मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर पार्टी’, राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच वार पलटवार

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नई दिल्ली. अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी के एक ताजा बयान पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वार-पलटवार देखा जा रहा है. राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को लेकर बयान दिया है. वाशिंगटन डीसी में जब राहुल गांधी से पूछा गया कि आप हिंदू पार्टी बीजेपी का विरोध करते हुए लोकतंत्र में धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं जबकि केरल में कांग्रेस का मुस्लिम लीग (IUML) के साथ गठबंधन रहा है, जहां से आप सांसद रहे हैं, इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, ”मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) पार्टी है. मुस्लिम लीग में कुछ भी नॉन-सेक्युलर नहीं है.”

राहुल गांधी की ओर से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) को पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताने पर बीजेपी ने शुक्रवार (2 जून) को तीखी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी नेताओं की ओर से कहा गया कि केरल की यह पार्टी (IUML) मोहम्मद अली जिन्ना की ऑल इंडिया मुस्लिम लीग वाली मानसिकता का अनुसरण करती है.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का राहुल गांधी पर निशाना :
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘ये वही लोग हैं जो विभाजन के बाद यहीं रुक गए थे. उन्होंने विभाजन के बाद यहां मुस्लिम लीग का गठन किया और सांसद बने. उन्होंने शरिया कानून की वकालत की, मुसलमानों के लिए अलग सीटें आरक्षित करना चाहते थे. ये वही लोग हैं जो उसी मुस्लिम लीग का हिस्सा हैं. यह राहुल गांधी और कांग्रेस है जिसे हिंदू आतंकवाद दिखता है लेकिन उसे लगता है कि मुस्लिम लीग धर्मनिरपेक्ष है.’’

अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह अपेक्षित है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मुस्लिम ब्रदरहुड और मुस्लिम लीग जैसे संगठनों के पक्ष में बोलें क्योंकि अमेठी से हारने के बाद उन्हें मुस्लिम बहुल सीट वायनाड से चुनाव लड़ना है. मुस्लिम ब्रदरहुड कई देशों में प्रतिबंधित है.

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ये कहा :
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि क्षेत्रीय पार्टी और जिन्ना के संगठन के बीच संबंध हैं. उन्होंने कहा कि जिन्ना की पार्टी ने मद्रास प्रेसीडेंसी में स्वतंत्रता पूर्व प्रांतीय चुनावों में जीत हासिल की थी, जिसका आज का केरल तब एक हिस्सा था. उन्होंने कहा कि मलप्पुरम जिला निकाय ने 2013 में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने का प्रस्ताव पारित किया था क्योंकि इलाके में मुस्लिम बहुसंख्यक थे. उन्होंने कहा कि राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार, जिसमें मुस्लिम लीग भी शामिल थी, विपक्ष के उग्र विरोध के बाद ही इस मुद्दे पर पीछे हटी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), मुस्लिम लीग और एक मुस्लिम धर्मगुरु की ओर से गठित पश्चिम बंगाल की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट जैसी पार्टियां धर्मनिरपेक्ष हैं और प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई एक ‘सांस्कृतिक’ संस्था है. त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी का दावा उनकी बुद्धिमत्ता पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

केजे अल्फोंस और अमित मालवीय ये बोले :
केरल बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की टिप्पणियों के लिए माफ कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उनकी ‘बौद्धिक क्षमता सीमित है.’ बीजेपी के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘‘धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार जिन्ना की मुस्लिम लीग, राहुल गांधी के अनुसार एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टी है. वायनाड में स्वीकार्य बने रहना भी उनकी मजबूरी है.’’

कांग्रेस का बीजेपी को जवाब :
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक हैंडल से वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा का एक वीडियो ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंने कहा, ”भारतीय जनता पार्टी, खास तौर पर अमित शाह और मोदी की भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम लीग सिर्फ जिन्ना वाली ही याद रहती है क्योंकि इन्हीं की विचारधारा के पूर्वज श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उसी मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन भी किया, सरकारें भी बनाईं और पाकिस्तान का प्रस्ताव भी पारित होने दिया. हम जिस मुस्लिम लीग की बात कर रहे हैं वो आईयूएमएल है. इस्माइल, जिन्होंने ये मुस्लिम लीग बनाई थी वो संविधान सभा के सदस्य भी थे, ये वही इस्माइल हैं जिन्होंने अपने बेटे मियां खान को भारतीय सेना में शामिल होने का आदेश दिया था जब 62 का यु्द्ध चीन के सामने लड़ा जा रहा था.”

पवन खेड़ा ने आगे कहा, ”ये वही मुस्लिम लीग है जिसके मंत्री को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिनेवा भेजा था भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए. ये वही मुस्लिम लीग है जिसके शिक्षा मंत्री बशीर ने केरल में संस्कृत की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी का गठन किया. एक और बात मैं मोदी जी को याद दिला दूं और उनके कोई अमित मालवीय है, उनको भी याद दिला दूं कि इस मु्स्लिम लीग के साथ नागपुर म्युनिसपैलिटी में भारतीय जनता पार्टी ने भी गठबंधन किया था. तब क्या वह सेक्युलर नहीं थी? इनका ज्ञान अगर इतना कम है भारतीय राजनीति के विषय में तो एक बात ये और समझ लें कि हिंदुस्तान में कोई राजनीतिक दल जो सेक्युलर नहीं है वो नियमानुसार रजिस्टर ही नहीं हो सकता. तो हटा दें उसको अगर इन्हें लगता है कि वो सेक्युलर नहीं तो उसकी रजिस्ट्रेशन कैंसिल करें.”

केरल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला ने ये कहा :
केरल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, ”निश्चित रूप से, IUML एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. वह धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है. वह धर्मनिरपेक्षता के लिए लड़ती है और फासीवादी आंदोलनों के खिलाफ है. राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा वह 100 फीसदी सही है.”

Manipur violence: गृह मंत्री अमित शाह की अपील का असर, लोगों ने 140 हथियार पुलिस को सौंपे

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इंफाल । मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चार दिनों के दौरे का असर देखने को मिला है। शाह ने मणिपुर में कई बैठकें करने के बाद शांति का मार्ग निकालने की पुरजोर कोशिश की थी। इसी के मद्देनजर उन्होंने लोगों से भी शांति बनाने की अपील की थी, जिसका परिणाम अब मिलने लगा है।

पुलिस को सौंपे गई राइफल और ग्रेनेड :
दरअसल, शाह की अपील के बाद मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर 140 हथियार पुलिस को सौंपे गए हैं। सरेंडर किए गए 140 हथियारों में एसएलआर 29, कार्बाइन, एके 47, इंसास राइफल, इंसास एलएमजी, प्वाइंट 303 राइफल, 9 एमएम पिस्टल, प्वाइंट 32 पिस्टल, एम16 राइफल, स्मोक गन और आंसू गैस, स्थानीय निर्मित पिस्तौल, स्टेन गन, राइफल, ग्रेनेड लांचर और जेवीपी शामिल हैं।

शाह ने की थी ये अपील :
गृह मंत्री ने राज्य के चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन इंफाल में एक संवाददाता सम्मेलन में हिंसा प्रभावित मणिपुर में सभी वर्गों से शांति बनाए रखने और सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। शाह ने इसके साथ चेतावनी दी थी कि पुलिस द्वारा तलाशी अभियान के दौरान अगर किसी के पास हथियार मिलते हैं तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा :
शाह ने इसी के साथ मणिपुर के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की भी अपील की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की ओर से गृह मंत्री ने मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की थी।

