तो आंदोलन की घोषणा की जाएगी। राकेश टिकैत ने कहा, सरकार के पास 9 जून तक का समय है, हमें बृजभूषण की गिरफ्तारी चाहिए। उससे कम पर हम समझौता नहीं करेंगे। इस दौरान खाप नेताओं ने यह भी कहा कि पहलवानों पर से मुकदमे वापस लिए जाएं।