राहुल गांधी की भविष्यवाणी, कहा- अगले चार विधानसभा चुनावों में हो जाएगा बीजेपी का ‘सफाया’

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वाशिंगटन। अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने आज आगामी चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को भारतीय लोगों का विशाल समर्थन मिल रहा है और अगले तीन-चार विधानसभा चुनावों में भाजपा का ”सफाया” होने वाला है।

RSS और BJP का जीत का रथ अजेय नहीं :
अमेरिकी प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा- लोगों को यह मनाने की कोशिश की जा रही है कि आरएसएस और भाजपा का जीत का रथ अजेय है, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं भविष्यवाणी करता हूं कि अगले तीन या चार चुनाव में हम सीधे भाजपा के साथ लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे।

जो हाल कर्नाटक में किया, वैसा ही अब करेंगे :
राहुल ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए वास्तव में कठिन समय आने वाला है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के साथ हम वही करेंगे जो हमने कर्नाटक में किया है। बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल करते हुए भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

विधानसभा चुनावों से तय होगी 2024 की राह :
साल के अंत में पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे। राहुल ने कहा कि ये चुनाव 2024 में महत्वपूर्ण आम चुनावों के लिए मंच तैयार करेंगे। राहुल ने कहा कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हमारे पास बुनियादी मुद्दे हैं जो भाजपा को हराने के लिए आवश्यक हैं।

सांसदी जाने से हुआ फायदा :
राहुल इस बीच एक बार फिर कहा कि उनको सांसद के पद से निष्कासित करने से फायदा ही हुआ है। उन्होंने कहा कि अब मैं लोगों के बीच रह पाता हूं, समय बिता पाता हूं और उनकी समस्याओं को समझ पाता हूं। राहुल ने इसी के साथ कहा कि मैं लोगों के महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे उठाता रहूंगा।

9 years of Modi Govt: असम में भाजपा का मेगा प्लान, करेगी 14 जनसभाएं, कई वरिष्ठ नेता होंगे शामिल

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गुवाहाटी I मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा लगातार लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हाल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने 9 साल पूरे किए है। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपनी योजनाएं बना रही है। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर असम में भी भाजपा बड़े कार्यक्रम करने जा रही है। इस बात की जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दी।

हिमंत विश्व शर्मा ने क्या कहा :
हिमंत विश्व शर्मा ने एक बयान में कहा कि 11 से 20 जून तक, हम मोदी सरकार के 9 साल और आगामी लोकसभा चुनावों के लिए राज्य के लोकसभा क्षेत्रों में 14 जनसभाएं करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ सभाओं में मैं मौजूद रहूंगा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता और कुछ सभाओं में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और रामेश्वर तेली मौजूद रहेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में, हम जन संपर्क अभियान के तहत कम से कम 1400 परिवारों से मिलेंगे।

भाजपा का बड़ा दावा :
केंद्रीय मंत्रियों और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सत्ता में नौ साल पूरे होने के मौके पर सोमवार को देशभर में उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 2024 में सरकार के फिर से सत्ता में आने का भरोसा जताया। वैश्विक स्तर पर भारत के ‘‘बढ़ते’’ कद से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर, गरीबों के लिए आवास और शौचालय जैसे कल्याणकारी कदम, पाइप से पानी की आपूर्ति को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचा विकास और विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने के प्रयास उन पहलों में शामिल हैं, जिनका भाजपा नेताओं ने देश के हर राज्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलनों में उल्लेख किया।

Manipur: अमित शाह के मणिपुर दौरे का दिखा असर, राजीव सिंह होंगे राज्य के नए डीजीपी

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नई दिल्ली l अमित शाह के मणिपुर दौरे का असर दिखने लगा है। बता दें कि हिंसा की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने राजीव सिंह को मणिपुर का नया डीजीपी नियुक्त किया है। पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्मस विभाग के विशेष सचिव ने आदेश जारी कर कहा कि राजीव सिंह तत्काल प्रभाव से मणिपुर के नए डीजीपी होंगे। राजीव सिंह, पी डोंगेल की जगह लेंगे, जिन्हें राज्य सरकार ने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (गृह) तैनात किया है। पी डोंगेल के लिए यह नया पद सृजित किया गया है।

त्रिपुरा कैडर से मणिपुर कैडर में हुआ तबादला :
राजीव सिंह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वह सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर तैनात रह चुके हैं। गृह मंत्रालय ने राजीव सिंह को त्रिपुरा कैडर से तीन साल के डेप्युटेशन पर मणिपुर कैडर में ट्रांसफर दिया है। गृह मंत्रालय ने जनहित में विशेष मामले के तहत पॉलिसी में राहत देते हुए राजीव सिंह की तैनाती की है। बता दें कि अमित शाह के मणिपुर दौरे के बीच में यह आदेश आया है।

मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के तुरंत बाद ही केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व मुखिया कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त कर दिया था। मणिपुर में बीते करीब एक महीने से जातीय हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। राज्य में जारी हिंसक घटनाओं में अभी तक 80 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर में नहीं रुक रहीं हिंसक घटनाएं :
खबर के अनुसार, पुलिस और उग्रवादियों के बीच बुधवार रात को तांगजेंग इलाके में खुंबी पुलिस स्टेशन में गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुकी उग्रवादियों के साथ ये मुठभेड़ हुई। घायलों को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही इंफाल पूर्व के चानुंग इलाके में भी भारी गोलीबारी की खबर है। हालांकि वहां किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Rajasthan: आठ माह में 100 सीटें कवर चुके हैं पीएम मोदी, कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश

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अजमेर I कर्नाटक की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्य एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर हो गया है। पीएम ने अजमेर की रैली के जरिए कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री की इसी रैली के साथ ही भाजपा ने देशभर में चलाए जाने वाले महाजनसंपर्क अभियान के साथ ही राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की दी है। पीएम की अजमेर में सभा का असर प्रदेश की आठ लोकसभा क्षेत्रों की 64 में से 45 विधानसभा सीटों पर देखने को मिलेगा। इन 45 सीटों में से भाजपा के पास सिर्फ 20 सीटें हैं। बाकी की 25 सीटों में से 20 कांग्रेस, 2 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और 3 सीटें निर्दलीयों के कब्जे में हैं।

राजस्थान भाजपा के नेताओं का कहना है कि भाजपा इस अभियान के जरिए मोदी सरकार के कामों को जनता के बीच पहुंचा कर गहलोत सरकार की ‘फ्री बिजली’ और ‘चिरंजीवी’ जैसी योजनाओं से बने माहौल का असर को कम करने की कोशिश करेगी।

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पीएम मोदी का आठ माह में यह छठा राजस्थान दौरा है। मई की 10 तारीख को उन्होंने सिरोही के आबूरोड में सभा की थी। इस सभा के जरिए मोदी ने दक्षिणी राजस्थान के सिरोही, जालौर और पाली सहित आसपास के जिलों की 26 सीटों को साधा था। दक्षिण राजस्थान का यह इलाका भाजपा के लिए मजबूत माना जाता है। यहां की 26 में से पिछली बार भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके पहले 12 फरवरी को मोदी ने पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों दौसा, करौली, भरतपुर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, धौलपुर की 58 विधानसभा सीटों को साधने के लिए गुर्जर-मीणा बहुल दौसा में सभा की थी। पूर्वी राजस्थान में भाजपा की स्थिति कमजोर है। पिछले चुनाव में 58 में से उसे मात्र 11 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

पीएम ने 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में सभा की थी। यहां से उन्होंने गुर्जर समाज को साधने के लिए मालासेरी में स्थित देवनारायण भगवान के मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। जबकि पिछले साल एक नवंबर को मोदी ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में सभा करके आसपास की 19 सीटों को साधा था। इससे पहले 30 नवंबर को मोदी सिरोही के आबूरोड आए थे। उस समय प्रदेश भाजपा में चरम पर चल रही खींचतान को दूर करने के लिए उन्होंने सभी नेताओं को एक साथ मंच पर खड़ा करके एकजुटता का संदेश दिया था। पीएम मोदी के अब तक हुए दौरों पर गौर किया जाए, तो वे लगभग 100 विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं।

अभी तक के सभी दौरे जाति-समाजों को साधने के मकसद से ही हुए हैं। उनका फोकस आदिवासी, ओबीसी, गुर्जर-मीणा और एससी समुदाय रहा है। अब अजमेर में हो रही सभा में जिन 45 सीटों से भाजपा भीड़ जुटाने की तैयारी कर रही है, उनमें भी ज्यादातर सीटें ओबीसी और एससी बहुल सीटें हैं। पिछले चुनाव में भी पीएम ने चुनाव अभियान का आगाज अजमेर से ही किया था। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रदेशभर में निकाली गई गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर आए थे। यहीं से उन्होंने प्रदेश में चुनावी शंखनाद किया था। इस बार भी उनकी सभा को राजस्थान में भाजपा का चुनावी बिगुल बताया जा रहा है।

इसलिए भाजपा ने चुना अजमेर को :
भाजपा पीएम की इस रैली के जरिए इस क्षेत्र में अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी हुई है। अजमेर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की स्थिति मजबूत है। इसके अलावा गहलोत के करीबी माने जाने वाले रघु शर्मा की अजमेर में मजबूत पकड़ बताई जाती है। अजमेर में भाजपा कांग्रेस पर सीधा हमला कर पाए, लिहाजा पीएम की सभा अजमेर में करवाई जा रही है। अजमेर में सभी जातियों का अपना वर्चस्व है। लेकिन जाट और मुस्लिम यहां बड़ी संख्या में हैं। मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस को अपना वोट बैंक मानते हैं। ऐसे में इन वोटों में सेंध लगाने के लिए अजमेर में भाजपा की ओर से पीएम की सभा करवाई जा रही है।

मणिपुर में शांति बहाली की कोशिशें तेज; अमित शाह की अगुवाई में हिंसा प्रभावित लोगों के लिए काम कर रही सरकार

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इंफाल । मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी कुछ इलाकों में झड़पें देखने को मिल रही हैं। जिसके कारण केंद्र त्रिपक्षीय दृष्टिकोण पर काम कर रहा है ताकि युद्धरत मेइती और कुकी समुदायों को अशांत मणिपुर में स्थायी शांति के लिए एक मंच पर लाया जा सके।

केन्द्र सरकार त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर कर रही काम :
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि हिंसा को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए और पूर्वोत्तर राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल की जानी चाहिए। सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर काम कर रही है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इनमें प्रभावित लोगों से बातचीत, बढ़ी सुरक्षा के साथ अपना घर छोड़ने वालों का पुनर्वास और उग्रवादियों पर नियंत्रण शामिल है।

त्रिस्तरीय दृष्टिकोण:
प्रभावित लोगों से बातचीत
बढ़ी सुरक्षा के साथ अपना घर छोड़ने वालों का पुनर्वास
उग्रवादियों पर नियंत्रण
सूत्रों ने कहा, सरकार के सामने प्रमुख कार्य मैतेई और कुकी समुदायों के बीच विश्वास पैदा करना है। इसलिए, केंद्र मणिपुर में समाज के हर वर्ग तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है और स्थायी शांति के लिए उन्हें एक संकीर्ण आम जमीन में लाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस बात की चिंता है कि कई आतंकवादी अपने निर्धारित शिविरों से चले गए हैं और उन्हें वापस लाने के प्रयास जारी हैं।

सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बल सभी समुदायों के सदस्यों से कह रहे हैं कि अगर उनके पास हथियार हैं तो उन्हें सौंप दें। मेइती और कुकी दोनों समुदायों के प्रभावित लोगों में से कुछ, जिन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया था, वे अपने घर लौटना चाहते हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रशासन को निर्देश दिया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए ताकि वे अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर सकें।

मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: शाह
अमित शाह समाज के सभी वर्गों से बात कर रहे हैं और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।

तीन मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष के बाद से गृह मंत्री पहली बार मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। राज्य में तब से छिटपुट हिंसा देखी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, झड़पों में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को राज्य के पहाड़ी जिलों में “आदिवासी एकजुटता मार्च” आयोजित किए जाने के बाद पहली बार हिंसा भड़की थी।

आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर तनाव से पहले हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे।

राष्ट्रीय सामाजिक विकास समिति ने विद्यालय के बच्चों संग मनाई निर्जला एकादशी

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गुवाहाटी । राष्ट्रीय सामाजिक विकास समिति ने निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर बुधवार को फटाशिल आमबाड़ी तिनाली स्थित आमबाड़ी नवयुग प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों के बीच फल और शीतल पेय वितरित किया। इस मौके पर बच्चों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से विद्यालय को एक वाटर फिल्टर भी प्रदान किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सामाजिक विकास समिति की प्रदेश अध्यक्ष संतोष शर्मा, अध्यक्ष सारिका अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजिका सीमा जोशी, सह मंत्री जया, कोषाध्यक्ष सुनीता सराफ, उपाध्यक्ष सविता अग्रवाल, पिंकी जैन, सरोज काअडा, मीना पोद्दार, मीनाक्षी शर्मा, हर्ष मोर, खुशबू मोर, सोनू मस्करा, रेखा महेश्वरी, विनीता कयाल, सीमा शर्मा, गुलाब दुग्गड़ व नेहा रस्तोगी समेत सभी कार्यकर्ताओं को भरपूर सहयोग मिला। इस मौके पर उपस्थित विद्यालय की प्रधानाध्यापिका हेमलता मुदै, सहायक शिक्षक परमेश्वर डेका और आमबाड़ी फटाशिल क्लस्टर के सीआरसीसी रामेश्वर शर्मा का समिति की ओर से फूलाम गामोछा से अभिनंदन किया गया।

Share Market Today: 4 दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स 346 अंक फिसला, 18,550 के नीचे बंद हुआ निफ्टी

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नई दिल्ली. शेयर बाजार में 4 दिनों की तेजी पर ब्रेक लगा है. सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ है. बुधवार के कारोबार में रियल्टी, फार्मा, FMCG शेयरों में खरीदारी रही जबकि एनर्जी, मेटल, बैंकिंग शेयरों में दबाव देखने को मिला. आईटी और हेल्थकेयर इंडेक्स को छोड़कर सभी सेक्टर इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 346.89 अंक यानी 0.55 फीसदी की गिरावट के साथ 62,622.24 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी (Nifty) 110.35 अंक यानी 0.59 फीसदी की गिरावट के साथ 18,523.50 के स्तर पर बंद हुआ.

बुधवार के कारोबार में ONGC, Reliance Industries, Axis Bank, SBI और HDFC निफ्टी का टॉप लूजर रहे. वहीं Bharti Airtel, Kotak Mahindra Bank, Britannia Industries, Sun Pharma और Asian Paints निफ्टी का टॉप गेनर रहे.

अमेरिका में राहुल गांधी: बयानों पर भड़की BJP, कहा- एक अदना सा नेता विदेशी धरती पर कर रहा PM का अपमान

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नई दिल्ली l कांग्रेस नेता राहुल गांधी छह दिन के लिए अमेरिका गए हुए हैं। वहां उन्होंने बुधवार सुबह भारतीयों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कह डाला कि मोदी भगवान को भी बता सकते हैं कि क्या करना है। इस पर अब भाजपा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा राहुल गांधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ सकते। वह भारत का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। हर विदेश यात्रा में वह अपनी गलतियों को दोहराते हैं।

गौरतलब है, राहुल गांधी ने बुधवार सुबह कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक कार्यक्रम में भारतीयों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों के पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए थे।

अनिल विज का हमला :
अब राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहित कई भाजपा नेताओं ने घेर लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि दुनिया भर के देशों के नेता हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नहीं थकते और हमारे देश का एक अदना सा नेता राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करता है। ऐसे नेता का हर भारतवासी को बहिष्कार करना चाहिए।

हर यात्रा में भारत का अपमान: अनुराग ठाकुर
वहीं, अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी की हर यात्रा में भारत का अपमान किया जाता है। इस बार की प्रायोजित विदेश यात्रा भी उसी दिशा में है, जहां वो अपमान तो पीएम मोदी का करना चाहते हैं, लेकिन अंत में देश का अपमान करने से नहीं हठते। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप पहले के भी भाषण देखेंगे तो वह भारत को राष्ट्र ही मानते ही नहीं है, वो तो राज्यों का संघ कहते हैं। साथ ही वह भारत के बढ़ते कदमों पर भी प्रश्नचिह्न करते हैं।

ठाकुर ने राहुल पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि आखिर उनकी यात्रा का मकसद क्या होता है? वह विदेश यात्रा से क्या पाना चाहते हैं? क्या विदेश में कीचड़ उछालना ही काम रह गया है?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप अंतर देख सकते हैं जब-जब राहुल विदेश की यात्रा पर गए हैं उन्होंने भारत और देशवासियों पर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं कहूं कि भारत की जो तरक्की हो रही है, साख बढ़ रही है उसको गिराने का काम लगातार राहुल कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पीएम मोदी की यात्रा पर नजर डालिए। पीएम ने हाल ही में अपनी विदेश यात्रा के दौरान लगभग 24 पीएम और दुनिया के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की और 50 से अधिक बैठकें की थीं। कई विदेशी मंत्री उन्हें लोकप्रिय नेता बताते हैं। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा था कि पीएम मोदी बॉस हैं। उन्होंने कहा कि शायद यही बात राहुल को नहीं पची होगी, इसलिए वह विदेश में उनका अपमान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल ने अपनी विदेश यात्रा पर कहा कि 80 के दशक में दलितों पर अत्याचार हुआ था, तब तो कांग्रेस की ही सरकार थी। अनुराग ठाकुर ने कहा शायद यही राहुल बताना चाह रहे थे कि उनकी सरकार में सिर्फ दलितों पर अत्याचार हो रहे थे, जबकि आज सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास इसी मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

राहुल गांधी नहीं ‘फेक गांधी’
प्रह्लाद जोशी ने भी वार करते हुए कहा कि राहुल गांधी नहीं वे ‘फेक गांधी’ है। भाजपा नेता ने कहा कि ये कितना हास्यास्पद है कि कोई व्यक्ति कुछ नहीं जानता, लेकिन अचानक से हर चीज का विशेषज्ञ बन जाता है। एक व्यक्ति जिसका इतिहास ज्ञान अपने परिवार से आगे नहीं जाता है, वह इतिहास के बारे में बात कर रहा है।

जोशी ने कहा कि आलू से सोना पैदा करने का दावा करने वाला शख्स विज्ञान पर लेक्चर दे रहा है और जो शख्स कभी पारिवारिक मामलों से आगे नहीं बढ़ा, वह अब भारत की जंग का नेतृत्व करना चाहता है। उन्होंने कहा कि लेकिन ‘फेक गांधी’ ये नहीं कर पाएंगे। भारत का मूल इसकी संस्कृति है।

अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम में लगे ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, आतंकियों ने दी धमकी- अगला नंबर मोदी का

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वॉशिंगटन I कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान खालिस्तानी समर्थकों का सामना करना पड़ा। बुधवार को वह सैन फ्रांसिस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे कि तभी हॉल में बैठे खालिस्तानी समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने हवा में खालिस्तानी झंडे लहराए और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। जवाब में राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘नफरत के शहर में मोहब्बत की दुकान’। आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर राहुल गांधी और पीएम मोदी को धमकी दी है।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर शेयर एक वीडियो में ‘सिख फॉर जस्टिस’ का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देते हुए नजर आ रहा है। अमेरिका में बसा मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू वीडियो में कहता है कि राहुल गांधी अमेरिका में जहां भी जाएंगे खालिस्तानी उनके सामने खड़े होंगे। वह कहता है कि 22 जून की अगली बारी पीएम मोदी की है।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर बोला हमला :
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भारतीय प्रवासियों की एक सभा को दिए अपने संबोधन में, भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर लोगों को ‘धमकाने’ और देश की एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया। कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में मंगलवार को एक कार्यक्रम में गांधी ने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारत में राजनीति के सभी साधनों को नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले उन्होंने महसूस किया कि राजनीति में लंबे समय से चले आ रहे सामान्य तौर-तरीके अब काम नहीं आ रहे हैं।

‘सभी साधनों पर बीजेपी-RSS का नियंत्रण’ :
राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा लोगों को धमका रही है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इसलिए शुरू की गई क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जिन साधनों की जरूरत थी, उन सभी पर भाजपा-आरएसएस का नियंत्रण है।’ उन्होंने कहा, ‘हम यह भी महसूस कर रहे थे कि राजनीतिक रूप से कार्य करना काफी कठिन हो गया है। इसलिए हमने भारत के सबसे दक्षिणी सिरे से श्रीनगर तक पदयात्रा का फैसला किया।’ गांधी ने कहा कि स्नेह, सम्मान और विनम्रता की भावना से यात्रा की गई।

Rajasthan Election: 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कितनी बदली राजस्थान की सियासत, इस बार किसका दावा कितना मजबूत

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार के नौ साल पूरे होने पर पार्टी जनता का समर्थन हासिल करने के लिए कई जनसभाएं कर रही है। इसी कड़ी में कल 31 मई को राजस्थान के अजमेर में पीएम मोदी बड़ी जनसभा कर अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाएंगे। राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

भाजपा जहां प्रधानमंत्री के दौरे के साथ अपनी चुनावी तैयारियों को परखेगी। वहीं, बीते दिन कांग्रेस नेता सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जारी विवाद को खत्म करने का बड़ा दावा केंद्रीय नेतृत्व ने कर दिया। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीत दर्ज करेंगे।

अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य की कांग्रेस सरकार भी चुनावी साल में अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में लगी है। हाल ही में राइट टू हेल्थ बिल पास कराकर जहां कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में माहौल बदलने की कोशिश कर रही है। वहीं, विपक्षी दल भाजपा राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध का हवाला देते हुए अपनी वापसी के दावे कर रही है। इन दोनों के अलावा अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आप भी चुनावी मैदान में उतने की तैयारी कर रही है।

इन सब के बीच आइये जानते हैं बीते पांच साल में राज्य की सियासत में क्या-क्या बदला? 2018 के चुनाव नतीजे क्या रहे? कब-कब गहलोत सरकार पर संकट आया? राज्य में कांग्रेस की जीत का नेतृत्व करने वाले सचिन पायलट ने कब-कब गहलोत सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कीं?

2018 में नतीजे क्या रहे थे?
राजस्थान विधानसभा के लिए चुनाव सात दिसंबर को हुए थे जबकि परिणाम 11 दिसंबर को घोषित हुए। अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं।

इसके साथ ही प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। कांग्रेस को बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस ने निर्दलियों और अन्य की मदद से जरूरी आंकड़ा जुटा लिया। इसके साथ ही राज्य की सत्ता में वापसी की।

एक तस्वीर से तय हुआ नेतृत्व :
चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री का सवाल खड़ा हो गया। इसके लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच गहन चर्चा हुई। इसके बाद अशोक गहलोत के हाथों में राज्य की सत्ता सौंपने का फैसला हुआ।

इसी दौरान राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री पद के दावेदार दोनों नेताओं की खुद के साथ एक तस्वीर ट्वीट की। इस फोटो को उन्होंने कैप्शन दिया, ‘यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान।’ बसपा और निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन सौंप दिया जिसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बने।

चुनाव के बाद सभी बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल हुए :
राज्य में चुनाव के बाद कभी भी सियासी हलचलें नहीं थमीं। सितंबर 2019 में एक बड़ा सियासी घटनाक्रम घटा जब बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक सत्तारुढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। कई दिनों तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संपर्क में रहे बसपा विधायकों ने अपने विधायक दल के कांग्रेस में विलय की सूचना देने वाला एक पत्र विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को सौंपा।

जब पायलट गुट की बगावत से खड़ा हुआ सरकार गिरने का खतरा :
दिसंबर 2018 में सरकार बनने के 19 महीने बाद ही गहलोत सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हुआ। यह संकट 12 जुलाई 2020 से शुरू होता है जब कांग्रेस के 19 विधायक गहलोत और पायलट गुटों के बीच विभिन्न मुद्दों पर विवादों के बाद दिल्ली आ गए। ये विधायक तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे के थे। इसी बीच पायलट ने दावा किया कि उनके पास कुल 30 विधायकों का समर्थन है।

कांग्रेस ने संभालने के लिए रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे को जयपुर भेजा। इस बीच, सचिन पायलट ने फिर से पुष्टि की कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के लिए एक बैठक की। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। 14 जुलाई को उन्हें उनके दो विधायकों सहित राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। सचिन पायलट का समर्थन करने वाले कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश चंद मीणा से भी उनके मंत्रालय छीन लिए गए। बगावत के लिए कांग्रेस यहीं नहीं रुकी बाद में पायलट को विधानसभा से उनकी सदस्यता भंग करने के बारे में राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष, सी. पी. जोशी ने नोटिस भेज दिया।

कांग्रेस आलाकमान से एक मुलाकात ने बदल दी परिस्थितियां :
10 अगस्त को, सियासी घटनाक्रम में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब अचानक सचिन पायलट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले। इसके बाद सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले और आखिरकार, राजस्थान कांग्रेस के दोनों गुट फिर से एक हो गए। 14 अगस्त को, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने राजस्थान विधान सभा में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया। इस दौरान राजस्थान सरकार के सभी विधायक उपस्थित थे।

चुनाव से साल भर पहले फिर दिखी बगावत :
पिछले साल सितंबर में राजस्थान सरकार एक बार फिर संकट में आई जब चुनाव से पहले कांग्रेस ने राज्य में नेतृत्व बदलना चाहा। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के कई विधायकों ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के विरोध में इस्तीफा देने की धमकी दी। यह वो समय था जब गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में थे। 25 सितंबर की रात गहलोत गुट के 82 विधायक अचानक विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी से मिले और अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि, स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इस्तीफे के बाद, देर रात तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे को दिल्ली वापस बुला लिया। साथ ही, एआईसीसी के सदस्यों ने सोनिया गांधी से अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर करने का अनुरोध किया। 26 सितंबर को सोनिया गांधी के आवास पर राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक हुई। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधायकों से बातचीत के लिए जयपुर भेजा गया। 29 सितंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने और राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का फैसला लिया।

राज्य में उपचुनाव भी हुए?
विधानसभा चुनाव 2018 के बाद कई सीटों पर उपचुनाव भी हुए जिनमें सत्ताधारी कांग्रेस हावी रही। अप्रैल 2021 में सुजानगढ़, सहाड़ा व राजसमंद सीटों पर उपचुनाव हुए। ये सीटें संबंधित विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुई थीं। इसके परिणामों की बात करें तो सहाड़ा और सुजानगढ़ में कांग्रेस को जीत मिली जबकि राजसमंद में भाजपा ने बाजी मारी। नवंबर 2021 में वल्लभनगर और धरियावद सीट पर चुनाव कराए गए थे। इन दोनों सीट पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था। बता दें कि ये सीटें संबंधित विधायकों के निधन के कारण खाली हुई थीं। पिछले साल दिसंबर में सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। यह सीट विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के कारण रिक्त हुई थी।

अभी क्या है विधानसभा की स्थिति?
2018 के चुनाव के बाद 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की 99, भाजपा की 77 सीटें थीं। छह सीटें बसपा और 20 अन्य के खाते में गई थीं। इस वक्त 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108, भाजपा के 70 और 21 अन्य हैं। वहीं उदयपुर सीट वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया के इस्तीफे के कारण इसी साल फरवरी महीने में खाली हो गई थी जब उन्हें असम का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया।

इस चुनाव में कौन से मुद्दे हावी होंगे, किसकी तैयारी कैसी है?
2018 में राजस्थान विधानसभा के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। ऐसे में चुनावों को अब आठ महीने का वक्त बचा है। इस चुनाव में कांग्रेस के सामने अपना किला बचाने की चुनौती होगी। वहीं, भाजपा अपनी वापसी की कोशिश करेगी। मौजूदा सरकार के सामने बेरोजगारी और अपराध जैसे बड़े मुद्दे हैं जिन्हें विपक्ष लगातार उठा रहा है। वहीं चुनाव से कुछ महीने पहले राइट टू हेल्थ बिल पारित कराकर सरकार इसे ऐतिहासिक बता रही है। इसके पहले राज्य सरकार 10 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देने वाली चिरंजीवी योजना लागू कर चुकी है।

चुनावी तैयारियों की बात करें तो कांग्रेस और भाजपा लगातार बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। चुनावी विश्लेषकों की मानें तो भाजपा इस बार मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ सकती है जबकि कांग्रेस के सामने अभी भी असमंजस की स्थिति में है। इस बार आम आदमी पार्टी भी राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ राजस्थान के जयपुर में तिरंगा यात्रा निकालकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है।

हरिद्वार में पहलवानों को मनाने में कामयाब हुए नरेश टिकैत, नहीं बहाए जाएंगे मेडल; मांगा 5 दिन का समय

थर्ड आई न्यूज

हरिद्वार I पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर WFI प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के रूप में अपने पदक गंगा नदी में बहाने हरिद्वार पहुंचे। पहलवानों के गुट में साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट समेत अन्य कई पहलवान और समर्थक शामिल हैं।

गंगा दशहरा स्नान पर्व होने के चलते हर की पौड़ी के गंगा घाट श्रद्धालुओं से लबालब भरे हुए हैं। इस बीच दिल्ली से पहलवानों और उनके समर्थकों के पहुंचने व नारेबाजी से घाटों पर अफरातफरी की स्थिति बन गई है।

पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस ने की प्रेस कांफ्रेंस :
पहलवानों द्वारा हरिद्वार में विरोध जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने सरकार पर निशाना साधा।

पहलवानों को नरेश टिकैत ने मनाया, नहीं बहाएंगे मेडल :
भारतीय किसान यूनियन के नेता पहलवानों से मिलने के हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने पहलवानों को मेडल न बहाने के लिए मनाया। पहलवानों ने उनकी बात मान ली है, वे अब मेडल नहीं बहाएंगे। नरेश टिकैत ने पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है।

इंस्टीट्यूट आफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स आफ इंडिया की आम सभा आयोजित

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के गुवाहाटी चैप्टर ने रविवार, 28 मई को अपने इंस्टीट्यूट के 64वें स्थापना दिवस का आयोजन होटल विवांता में किया। उल्लेखनीय है कि साल 1959 में इसी दिन, संस्थान की स्थापना संसद के एक विशेष अधिनियम, Cost & Works Accountants Act, 1959 के तहत की गयी थी ।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। चैप्टर के चेयरमैन सीएमए राणा बोस ने उपस्थित लोगों को स्थापना दिवस, इसके महत्व और इंस्टीट्यूट के बारे में अन्य जानकारियां दी।

इस मौके पर दिसंबर 2019 से दिसंबर 2022 के दौरान संस्थान की अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले और योग्य Cost Accountant बनने वाले सफल छात्रों को भी प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। चैप्टर के सचिव रूपम शर्मा ने कार्यवाही का संचालन किया।

इसके बाद वार्षिक आम बैठक आयोजित की गई, जिसमें सचिव ने उपस्थित लोगों को वर्ष 2022-23 के दौरान अध्याय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मतदान हुआ, जिसके माध्यम से अध्याय की अगली प्रबंध समिति को 2023-2027 की अवधि के लिए चुना गया।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में उच्च पदों पर आसीन विभिन्न अन्य वक्ताओं और संस्थान के पेशेवरों ने भी इस अवसर पर बात की, जिसमें उन्होंने Cost Accountancy के पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने व कैरियर की संभावनाओं पर जोर दिया और सभी को पेशे में गौरव लाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। .

बाजार की बढ़त लगातार चौथे दिन बरकरार, सेंसेक्स 123 अंक उछला, निफ्टी फिर 18600 के पार

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l घरेलू शेयर बाजार में हरियाली लगातार चौथे दिन भी जारी रही। मंगलवार को सेंसेक्स 123 अंक उछलकर 63 हजार के करीब पहुंच गया। यह 62,969.13 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर निफ्टी 35.20 (0.19%) अंकों की बढ़त के साथ 18,633.85 अंकों के लेवल पर बंद हुआ। मंगलवार के कारोबारी सेशन के दौरान एचएएल के शेयरों में तीन प्रतिशत जबकि आईटीसी के शेयरों में दो प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

साहिल खान को नहीं है साक्षी की हत्या का पछतावा, 15 दिन पहले ही खरीदा था धारदार चाकू; पुलिस पूछताछ में खुलासे

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l राजधानी नई दिल्ली के साक्षी मर्डर केस में आरोपी साहिल खान को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. इससे पहले की गई पुलिस पूछताछ में पता चला कि साक्षी को मारने का साहिल को कोई पछतावा नहीं है. पुलिस सूत्रों की मानें तो जघन्य और बर्बर तरीके से नाबालिग लड़की की हत्या करने वाले आरोपी के चेहरे पर शिकन तक नहीं है.

सोमवार को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार करने के बाद आरोपी साहिल खान को दिल्ली के बवाना थाने में रखा गया है. बीती रात पुलिस अधिकारियों ने साहिल से पूछताछ की थी. अब साहिल खान को मंगलवार के दिन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आरोपी को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

पूछताछ में पता चला है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने चाकू को रिठाला इलाके में छिपा दिया था. फिलहाल हत्या में प्रयुक्त हथियार को अभी बरामद नहीं किया गया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग की हत्या के आरोपी साहिल ने तकरीबन 15 दिन पहले हत्या में इस्तेमाल चाकू को खरीदा था. आरोपी साहिल ने किस एरिया से चाकू खरीदा था? उसकी लोकेशन नहीं बताई है.

भारतीय करेंसी में 500 रुपये का बोलबाला, एक साल में नोट छापने पर ही अरबों खर्च कर देता है आरबीआई

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नई दिल्ली। भारत में करेंसी बैंकनोट्स की वैल्यू और वॉल्यूम में वित्त वर्ष 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में 9.9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत था। मंगलवार को जारी हुई आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ।

बैंक नोट की वैल्यू के हिसाब से बात करें तो 31 मार्च, 2023 के अंत तक 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन 87.9 प्रतिशत था, जो कि एक साल पहले 87.1 प्रतिशत था।

500 और 10 रुपये के नोट सबसे ज्यादा चलन में :
31 मार्च, 2023 तक वॉल्यूम के हिसाब से देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन का 37.9 प्रतिशत 500 के नोट के रूप में है। इसके बाद 19.2 प्रतिशत के साथ 10 रुपये का नोट है।

देश में 500 रुपये के 5,16,338 लाख नोट चलन में हैं, जिनकी वैल्यू 25,81,690 करोड़ है, जबकि एक साल पहले मार्च, 2022 में 4,55,468 लाख नोट चलन में थे।

2000 के नोट वैल्यू के हिसाब से 31 मार्च, 2023 तक देश में कुल करेंसी सर्कुलेशन का 10.8 प्रतिशत है, जो कि एक साल पहले 13.8 प्रतिशत था।
भारत में कौन-कौन से नोट चलन में हैं?

मौजूदा समय में 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये का नोट चलन में हैं। इसके साथ 50 पैसे, 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के चल रहे हैं।

डिजिटल रुपये का सर्कुलेशन कितना है?
31 मार्च, 2023 तक देश में CBDC यानी ई-रुपया थोक और ई-रुपया खुदरा का सर्कुलेशन 10.69 करोड़ रुपये और 5.70 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में हैं।

RBI ने नोट छापने पर कितना किया खर्च?
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई की ओर से 4,682.80 करोड़ रुपये नोट छापने के लिए खर्च किए गए हैं, जो कि पिछले वित्त वर्ष 4,984.80 करोड़ रुपये था।

2022-23 में कितने नकली नोट पकड़े गए?
वित्त वर्ष 2022-23 में 20 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट में 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, 10 रुपये, 100 रुपये और 2000 रुपये के नकली नोट में 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

मणिपुर हिंसा: बदमाश हुए बैखोफ, सेना से ही हथियार और बारूद छीनने की कोशिश, जवानों पर हमलों को दे रहे अंजाम

थर्ड आई न्यूज

इंफाल I मणिपुर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जब लगता है कि माहौल में शांति आ रही है, तभी एक और डरावनी रिपोर्ट सामने आ जाती है। अब खबर आ रही है कि हिंसा वाले राज्य में बदमाशों बैखोफ हो गए हैं। वह हथियार और गोला-बारूद प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। हिंसक तत्व सेना को भी अपना निशाना बना रहे हैं।

फिर भड़की हिंसा, तो सामने आया ये सच :
सूत्रों के अनुसार, 27 और 28 मई की रात को एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद बदमाश सक्रिय हो गए है। तब से लोग इंफाल में सुरक्षा प्रतिष्ठानों से हथियार कब्जाने में लगे हुए है। इसी क्रम में, सोमवार को करीब 100 से अधिक लोग इंफाल पूर्व में 7वीं बटालियन मणिपुर राइफल्स के गेट पर एकत्र हुए। हालांकि, सेना ने इन लोगों को तितर-बितर कर दिया। वहीं, पोरोमपत पुलिस थाने में भी बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और हथियार लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे ये भीड़ नाकाम रही।

इतना ही नहीं, हिंसा के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने कई जगहों से हथियार भी बरामद किए हैं। साथ ही, इंफाल वेस्ट के इंगोरोक चिंगमंग में सोमवार दोपहर को भी गोलीबारी हुई, जो देर शाम तक जारी रही।

पुलिस ने 22 को दबोचा :
रिपोर्ट के अनुसार, सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कई हथियारबंद बदमाश इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, ग्वालताबी और शाबुनखोल में घरों को जलाने के लिए जा रहे हैं। सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाया और 22 लोगों को मौके पर दबोच लिया। अधिकारी ने कहा कि जब हथियार बरामद किए गए, तो ज्ञात हुआ कि इन बदमाशों पर अधिकतर सेना के हथियार थे। कोहिमा और इम्फाल के पीआरओ (रक्षा) के अनुसार, इन बदमाशों से पांच बारह बोर डबल बैरल राइफलें, तीन सिंगल बैरल राइफलें, डबल बोर के साथ एक देश में बने हथियार और एक थूथन लोडेड राइफल बरामद की गई है।

इसके अलावा, रविवार की रात न्यू चेकॉन से पकड़े गए तीन लोगों के पास से मैगजीन के साथ एक इंसास राइफल, 5.56 मिमी गोला बारूद के 60 राउंड, एक चीनी हथगोला और एक डेटोनेटर बरामद किया गया।

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई :
गौरतलब है, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बताया था कि करीब 40 कूकी आतंकवादी, जो लोगों को अपना निशाना बना रहे थे, सुरक्षा बलों द्वारा अब तक मारे जा चुके हैं। सीएम के ये बयान के एक दिन बाद आई रिपोर्ट से साफ है कि राज्य में हिंसा बढ़ती ही जा रही है। इस बीच, मणिपुर सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि अगर कोई गलत जानकारी और अफवाहें फैलाता पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Manipur Violence: कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के सामने रखीं 12 मांगें, कहा- उच्चस्तरीय जांच आयोग गठित करें

थर्ड आई न्यूज

इंफाल I हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति बहाली के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर हिंसा की खबरें आ रही हैं। इस हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। जहां आज सरकार ने पीड़ित परिवारों के दुख पर मरहम लगाने के लिए मुआवजे का एलान किया है। तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर एक उच्च स्तरीय जांच आयोग के गठन की मांग की।

मणिपुर की स्थिति को लेकर मंगलवार दोपहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। वहीं, कांग्रेस नेता ने बताया कि मणिपुर के बिगड़ते हालात को काबू लाने के लिए उन्होंने मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। नेता ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के एक सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच आयोग के गठन सहित 12 मांगें रखी हैं।

10 लाख रुपये मुआवजे का एलान :
वहीं, अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि केंद्र और मणिपुर राज्य सरकार ने मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान मरने वालों के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, दंगे में मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को भी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुआवजे की राशि केंद्र और राज्य सरकार समान रूप से वहन करेगी।

वहीं, अधिकारियों ने बताया कि अफवाहों की वजह से राज्य में लगातार हिंसा बढ़ी है। जब भी शांति का माहौल बनता है तो कोई न कोई गलत जानकारी देकर अशांति फैला देता है। इसलिए अब अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए एक टेलिफोन नंबर भी जारी करने का फैसला लिया है।

बता दें, सोमवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बीच हुई बैठक में मुआवजे देने का फैसला लिया गया। शाह की बैठक में यह भी सुनिश्चित करने का फैसला किया गया कि कीमतें कम करने के लिए पेट्रोल, एलपीजी गैस, चावल और अन्य खाद्य उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं को बड़ी मात्रा में उपलब्ध कराया जाएगा। सोमवार रात इंफाल पहुंचे गृह मंत्री के साथ गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका भी मौजूद रहे।

अमित शाह मंगलवार को मेइती और कुकी दोनों समुदायों के राजनीतिक और नागरिक समाज के नेताओं के साथ कई बैठकें करेंगे और इस महीने की शुरुआत में सबसे खराब दंगों के स्थल चुराचांदपुर का दौरा करेंगे।

ओलंपिक में जीते मेडल गंगा में बहाएंगे खिलाड़ी, बोले-अब लग रहा जीते ही क्यों थे?

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हरिद्वार I खिलाड़ियों के उत्पीड़न के विरोध में आज पहलवान खिलाड़ी हरिद्वार में गंगा में मेडल प्रवाहित करेंगे। इसकी जानकारी खिलाड़ी बजरंग पुनिया ने ट्वीटर एकाउंट पर शेयर की है।

उन्होंने लिखा ’28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है। पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहे हैं। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। यहां तक कि पाक्सो एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। महिला पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे।

अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना।

मां गंगा से पवित्र कुछ नहीं, इसलिए उन्हीं की गोद में प्रवाहित करेंगे मेडल :
मन में यह सवाल आया कि किसे लौटाएं ये मेडल। हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ दो किलोमीटर दूर बैठीं सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं। हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली, बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया। वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था I उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी, मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूं।

इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहां हैं। भारत में बेटियों की जगह कहां हैं। क्या हम केवल नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर केवल अपना प्रचार करता है यह तेज सफेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मा हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है।

बाजार में बहार, सेंसेक्स 62,850 के पास बंद, 18600 के करीब क्लोज हुआ Nifty

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नई दिल्ली l भारतीय शेयर बाजार के लिए आज हफ्ते का पहला कारोबारी दिन सोमवार बेहद शानदार साबित हुआ. दिन भर की ट्रेडिंग में सेंसेक्स-निफ्टी और बैंक निफ्टी ऊपरी स्तरों के पास ही बने रहे. बैंक निफ्टी ने तो आज ऐतिहासिक ऊंचाई का रिकॉर्ड भी बना दिया. जानें आज शेयर बाजार की क्लोजिंग किन स्तरों पर हुई है.

कैसे बंद हुआ बाजार :
एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 0.54 यानी आधा फीसदी की ऊंचाई के साथ 99.30 अंक चढ़कर 18,598 पर कारोबार बंद करने में कामयाब रहा. इसके अलावा बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स आज 344.69 अंक यानी 0.55 फीसदी की उछाल के साथ 62,846.38 पर बंद हुआ है.

सेंसेक्स और निफ्टी का हाल :
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल देखें तो निवेशकों को आज अच्छी कमाई हुई है. सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में उछाल के साथ और 10 शेयरों में गिरावट के साथ कारोबार बंद हुआ है. वहीं निफ्टी के 50 में से 34 शेयरों में मजबूती रही और ये हरे निशान में बंद हुए हैं. इसके 16 शेयरों में आज गिरावट के लाल निशान के साथ क्लोजिंग देखने को मिली.

सेक्टोरियल इंडेक्स की तस्वीर :
आज निफ्टी के आईटी और ऑयल एंड गैस इंडेक्स को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरियल इंडेक्स में तेजी के हरे निशान पर क्लोजिंग देखने को मिली है. सबसे ज्यादा 1.3 फीसदी का उछाल कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में देखने को मिला है. इसके अलावा फाइनेंशियल सर्विसेज 1.11 फीसदी ऊपर रहे और मेटल शेयरों में 0.94 फीसदी की मजबूती के साथ कारोबार बंद हुआ है.

Delhi Murder Case: ‘कातिल साहिल को हो फांसी’, मां ने बताई हत्या से कुछ घंटे पहले बेटी से क्या हुई थी बात

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नई दिल्ली l दिल्ली में सोमवार रात दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया है। शाहबाद डेरी थाना इलाके में एक युवक ने नाबालिग लड़की को चाकू से गोदने के बाद पत्थर से कुचलकर मार डाला। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। जिस किसी ने भी हत्या के इस फुटेज को देखा वो दहल उठा। इस बर्बरता से हर कोई बेचैन हो उठा है।

हालांकि पुलिस ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए नाबालिग की हत्या के आरोपी साहिल को बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद पहली बार बेटी की मां मीडिया के सामने आई और बातचीत की। मां ने बातचीत में बताया कि मेरी बेटी पढ़ने में बहुत अच्छी थी, अभी उसने 10वीं पास किया था। वो बीते 10 दिन से अपनी सहेली नीतू के घर पर रह रही थी। मुझे नहीं पता था कि साहिल उसे मार डालेगा।
जल्द घर आने वाली थी बेटी
मां ने बताया कि हत्या से पहले दिन में करीब डेढ बजे मेरी बात हुई थी। उसने कहा था की नीतू के दो छोटे बच्चे हैं जिनमें से एक का आज बर्थडे है तो उसका बर्थडे मनाना है। मैंने उसे घर आने को कहा तो उसने कहा कि नीतू के पति जेल में हैं जैसे ही वो छूटकर आ जाएंगे तो मैं आ जाऊंगी। मां ने बताया कि उसे साहिल के बारे में कुछ भी नहीं पता है। पीड़िता की मां ने कहा कि मैं चाहती हूं कि साहिल को फांसी की सजा हो।

पिता बोले- वकील बनना चाहती थी बेटी :
मृतका के परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है। उसके पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया मेरी बेटी पढ़ लिखकर वकील बनना चाहती थी। लेकिन साहिल ने मेरी बेटी को बेहरमी से मार डाला। उसे जल्द जल्द से फांसी पर चढ़ाया जाए।

दोनों के बीच पहले हुआ था झगड़ा :
पुलिस पड़ताल में आरोपी की पहचान साहिल पुत्र सरफराज के रूप में हुई। नाबालिग लड़की परिवार संग ई-36 जेजे कॉलोनी में रहने वाले थी। पुलिस ने बताया दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में आरोपी को बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया।

Delhi Murder Case: ‘गली-गली केरला स्टोरी’, दिल्ली में नाबालिग हिंदू लड़की की हत्या पर भड़के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा

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नई दिल्ली I भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने देश की राजधानी दिल्ली में एक नाबालिग हिंदू लड़की की निर्मम हत्या के बाद बड़ा बयान दिया है. इस घटना को लेकर उन्होंने कहा, ‘ताज्जुब और डराने वाली बात यह है कि इस तरह की वारदात को राजधानी में बेखौफ होकर अंजाम दिया जा रहा है. एक नाबालिग हिंदू लड़की को कुचल-कुचलकर मारा जा रहा है. हालात इतने खराब हैं कि दिल्ली में ही गली-गली में ‘द केरल स्टोरी’ जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. अभी हम श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत थे ​कि एक और हिंदू नाबालिग लड़की की दिल दहलाने वाली हत्या ने सबको सन्न कर रख दिया है’.

कपिल मिश्रा के ट्वीट में क्या है :
दिल्ली बीजेपी नेता ने दिल्ली में एक नाबालिग लड़की की हत्या का मामला सामने आने के बाद अपने ट्वीट में लिखा है कि चौंकाने वाली बात है कि इस तरह की दर्दनाक हत्या दिल्ली में हुई है. एक और नाबालिग हिंदू लड़की को कुचल कुचलकर मार दिया गया. उन्होंने लिखा है कि लड़की का हत्यारा सरफराज का बेटा साहिल है. कपिल मिश्रा ने आगे लिखा है कि अब तो दिल्ली के गली-गली में कितनी केरला स्टोरी नजर आने लगी है? उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए लिखा है कि अभी तक श्रद्धा को न्याय नहीं दिला पाएं हैं. श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उसे न्याय दिलाने का अभी इंतजार है. इस बीच एक और नाबालिग लड़की की हत्या से साफ है कि न जाने कितनी और श्रद्धा हैवानियत का शिकार हर दिन होती रहेगी.

बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होगा आरोपी :
दिल्ली के शाहबाद डेयरी थाना क्षेत्र में एक दिन पहले नाबालिग लड़की की हुई निर्मम हत्या को लेकर दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने कहा कि पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं. पुलिस की जांच मर्डर केस मामले में जारी है. नाबालिग लड़की की हत्या का आरोपी बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होगा.

मर गई दिल्ली की इंसानियत!: साहिल चाकू और पत्थर से लड़की पर करता रहा वार, पास से गुजरते रहे पत्थरदिल लोग

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली l राजधानी दिल्ली एक बार फिर से शर्मसार हुई है। एक युवती का सरेआम मार्डर होता है और लोग तमाशा देखते रहते हैं। जिस तरह की तस्वीरें और वीडियो इस घटना के सामने आ रही है वो किसी को भी विचलित कर सकती हैं। इन तस्वीरों और वीडियो ने एक सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर राजधानी के लोग कितने संवेदनहीन हो गए हैं। बीच सड़क पर लोगों के सामने एक युवक युवती पर पहले चाकू से बार करता है, उसका सर पत्थर से कुचलता है और लोग आस-पास से गुजरते रहते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। यह घटना राजधानी के शाहबाद डेयरी इलाके की बताई जा रही है। आरोपी साहिल नाम के युवक ने 16 वर्षीय युवती की जिस तरह से चाकू और पत्थरों से हत्या की उसने दिल्ली को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है।

इतना तो साफ है कि हत्यारे को पुलिस और समाज का जरा भी डर नहीं था। दिल्ली में संवेदनहीनता का यह पहला उदाहरण नहीं है इससे पहले भी कई मामले ऐसे आ चुके हैं जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर राजधानी के लोगों में इंसानियत बची भी या नहीं। कुछ दिन पहले ही कंझावला कांड में भी इंसानियत शर्मसार हुई थी जिसमें लोग एक युवती को गाड़ी के नीचे कई किलोमीटर तक घसीटते रहे।

इस संबंध में पुलिस का कहना है कि साहिल और युवती के बीच संबंध थे, लेकिन रविवार को दोनों के बीच विवाद हो गया। जब युवती अपनी सहेली के बेटे के जन्मदिन में जा रही थी तो इसी दौरान साहिल ने उसे गली में रोक लिया। दोनों के बीच कहासुनी हुई। इसके बाद आरोपी साहिल ने उस पर ताबड़तोड़ चाकू से वार कर दिए। जब इतने में भी मन नहीं भरा तो आरोपी ने कई बार उस पर पत्थर उठाकर मारा।